Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

SVLL के साथ अपने रिश्ते पर सफाई दें PM मोदी ,जिस कंपनी ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उपभोक्ताओं की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर दिया: पवन खेड़ा

  • by: news desk
  • 13 March, 2021
SVLL के साथ अपने रिश्ते पर सफाई दें PM मोदी ,जिस कंपनी ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उपभोक्ताओं की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर दिया: पवन खेड़ा

नई दिल्ली:   स्कैनिया घोटाले के मुद्दे को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने प्रेस वार्ता में कहा कि,''देश की स्थिति आपके सामने है। बेरोजगारी अपने चरम पर है, शुक्रवार को भी कांग्रेस का एक बड़ा प्रदर्शन जंतर-मंतर पर हुआ, हजारों की संख्या में लोग वहाँ पर थे। पेट्रोल, ___डीजल, एलपीजी इन सब पर हम बार-बार यहाँ आकर आप सबका ध्यान आकर्षित करते रहते हैं।  किसानों का जो आंदोलन है, वो 106-07 दिन हो गए हैं, अभी तक वो बरसात में, गर्मी-सर्दी से जूझ रहे हैं।



पवन खेड़ा ने कहा कि,''जिस व्यक्ति ने अच्छे दिन का वायदा किया, वो जिन लग्जरी बसों पर, 2014 में पहली बार ऐसा चुनाव देखा, हम सबने, पूरे देश ने देखा, उसमें लग्जरी बसों पर एक व्यक्ति जुमले बांटते हुए पूरे देश में घूम रहे थे। 3D के जुमले थे। अच्छे दिन उनके लिए आए और उन तमाम उद्योगपतियों के लिए आए, जिन्होंने उस वक्त और उसके बाद के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी, नरेन्द्र मोदी जी के चुनावों में पैसे लगाए और फिर उनसे लाभ लिए, उनके भी अच्छे दिन आए।




कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि,'' एक कंपनी है, जिसका नाम है सिद्धिविनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड (SVLL), अहमदाबाद, गुजरात की ये कंपनी है, 2002 में बनी थी। ये ट्रांसपोर्ट कंपनी है, सूरत के एक व्यापारी हैं, रुप चंद बैद साहब (Rup Chand Baid), ये उनकी कंपनी है। ऐसी अनेक कंपनियां होती हैं, आप कहेंगे इस पर हम प्रेस वार्ता क्यों कर रहे हैं? कल मेरी एक सहयोगी ने और आपने, सोशल मीडिया में स्कैनिया बस गेट, जो घोटाला है, उसके विषय में आप लोग देख ही रहे हैं, जानकारी मिल रही है। तो जो स्वीडन की स्कैनिया बस मैन्युफैक्चरिंग कंपनी है, उसका भारतीय पार्टनर है, सिद्धिविनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड (SVLL).




पवन खेड़ा ने कहा कि,''2014 बड़ा रोचक साल है, हिंदुस्तान के इतिहास में, मोदी जी तो सोचते हैं कि पूरे विश्व के और पूरे ब्रह्मांड के इतिहास में 2014 बड़ा महत्वपूर्ण साल है, लेकिन चलिए अपनी बात हिंदुस्तान पर ही सीमित रखें। 2014 बड़ा महत्वपूर्ण साल है। मोदी जी अपनी 5 स्टार, 7 स्टार बस पर सवार थे, वायदे कर रहे थे और इस कंपनी का ग्राफ भी साथ-साथ 2014 में बढ़ता जा रहा था। वो बसें जिस पर मोदी जी ने पूरे हिंदुस्तान में कैंपेन किया, 3D इफेक्ट लाए, होलोग्राफिक लाए।




वो सब बसें सिद्धिविनायक लॉजिस्टिक लिमिटेड (SVLL) ने बनाई। उसके अंदर बहुत अच्छे टॉयलेट बने हुए थे, पैंट्री बनी हुई थी, छोटा सा किचन जिसे कहते हैं। अल्ट्रा लग्जरियस थी, एलसीडी स्क्रीन थी। आपको तो याद होगा, आपने तो बहुत कवर किए चुनाव। उस चुनाव को कवर करते हुए आपमें से कई लोग भी बड़े भौच्चके रह गए थे, किस तरह का 7 सितारा चुनाव था वो।





हैड फोन, मोबाईल, लैपटॉप चार्जिंग प्वाइंट, वाई-फाई कनेक्शन और 2-3 दिन में पिछले जो स्कैम निकल कर आया, उसमें ये बड़ा स्पष्ट है कि कैसे एक भारतीय मंत्री को रिश्वत दी गई। भारत में उस स्कैनिया को पैठ बनाने के लिए। प्रधानमंत्री 2014 में सत्ता में आए और SVLL का टर्न ऑवर 1,500 करोड़, 80 प्रतिशत उसी दौरान बढ़ा, 80 प्रतिशत उनका टर्न ऑवर उसी दौरान बढ़ा और जब बैंक उस कंपनी को बार-बार चिट्ठी लिखते थे, याद दिलाते थे कि साहब हमारा पैसा लौटाओ, तो रुप चंद बैद साहब बैंक को लिखते थे कि अभी हम मोदी जी के चुनाव प्रचार में बसें बनाने में व्यस्त हैं। ये उनकी लैंग्वेज, मेरी नहीं है, रुप चंद बैद पत्रों में लिखते थे।





ये रुप चंद बैद साहब बैंक वालों को लिख रहे हैं। अपनी मजबूती दिखा रहे हैं, कि पॉलिटिक्ल मेरे कनेक्शन देखिए, मेरे राजनीतिक रसूक़ देखिए। फरवरी, 2015 में एक रिपोर्ट आई, जिसमें यह मालूम पड़ा कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र का जो सबसे बड़ा डिफॉल्टर है, बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर भी हमने यहाँ से प्रेस वार्ता की है, कई की हैं। 




सबसे बड़ा डिफॉल्टर बैंक ऑफ महाराष्ट्र का कौन है, SVLL. ये जो व्यस्त थे, मोदी जी के प्रचार में, जिनका 1400 करोड़ टर्न ऑवर हो गया। 80 प्रतिशत टर्न ओवर बढ़ गया। मोदी जी के साथ-साथ इनका भी ग्राफ ऊंचा जाने लगा। वह सबसे बड़े डिफॉल्टर थे, बैंक ऑफ महाराष्ट्र के और बैंक ऑफ महाराष्ट्र, हम सबको याद रखना चाहिए एक ग्रामीण लोगों की इन्वेस्टमेंट को रखता है। ग्रामीण बैंक, छोटे-छोटे जो पैसा जमा करते हैं बैंक में, ये उन लोगों का बैंक है। लेकिन सबसे बड़ा डिफॉल्टर होने के बावजूद ना तो बैंक उसको एनपीए की श्रेणी में डाल रहा था, ना बैंक उसको विलफुल डिफॉल्टर, जो एक श्रेणी होती है, ना उसमें डाल रहा था। क्यों- क्योंकि रसूक़ थे। क्योंकि वो चिट्ठी में भी लिख देते थे कि मैं मोदी जी के काम में व्यस्त हूं, मुझे डिस्टर्व मत करो और ये पेंशनर का बैंक माना जाता है, जहाँ लोग अपनी पेंशन की राशि रखते हैं, छोटी-छोटी सेविंग रखते हैं।



SVLL का जो हैड क्वार्टर है, वो सूरत में है। इन्होंने 2012 में एक स्कीम शुरु की, 'चालक से मालक'। CSR की स्कीम थी और उसमें भी बैंक ऑफ महाराष्ट्र से उन्होंने भारी ऋण लिया। और बाद में जब फॉरेंसिक जांच बैंक ने, आंतरिक जांच की, तो मालूम पड़ा कि इसमें भयंकर घपला किया गया। मतलब पूरी तरह से घपला, घोटाला हुआ था, उस स्कीम में भी घोटाला था और आप कहेंगे कि 2012 में तो मोदी जी नहीं थे। तो उनकी इंटर्नल रिपोर्ट ये बोलती है कि जो जोनल ऑफिस था बैंक ऑफ महाराष्ट्र, गुजरात में, वो अपने राजनीतिक रसूक, जो स्टेट लीडरशिप के साथ राज्य सरकार और राज्य के नेतृत्व के साथ दिखा-दिखा कर अपना काम करवाता था और काम करता था जोनल ऑफिस ने केन्द्रीय कार्यालय से राय नहीं ली, उनसे अनुमति नहीं ली और ये ऋण दे दिया। ये स्पष्ट उनकी आंतरिक रिपोर्ट में मैं दे रहा है।




836 करोड़ का लोन बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 'चालक से मालक' स्कीम में रुप चंद बैद जी की कंपनी SVLL को दिया। ये इंटर्नल प्रोब है, जिसकी हमने इसमें चर्चा भी की है। ये बैंक की अपनी रिपोर्ट है। तो इससे पहले की रविशंकर प्रसाद जी नथूने फैलाते हुए फिर से प्रेस वार्ता कर दें, 2012 में मनमोहन सिंह जी की सरकार थी।




 मैं पहले ही बता दूं कि रविशंकर प्रसाद जी कुछ और काम कर लेना, आज पीसी मत करिएगा। ये स्पष्ट तौर पर था कि राज्य, जो जोनल और जोनल में कौन था हैड - जोनल में हैड एक श्री पी एन देशपांडे जी (PN Deshpande) थे, जिनके विषय में हमारे नेता दिग्विजय सिंह जी ने अरुण जेटली जी को उस वक्त पत्र भी लिखा था। देशपांडे जी जोनल हैड थे बैंक ऑफ महाराष्ट्र के और देशपांडे जी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से बहुत अच्छी तरह से जुडे हुए, उनका जो यूनियन है बैंकों का, उनके ये ऑफिस बैरियर रहे थे, संघ से जुड़े व्यक्ति।





अब कौन प्रोटेक्ट कर रहा था, SVLL को, किसका प्राश्रय था SVLL को, यह सबके सामने है। वो खुद, हमें तो कुछ ढूंढने की भी जरुरत नहीं है। SVLL वाले खुद ही बता देते हैं कि हमारे ये लिंक हैं। प्रधानमंत्री जी ने ड्राइवर्स डे मनाने पर उनको शुभकामनाएं दी। अपनी वेबसाइट पर प्रधानमंत्री जी की फोटो, वो अब हट गई है। हट ही जाती है ऐसे वक्त पर। बेसबाइट पर प्रधानमंत्री जी के साथ फोटो लगाकर, सब कुछ, हमेशा सामने वो मोदी जी को रखते थे।




जो पीएन देशपांडे थे, ये जनरल मैनेजर रिसोर्स प्लानिंग, दिग्विजय सिंह जी के पत्र के बाद, सीबीआई इंक्वायरी के बाद इनको कुछ वक्त के लिए हटा दिया गया, संस्पेंड कर दिया गया, लेकिन फिर से बहाल कर दिया गया। अब इसका उत्तर बैंक के आप वरिष्ठ अधिकारियों से पूछेगे, अब उनके पास भी नहीं है कि उनको बहाल क्यों किया गया और फिर उनको पेंशनयाफ्ता करके जब उनकी रिटायरमेंट की उम्र आई, उनको रिटायर कर दिया।




देशपांडे जी अब, मोदी जी दूसरे टर्म पर आ गए हैं। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जो हालत है, वो आपके सामने है और अच्छे दिन चल रहे हैं, जिनके चल रहे हैं, आपके सामने हैं। अब भारतीय मजदूर संघ के इनके रिश्ते पीएन देशपांडे जी के, प्रश्न सबसे बड़ा, मोदी जी से बाद वाला जो दूसरा प्रश्न है, वो ये है। 





पहला प्रश्न तो मोदी जी के SVLL से रिश्ते कहाँ तक हैं? उन रिश्तों का लाभ है SVLL को, लोन लेते वक्त और लोन ना चुकाने के वक्त, बचने में, कहाँ-कहाँ हुआ? और जिसने लोन दिया, पीएन देशपांडे उनके संघ से रिश्ते, उन रिश्तों का क्या लाभ मिला? ये एक नेक्सेस हैं, जिसमें संघ भी है, जिसमें भाजपा भी है, जिसमें प्रधानमंत्री जी खुद सरेआम शामिल दिख रहे हैं। गड़करी जी का तो आपने कल सुना ही। जो भुगत रहा है, वो है एक छोटा इनवेस्टर। वो है जो अपनी पसीने की, खून-पसीने की गाढ़ी कमाई बैंकों में रखता है। कई उदाहरण हम आपको यहां बैठकर दे चुके हैं कि कैसे एनपीए हुए, कैसे बैंकों ने बड़े-बड़े उद्योगपतियों को लोन दिए, कैसे एनपीए हुए। यहाँ तो एनपीए की श्रेणी में रखने में हाथ कांप रहे थे बैंक के क्योंकि SVLL के रिश्ते इतने प्रगाढ़ थे नरेन्द्र मोदी जी के साथ। यहाँ तो विलफुल डिफॉल्टर कहने में भी थर-थर कांप रहे थे। ये रिश्ते थे उनके।




पवन खेड़ा ने कहा कि,'''कांग्रेस पार्टी मांग करती है प्रधानमंत्री, श्री नरेन्द्र मोदी से कि वो इस कंपनी के साथ अपने रिश्ते पर सफाई दें, जिसने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के उपभोक्ताओं की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर दिया। जिसने करोड़ों रुपए का घपला किया। ये वही कंपनी है, जो स्वीडिश कंपनी स्कैनिया की भारत में साझेदार थी और स्कैनिया ने इसी कंपनी के माध्यम से भारत में घूस देने का आरोप लगाया है।
हम मांग करते हैं कि प्रधानमंत्री जी इन आरोपों पर अपनी सफाई दें।




आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

You may like

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन