नई दिल्ली: लेटर बम विवाद के बीच होमगार्ड विभाग में ट्रांसफर को लेकर मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है| मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने होमगार्ड विभाग में अपने तबादले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने इस मामले में याचिका दाखिल करके मामले की CBI जांच की भी मांग की है| परमबीर सिंह की याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोपों की सीबीआई द्वारा तुरंत निष्पक्ष और सही जांच कराई जाए और उनके ट्रांसफर को रद्द किया जाए|
अनिल देशमुख, महाराष्ट्र सरकार के गृह माननीय मंत्री, के विभिन्न भ्रष्ट कदाचारों में निष्पक्ष, सही, बिना दबाव, स्वतंत्र जांच जांच करने के लिए तुरंत प्रतिवादी संख्या 2, केंद्रीय जांच ब्यूरो को कोई अन्य उपयुक्त रिट, आदेश या निर्देश जारी करें|
कोई भी उपयुक्त रिट, आदेश या निर्देश को जारी करें और प्रतिवादी संख्या 1 द्वारा आदेश संख्या आईपीएस - 2021 / वॉल नंबर 107 / वॉल-1 दिनांक 17.03.2021 ( सीरियल नंबर 3 पर) जिसमें उन्हें मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से अवैध और मनमाने तरीके से न्यूनतम निर्धारित कार्यकाल पूरा होने के बिना, ट्रांसफर किया गया, वो भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 के उल्लंघन के तौर पर रद्द किया जाए जो टीएसआर सुब्रमणियन बनाम भारत संघ (2013) 15 SCC 732, में निर्धारित कानून के दांतों में दो साल के कार्यकाल के तहत तय किया गया, जो भारतीय पुलिस सेवा (कैडर) नियम, 1954 के प्रावधानों के अनुसार 2014 में संशोधित के गैर अनुपालन और टीपी सेनकुमार बनाम भारत संघ (2017) 6 SCC 801 में इस माननीय अदालत द्वारा निर्धारित कानून के विपरीत है जिसमें यह माना गया था कि एक संवेदनशील कार्यकाल के दौरान किसी अधिकारी के स्थानांतरण के लिए गंभीर विचार और अच्छे कारणों की आवश्यकता होती है, जिनका परीक्षण किया जा सकता है;
गौरतलब है कि पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पत्र लिखकर गृहमंत्री पर आरोप लगाया था कि 100 करोड़ वसूलने के लिए उन्हें टारगेट दिया गया था| सिंह ने कहा था कि देशमुख फरवरी, 2021 में अपने आवास पर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट, मुंबई के सचिन वज़े, एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच, संजय पाटिल सहित पुलिसअधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे थे। उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये रुपये जमा करने का लक्ष्य दिया गया और विभिन्न प्रतिष्ठानों और अन्य स्रोतों से पैसा इकट्ठा करने का निर्देश दिया था।