नई दिल्ली : अब संसद में नहीं बोले जा सकेंगे तानाशाह ,अराजकतावादी, भ्रष्ट, 'जुमलाजीवी', 'शकुनी', 'जयचंद', 'लॉलीपॉप', 'गुल खिलाए', बहरी सरकार ', 'पिठ्ठू' जैसे कई शब्द| लोकसभा सचिवालय ने बनाई असंसदीय शब्दों की सूची| लोकसभा और राज्यसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान अब बहुत सारे शब्दों का इस्तेमाल करना ग़लत और असंसदीय माना जाएगा|
संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए 'जुमलाजीवी', 'बाल बुद्धि सांसद', 'शकुनी', 'जयचंद', विश्वासघात,नाटक, ,पाखंड...शर्मिंदा, लॉलीपॉप', 'चाण्डाल चौकड़ी', 'गुल खिलाए', 'पिठ्ठू' , कोरोना स्प्रेडर, जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे|
इसके अलावा कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड जैसे शब्द भी अदि शामिल हैं| ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे|
18 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 '' शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति' की श्रेणी में रखा गया है|
इसके अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, दोहरा चरित्र, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, बहरी सरकार, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड, खालिस्तानी, विनाश पुरुष, तानाशाही, तानाशाह, अराजकतावादी, गद्दार, अपमान, गिरगिट, गूंस, घड़ियाली आंसू, असत्य, अहंकार, काला दिन, काला बाजारी, खरीद फरोख्त, दंगा, दलाल, दादागीरी, बेचारा, संवेदनहीन, सेक्सअल हरेसमेंट जैसे शब्द भी शामिल किए गए हैं।