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किसान आंदोलन पर बोले केंद्रीय मंत्री- आंदोलन से हो रही जनता को परेशानी, आंदोलन खत्म कर वार्ता का रास्ता अपनाए

  • by: news desk
  • 11 December, 2020
किसान आंदोलन पर बोले केंद्रीय मंत्री- आंदोलन से हो रही जनता को परेशानी, आंदोलन खत्म कर वार्ता का रास्ता अपनाए

नई दिल्ली:  देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन आज 16वें दिन भी जारी है। सरकार से अब तक की हुई बातचीत और मिले प्रस्तावों को संयुक्त किसान मोर्चा ने खारिज कर दिया है। फिलहाल बात बनती नहीं दिख रही है। सरकार और किसान मोर्चा ने एक-दूसरे के पाले में गेंद डाल दी है। कृषि मंत्री तोमर ने एक बार फिर अपील की है कि किसान आंदोलन छोड़कर बातचीत करें। आंदोलन से जनता को भी परेशानी होती है इसलिए उन्हें जनता के हित में आंदोलन छोड़ना चाहिए और बातचीत से हल निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों ने अब तक आंदोलन को शांतिपूर्ण बनाकर रखा है लेकिन अब उन्हें आंदोलन खत्म कर बातचीत से हल निकालने का प्रयास करना चाहिए।




केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा,'किसान आंदोलन के दौरान यूनियन के साथ छह दौर की बातचीत हुई। सरकार का लगातार आग्रह था कि कानून के वो कौन से प्रावधान हैं जिन पर किसान को आपत्ति है, कई दौर की बातचीत में ये संभव नहीं हो सका| नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा,''प्रस्ताव उनके(किसानों) पास है, उन लोगों की टिप्पणी हमारे पास नहीं आई। मीडिया के माध्यम से पता चलता है कि उन्होंने प्रस्ताव को खारिज कर दिया। अभी उनकी तरफ से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया है, जैसे ही प्रस्ताव आएगा हम बातचीत के लिए तैयार हैं|




केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा,''मैं किसान यूनियन के लोगों को कहना चाहता हूं कि उन्हें गतिरोध तोड़ना चाहिए। सरकार ने आगे बढ़कर प्रस्ताव दिया है, सरकार ने उनकी मांगों का समाधान करने के लिए प्रस्ताव भेजा है| तोमर ने कहा,''किसी भी कानून में प्रावधान पर आपत्ति होती है, प्रावधान पर ही चर्चा होती है। प्रस्ताव में हमने उनकी आपत्तियों का निराकरण करने की कोशिश की है। उन्हें आंदोलन समाप्त करके वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए|





तोमर ने कहा,'भारत सरकार ने कानून बहुत सोच-समझकर बनाए हैं, किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाने के लिए बनाए हैं। सरकार बात करके उसमें(कानून) सुधार करने के लिए तैयार है| तोमर ने कहा,'सर्दी का मौसम है और कोरोना का संकट है, किसान बड़े खतरे में पड़े हुए हैं। आंदोलन से जनता को भी परेशानी होती है, दिल्ली की जनता परेशान हो रही है। इसलिए जनता के हित में, किसानों के हित में उनको(किसानों) अपने आंदोलन को समाप्त करना चाहिए|





उधर,''यूपी गेट पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने संबोधित किया। उन्होंने किसानों से कहा कि यह आंदोलन लंबा चलने वाला है तो आप लोग तैयार रहें। उन्होंने चेतावनी दी कि कृषि और ऋषि को छेड़े गए तो देश में हलचल होगी। उन्होंने आगे कहा कि सरकार तैयार हो जाती है तो समझौते के चार घंटे के बाद बॉर्डर खाली करेंगे। किसान 12 तारीख को सभी टोल फ्री करेंगे। उन्होंने किसानों से कहा कि यहां बैठकर भजन पाठ करें, लड़ाई लंबी है। किसानों को आगाह किया कि असामाजिक तत्वों पर नजर रखें। टिकैत ने बोला कि दिल्ली चारों तरफ मेला लगेगा। इसके बाद किसानों ने 'लड़ेंगे जीतेंगे' के नारे लगाए।




यूपी गेट पर 15 दिन से चल रहा किसान आंदोलन शुक्रवार को भी जारी है। यूपी गेट पर किसान आंदोलन के 16वें दिन हाईवे पर किसानों ने पैदल मार्च किया। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने मोर्चा संभालते हुए किसानों को शांतिपूर्ण आंदोलन करने की सलाह दी।किसान दिल्ली एक्सप्रेसवे के दिल्ली की ओर जाने वाली लेन पर बैठे हुए हैं। सुबह किसान इकट्ठा होकर बॉर्डर पर पहुंचे और जमकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं नोएडा से आए कुछ लोग यूपी गेट पर बांस की झोपड़ियां बना रहे हैं।




इस बीच, मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों पर चल रहे किसानों के आंदोलन के बीच जानकारी है कि भारतीय जनता पार्टी बड़ी योजना तैयार कर रही है|कृषि कानूनों पर विरोध के बीच ही बीजेपी इनके पक्ष में बड़ा अभियान चलाने जा रही है. पार्टी कृषि कानूनों को ज्यादा स्पष्ट करने के लिए पूरे देश में बड़ा अभियान चलाएगी|




भारतीय जनता पार्टी आज से देशभर के सभी जिलों में प्रेसवार्ता और चौपाल का आयोजन कर लोगों को कृषि बिल के बारे में बताएगी। आने वाले दिनों में 700 प्रेस कॉन्फ्रेंस और 700 चौपालों का आयोजन भाजपा की ओर से किया जाएगा। इस अभियान में कैबिनेट मंत्री और वरिष्ठ मंत्री भी जुटेंगे|



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