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...सच को छुपाने, जनता की आवाज़ को दबाने और मीडिया को ब्लैकमेल करने का एक बड़ा षड्यंत्र रच रहे थे PM मोदी, Report लीक होने से इस बड़ी साज़िश का हुआ खुलासा: कांग्रेस

  • by: news desk
  • 04 March, 2021
...सच को छुपाने, जनता की आवाज़ को दबाने और मीडिया को ब्लैकमेल करने का एक बड़ा षड्यंत्र रच रहे थे PM मोदी, Report लीक होने से इस बड़ी साज़िश का हुआ खुलासा: कांग्रेस

नई दिल्ली: कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ,''2020 में जब पूरा देश महामारी से जूझ रहा था, जब जान पर बनी हुई थी, रोज़गार पर ख़तरा मंडरा रहा था, तब आपको क्या लगता है, मोदी जी क्या कर रहे थे? क्या वह आपके जीवन और जीवनयापन की चिंता कर रहे थे? नहीं। वह एक बड़ा षड्यंत्र रच रहे थे, सच को छुपाने का, जनता की आवाज़ को दबाने का, मीडिया को ब्लैकमेल करने का, पत्रकारों की कलम पर क़ब्ज़ा करके उनसे अपना महिमामंडल कराने का। 




कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ,एक Government Communication Report के सार्वजनिक होने से इस बड़ी साज़िश का खुलासा हुआ है। इस समूह के सदस्य 5 कैबिनेट मंत्री (रविशंकर प्रसाद जी, स्मृति ईरानी जी, एस जयशंकर जी, मुख्तार अब्बास नकवी जी और प्रकाश जावड़ेकर साहब) और 4 राज्यमंत्री (हरदीप पुरी, किरण रिजिजू, अनुराग ठाकुर, बाबुल सुप्रियो) थे। और इस ग्रूप का एकमात्र लक्ष्य सरकार और उसकी नीतियों पर सवाल पूछने वालों का दमन करना था। 




दिक़्क़त की बात तो यह भी है कि अभी कुछ दिनों पहले आए IT Rules 2021 जिसमें कि OTT प्लेटफॉर्म और डिजिटल मीडिया को नियंत्रित करने वाले क़ानून हैं, वह इसी रिपोर्ट के सुझावों के आधार पर बनाए गए हैं। इससे बड़ी परेशानी यह भी है कि मीडिया के कुछ साथियों ने सरकार को मीडिया पर ही नियंत्रण रखने के लिए सुझाव दिया। इस समूह ने कोरोना काल के दौरान 6 मीटिंग की। इनका उद्देश्य सकारात्मक सुर्खियां और खबरों को सरकार के पक्ष में लाना था। इस समूह ने मीडिया के विशेषज्ञ, वरिष्ठ पत्रकारों और समाज के कुछ और ज़िम्मेदार नागरिकों से मंत्रणा की। 




सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''इस रिपोर्ट के कुछ उल्लेखनीय सुझाव (मंत्रियों द्वारा)  निम्नलिखित हैं। स्मृति ईरानी कहती है- हमें 50 नकारात्मक प्रभावशाली व्यक्तियों पर नज़र बनाए रखनी है। यह काम Ministry of I&B के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया मॉनिटरिंग सेंटर को दिया जाए। 



स्वपन दासगुप्ता - Let'sgive little bit extra inacalibrated manner to journalists सूर्य प्रकाश- वर्तमान प्रसार भारती के प्रमुख कहते हैं सरकार के पास इतनी शक्ति होती है जिससे कि इन लोगों को नियंत्रित किया जा सकता है।




सुप्रिया श्रीनेत ने आगे कहा कि,'' कुछ ने तो यह भी सुझाव दिया कि पत्रकारों को हरे, काले, सफ़ेद रंगों में विभाजित कर देना चाहिए। एस गुरुमूर्ति  कहते हैं- गैर भाजपा पर घटक दल मुख्यमंत्रियों से सकारात्मक टिप्पणियाँ करवाएँ। पोखरन की तरह ख़बर प्रसारित करें। अर्नब गोस्वामी का चैनल रिपब्लिक तो करता है, पर वह तो हमारा ही है!  रविशंकर प्रसाद कहते हैं एक समूह विशेषज्ञों, VCs, रिटायर्ड अधिकारियों को चिन्हित किया जाए, जो हमारे पक्ष में लिखे।




सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,,'' एक बात तो साफ़ है, चरण वंदन करने वाले पत्रकार हैं और सवाल पूछने वाले देशद्रोही। अगर मिर्जापुर में नमक रोटी का सच दिखाया जाएगा, तो पत्रकार जेल जाएगा, वाराणसी दिखाने वाली के ख़िलाफ़ UAPA लगेगा, देवरिया में छोटी बच्ची का ज़िला अस्पताल में पोछा लगाने वाले के ख़िलाफ़ FIR होगी। ऐसे तमामों उदाहरण हैं। पहले हम निरंतर Press Freedom Index में गिरते थे, पर अब तो भारत को आंशिक स्वतंत्र श्रेणी में धकेल दिया गया है। आजादी के 73 साल बाद स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ कैसे बर्दाश्त हो?




कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''सच तो यह है कि अगर आज आप सरकार से सवाल मात्र पूछेगे तो फिर आप कुछ भी करते हों, आपके यहाँ CBI ED Income Tax NCB की रेड होंगी। अगर आप किसानों के साथ खड़े हैं तो आपको प्रताड़ित किया जाएगा, किसानों के ख़िलाफ़ NIA लगायी जाएगी।




सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''मेरा सुझाव है आडम्बर ख़त्म करके इन एजेंसियों को भाजपा में सम्मिलित हो जाना चाहिए। 

1. मेरा पहला सवाल प्रधानमंत्री मोदी जी से है कि यह ग्रूप और इस रिपोर्ट का आशय क्या है? यह किस उद्देश्य से किया गया? क्या यह लोकतंत्र को मज़बूत करता है या फिर विदेशी संस्थाओं द्वारा हमारी स्वाधीनता के बारे में उठाए सवालों को पुष्टि करता है? 

2. मेरा दूसरा सवाल उन मंत्रियों से है- स्मृति जी उन 50 आलोचकों के साथ आज क्या हो रहा है? दासगुप्ता जी क्या little extra और किन पत्रकारों को दे रहे हैं? सूर्यप्रकाश जी किसके ख़िलाफ़ और कौन से तंत्र की शक्ति का उपयोग हो रहा है? 

3. रविशंकर प्रसाद और प्रकाश जावड़ेकर जी आपके इस्तीफे की माँग करते हुए मैं यह पूछना चाहती हूँ कि क्या क़ानून अब ऐसे ग्रूप ऑफ़ मिनिस्टर्स बनाएँगे या फिर सदन में बनेंगे? क्या सुझावों पर आपके द्वारा बनाए क़ानून सदन की अवहेलना नहीं हैं? 

4. जिन पत्रकारों का नाम इस रिपोर्ट में है उनसे मैं जानना चाहती हूँ, क्या आपका अनभिज्ञतावश इस्तेमाल हुआ है या आपकी मर्जी से ऐसा हुआ है? 





सुप्रिया ने कहा कि,,आपके ऊपर अपने साथी पत्रकारों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगवाने का गम्भीर आरोप है अंत में मैं सिर्फ इतना ही कहूँगी इस सारे क्रियाकलाप से साबित है कि मोदी सरकार सिर्फ हम दो - हमारे दो की सरकार है और अपने पाप को छुपाने की यह सारी क़वायद करने को मजबूर है। अगर नीति और नीयत में खोट ना होती तो सुर्खियाँ और खबरें जबरन सकारात्मक करने की ज़रूरत ना पड़ती| उन्होंने कहा,''मैं बार-बार कहती हूँ, गांधी के इस देश को नाजी जर्मनी समझने की गलती मत करिएगा। वो गलती आप कर रहे हैं, वो भूल आप कर रहे हैं, ये देश की जनता आपके होश ठिकाने लगा देगी।
















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