नई दिल्ली: बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आज बुधवार (20 जुलाई 2022,) हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर व पंजाब स्टेट पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ लम्बी चली अहम बैठक में वहाँ उन राज्यों के ताज़ा राजनीतिक हालात, जातिवादी व साम्प्रदायिक माहौल, चुनावी तैयारियों तथा पार्टी संगठन के जमीनी कार्यकलापों, जनाधार को बढ़ाने हेतु सक्रियता आदि के बारे में गहन समीक्षा की| उन्होंने आने वाले समय में इन कार्यों में गति प्रदान करने के लिए कई दिये गए जरूरी दिशा-निर्देशों पर पूरी ईमानदारी व निष्ठा के साथ अमल करने की भी हिदायत दी।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने राजस्थान प्रदेश के ही पैटर्न पर आयोजित इन तीन राज्यों में पार्टी यूनिट के स्टेट, जिलों के प्रमुख व वरिष्ठ पदाधिकारियों एवं अन्य ज़िम्मेदार लोगों की बड़ी व लम्बी अहम बैठक में खासकर हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा आमचुनाव में घोर स्वार्थी, विश्वासघाती व बिकाऊ सोच के लोगों को प्रश्रय नहीं देते हुए ज्यादातर मिशनरी आधार पर ही पार्टी संगठन एवं प्रत्याशी आदि भी तैयार करने की सख्त नसीहत दी।
साथ ही, बैठक में उन्होंने बीएसपी एवं अम्बेडकरवादी मूवमेन्ट को मजबूत करने का आह्वान किया और कहा-विरोधी शक्तियों द्वारा साम, दाम, दण्ड, भेद आदि सभी प्रकार के हथकण्डों को इस्तेमाल करके इसे हर प्रकार का आघात पहुँचाने का अभियान लगातार जारी है। चुनाव के समय यह प्रक्रिया और भी तेज हो जाती है जिसमें दलित एवं उपेक्षित समाज के स्वार्थी लोगों का भी जुट जाना अति-दुःखद ही नहीं बल्कि अति-दुर्भाग्यपूर्ण मामला है जिससे सावधानी बरतना बहुत जरूरी है।
जहाँ तक हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर में आगामी विधानसभा आमचुनाव का मामला है, दोनों ही राज्यों में बी.एस.पी. को अपनी पूरी तैयारी करनी है और फिर समय पर चुनाव मैदान में उतरना है तथा पार्टी के कैडरों व समर्थकों की उम्मीदों पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करना है।
खासकर जम्मू-कश्मीर के मामले में सरकार का दावा है कि वहाँ के हालात पहले से काफी बेहतर व काफी सामान्य हो गए हैं और अब तो केन्द्र सरकार द्वारा जी20 शिखर सम्मेलनों की तैयारी बैठकें वहाँ करने की बात चल रही है। इसलिए इसके प्रमाण के रूप में जरूरी है कि वहाँ विधानसभा का आमचुनाव कराकर लोकतंत्र की यथाशीघ्न बहाली की जाए। इससे लोगों में नया विश्वास तथा सरकार की समझ व दावे को बल मिलेगा।
पंजाब प्रदेश में आम आदमी पार्टी की नई सरकार के रिमोट कन्ट्रोल से चलने के चर्चित आरोपों का संज्ञान लेते हुए मायावती ने कहा कि पार्टी के लोगों को अपना संघर्ष पहले की तरह ही लगातार जारी रखना है | बी.एस.पी. पार्टी तथा इस मूवमेन्ट के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर कांशीराम जी के सपनों को वहाँ उनकी जन्मस्थली में भी साकार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना है।
यूपी के वर्तमान हालात का उल्लेख करते हुए मायावती जी ने कहा कि बात-बात पर एनएसए जैसी गंभीर धाराओं में लोगों की गिरफ्तारी व परिवारों का उत्पीड़न दमन का नया सरकारी फैशन बन गया है ताकि अपराध-नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था के मामले में अपनी विफलताओं पर पर्दा डाला जा सके, यह घोर अनुचित। साथ ही, मामूली बात पर व गैर-जरूरी होने के बावजूद भी लोगों की गिरफ्तारी कर लिए जाने आदि की गलत सरकारी नीतियों से पूरे प्रदेश में भय व आतंक का माहौल है, जबकि सत्ताधारी पार्टी से अपने आपको जोड़ने वाले आपराधिक तत्व बेखौफ घूम रहे हैं तो ऐसे में अपराध नियंत्रण व कानून का राज कैसे संभव है? कानून का खौफ सभी अपराधियों में जरूर होना चाहिए।
इसके अलावा, अंधाधुंध गिरफ्तारी तथा लगभग असंभव होती जा रही जमानत का यह रोग इतने गंभीर व चिन्ताजनक स्तर पर पहुँच गया है कि इसके प्रति स्वयं देश के प्रधान न्यायाधीश चिन्तित होकर देश को आगाह करना पड़ा है। इसलिए यूपी सहित देश की सभी सरकारें जितनी जल्दी अपनी कार्य प्रणाली में जरूरी सुधार ले आएं देश व जनहित के लिए उतना ही बेहतर होगा।
वैसे भी यूपी व देश की विशाल आबादी पहले से ही सरकार की गलत नीतियों एवं निरंकुश कार्यशैली आदि के कारण यहाँ बेलगाम होती जा रही महंगाई, बढ़ती हुई गरीबी व बेरोजगारी से लाचार होते जा रहे जीवन से दुःखी व त्रस्त है, इसीलिए सरकारें उन्हें और अधिक कष्ट देने के बजाय उन्हें राहत पहुँचाने के मामले में जितनी जल्दी संवेदनशील व गंभीर हों, उतना ही उचित।
● हिमाचल प्रदेश व जम्मू-कश्मीर के आगामी विधानसभा आमचुनावों में स्वार्थी, विश्वासघाती व बिकाऊ सोच के लोगों को प्रश्रय नहीं देने व ज्यादातर मिशनरी आधार पर ही पार्टी एवं प्रत्याशी तय करने की भी हिदायत।
● इन राज्यों के नौजवान भी फौज की नौकरी को बहुत महत्व देते हैं, जिन्हें ठेके प्रथा वाली 'अग्निपथ' बहाली योजना से भारी निराशा है। देश अगर इस प्रकार के अस्थाई सैन्य भर्ती स्कीम से मुक्त रहे तो बेहतर, यही आम समझ व माँग।
●पंजाब प्रदेश में "आप" पार्टी की नई सरकार के रिमोट कन्ट्रोल से चलने के चर्चित आरोपों का संज्ञान लेते हुए बी.एस.पी. के लोगों को अपना संघर्ष मुसतैदी से जारी रखना है और वहाँ पार्टी व मूवमेन्ट के जन्मदाता एवं संस्थापक मान्यवर श्री कांशीराम जी के सपनों को साकार करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना है।
● उत्तर प्रदेश में बात-बात पर एनएसए जैसी गंभीर धाराओं में लोगों की गिरफ्तारी व परिवारों का उत्पीड़न दमन का नया फैशन बन गया है ताकि अपराध नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था के मामले में सरकार अपनी विफलताओं पर पर्दा डाल सके, यह घोर अनुचित : बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व सांसद सुश्री मायावती जी का दिल्ली आते ही पार्टी बैठकों का दौर जारी।