नई दिल्ली: एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा, तीसरी लहर को अगर रोकना है तो ये हमारे हाथ में है। अगर हम कोरोना के नियमों का पालन करेंगे तो वायरस नहीं फैलेगा। मैं सबसे अपील करूंगा कि सभी कोरोना नियमों का पालन करें और जहां भी कोरोना के मामले ज़्यादा हो वहां लॉकडाउन लगाएं तथा सभी वैक्सीन लगाएं|
रणदीप गुलेरिया ने कहा, ''बच्चों में कोरोना की बीमारी बहुत हल्की होती है, हमें सबसे पहले बुजुर्गों और जिन्हें पहले से कई बीमारी है उन्हें वैक्सीन लगाना चाहिए। बच्चों के लिए फाईजर वैक्सीन को एफडीए अप्रूवल मिल चुका है और इस वैक्सीन को भारत में आने की अनुमति दी गई है| 2-12 साल के बच्चों पर भारत की वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है जो कि सितंबर-अक्टूबर तक खत्म हो जाएगी। उसके बाद हमारे पास डेटा आ जाएगा। इसके बाद ही हमें इसका अप्रूवल मिल सकता है तब भारत की वैक्सीन भी बच्चों में लग सकती है|
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा,''भारत बायोटेक का अप्रूवल मिलेगा तो हम 2-18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगा सकते हैं जैसे ही इसका अप्रूवल मिलेगा वैसे ही हम बच्चों को वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे|
एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया से यह पूछे जाने पर, "यदि डेल्टा प्लस चिंता का एक variant बन गया तो?" इसके जवाब में उन्होंने कहा,'' हमारे पास Delta Plus variant के लगभग 42 मामले हैं, इसलिए यह कहना मुश्किल है कि क्या यह कुछ ऐसा पैदा कर रहा है जिसके बारे में हमें चिंतित होना चाहिए...: