नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को लड़कों और लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र एक समान, यानी 21 साल करने के बिल को मंजूरी दे दी। महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र 18 से 21 साल करने के प्रस्ताव पर समाजवादी पार्टी सांसद एस.टी. हसन ने कहा कि ,''मैं समझता हूं कि अगर बच्ची समझदार है तो बच्ची की शादी 16 साल की उम्र में भी हो जाए तो उसमें कोई बुराई नहीं है। अगर लड़की 18 साल की उम्र में वोट दे सकती है तो शादी क्यों नहीं कर सकती है|
महिलाओं की शादी की कानूनी उम्र 21 साल करने के सरकार के फैसले पर समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन ने कहा कि,'' फर्टिलिटी एज के बाद शादी का क्या फायदा, लेट शादी से बच्चे पैदा होना भी मुश्किल है। 16 साल की उम्र में एक परिपक्व लड़की की शादी हो जाए तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर वह 18 साल की उम्र में वोट दे सकती है, तो वह शादी क्यों नहीं कर सकती?|
समाजवादी पार्टी सांसद एस.टी. हसन के बयान पर समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि,''समाजवादी पार्टी इस तरह के किसी भी बयान से अपना रिश्ता नहीं रखती है, समाजवादी पार्टी प्रगतिशील पार्टी है और पार्टी ने हमेशा बेटियों और महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए योजनाएं बनाई हैं| अखिलेश यादव ने कहा,''समाजवादी पार्टी का ऐसे किसी भी बयान से कोई लेना-देना नहीं है।