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अनिल देशमुख पर लगे आरोप के मामले में फडणवीस ने गृह सचिव को बंद लिफाफे में सौंपे सबूत, की सीबीआई जांच की मांग

  • by: news desk
  • 23 March, 2021
 अनिल देशमुख पर लगे आरोप के मामले में फडणवीस ने गृह सचिव को बंद लिफाफे में सौंपे सबूत, की सीबीआई जांच की मांग

 नई दिल्ली: महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने दिल्ली में मंगलवार को गृह सचिव से मुलाकात कर उन्हें सबूत सौंपते हुए प्रकरण पर कार्रवाई की मांग की है।


भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा,'' मेरे पास जो सबूत थे मैंने उन्हें बंद लिफाफे में गृह सचिव को सौंपा है, मेरे पास जो जानकारी थी उसकी पूरी ब्रीफिंग भी मैंने उन्हें दी है। मैंने उनसे सीबीआई जांच की मांग की है। गृह सचिव ने मुझे कहा कि वो सारी चीजें देखेंगे और सरकार उस पर उपयुक्त कार्रवाई करेगी|




इससे पहले महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरोप के मामले को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा,''कल आदरणीय पवार साहब को सही ब्रीफिंग नहीं दी गई थी, एक राष्ट्रीय नेता के मुंह से गलत बातें कहलवाई गईं। 15 से 27 फरवरी के बीच गृह मंत्री जो होम क्वारंटीन थे, वो आइसोलेशन में नहीं थे। कई लोग उनसे मिले हैं| ट्रांसफर का रैकेट कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस ने पकड़ा, पकड़ने से पहले DG और ACS होम की अनुमति ली और मुख्यमंत्री तक रिपोर्ट पहुंचाई। अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई। मैंने आज दिल्ली में गृह सचिव से मिलने का समय मांगा है, मैं CBI से जांच कराने की मांग करूंगा|





गौरतलब है कि पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने पत्र लिखकर गृहमंत्री पर आरोप लगाया था कि 100 करोड़ वसूलने के लिए उन्हें टारगेट दिया गया था| सिंह ने कहा था कि देशमुख फरवरी, 2021 में अपने आवास पर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट, मुंबई के सचिन वज़े, एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच, संजय पाटिल सहित पुलिसअधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे थे। उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये रुपये जमा करने का लक्ष्य दिया गया और विभिन्न प्रतिष्ठानों और अन्य स्रोतों से पैसा इकट्ठा करने का निर्देश दिया था।




आज मंगलवार को महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि,''पिछले कुछ दिनों से मीडिया में झूठी खबरें चल रही हैं। 5 फरवरी को कोरोना से संक्रमित होने के बाद मैं 5-15 फरवरी तक अस्पताल में भर्ती था। 15 फरवरी को डिस्चार्ज मिलने के बाद मैं 10 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन था| ऑफिशियल वर्क के लिए मैं पहली बार 28 फरवरी को अपने घर से बाहर निकला। मैं यह सब इसलिए बता रहा हूं ताकि लोग गुमराह न हों|




दरअसल,सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक दस्तावेज के मुताबिक, 15 फरवरी को गृह मंत्री अनिल देशमुख ने प्राइवेट प्लेन से नागपुर से मुंबई तक की यात्रा की थी। ट्रेवल हिस्ट्री बताते हुए जो डॉक्यूमेंट शेयर किया जा रहा है, वह नागपुर एयरपोर्ट का है। इसके मुताबिक, 15 फरवरी को अनिल देशमुख प्राइवेट प्लेन से मुंबई गए थे।





इस पर गृहमंत्री अनिल देशमुख ने वीडियो ट्वीट कर बताया, 'पिछले कुछ दिनों से इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया में  मेरे बारे में कई गलत खबरें चल रही हैं| आप सबको मालूम है कि कोरोना के बीते एक साल के समय में मैं पूरे प्रदेश भर में घूम कर पुलिसकर्मियों से मिलता रहा और उनका हौसला बढाता  रहा| बीते 5 फवरी को मेरी कोरोना  रिपोर्ट पॉज़िटिव आई|5 फरवरी से लेकर 15 फरवरी तक मैं अस्पताल में रहा|




उन्होंने बताया, '15 फरवरी को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद डॉक्टर की सलाह थी कि मैं 10 दिन होम क्वारन्टीन में रहूं|तो 15 तारीख को ही मैं प्राइवेट जहाज से मुम्बई आ गया|और उसके बाद डॉक्टर्स की सलाह पर ही रोज देर रात में  मैं पार्क में प्राणायाम के लिए जाता था| साथ ही उन्होंने बताया, 'नागपुर में मेरे हॉस्पिटल में रहने के दौरान और बाद में होम क्वारन्टीन के दरम्यान मैंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कुछ मीटिंग्स और कार्यक्रम अटेंड किये थे| बाद में होम क्वारन्टीन के बाद 1 मार्च से हमारा बजट अधिवेशन शुरू होना था, जिसके लिए सत्र में प्रश्नोत्तर और सूचनाओं पर ब्रीफिंग के लिए कुछ अधिकारी मेरे घर पर आते  थे| शासकीय काम से पहली बार 28 फरवरी को मैं मेरे घर से बाहर निकला|






बता दें, मुंबई में वसूली का रैकेट चलाने के आरोपों का सामना करह रहे महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के बचाव में एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने भी कई तर्क और सबूत पेश किए|शरद पवार ने सोमवार को कहा कि अनिल देशमुख को 5 से 15 फरवरी के बीच कोरोना संक्रमित होने के कारण अस्पताल में भर्ती थी| उसके बाद वह 10 दिनों तक होम आइसोलेशन में घर पर रहे| पवार ने कहा कि अनिल देशमुख पर जिस वक्त 100 करोड़ रुपये के वसूली रैकेट चलाने के लिए पुलिस अफसरों से चर्चा करने का आऱोप लगाया जा रहा है, उस वक्त तो वह बीमार थे और अस्पताल में भर्ती थे|



परमबीर सिंह के चिठ्ठी पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने मुकेश अंबानी को खतरे वाले केस से ध्यान बंटाने के लिए देशमुख पर 'अनर्गल आरोप' लगाए हैं| शरद पवार ने कहा कि,''एटीएस मेन केस में सही दिशा में जा रही है, जांच की दिशा भटकाने की कोशिश की जा रही है और अब सच सामने आ रहा है|



एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि,''पूर्व कमिश्नर के पत्र में उन्होंने जिक्र किया है कि फरवरी महीने में उन्हें कुछ अधिकारियों से गृह मंत्री के फलां निर्देशों की जानकारी मिली थी, 6 से 16 फरवरी के बीच देशमुख कोरोना की वजह से अस्पताल में भर्ती थे|  पवार ने कहा कि,''यह स्पष्ट है कि जिस अवधि के दौरान आरोप लगाए गए, अनिल देशमुख अस्पताल में भर्ती थे। जैसा कि यह स्पष्ट है, ऐसी मांगों में कोई शक्ति नहीं है| जिस मंत्री के बारे में आरोप था, उनकी उस समय की स्थिति साफ हो गई है और ऐसी परिस्थिति में उनके इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता|





बता दें,'मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर 25 फरवरी को जिलेटिन की छड़ों से लदी एक स्कॉर्पियो मिली थी। इस स्कॉर्पियो के मालिक कथित तौर पर कारोबारी मनसुख हिरेन थे। बाद में मनसुख का ठाणे के क्रीक में शव मिला था। इस मामले को लेकर हंगामा मचने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एंटीलिया मामले और मनसुख हिरेन की जांच एनआईए को सौंप दी थी। इस मामले में एनआईए ने मुंबई क्राइम ब्रॉन्च के निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को को गिरफ्तार किया। बाद में वाजे को  हिरेन की हत्या मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया। बाद में इस मामले में पुलिसकर्मी विनायक शिंदे और सट्टेबाज नरेश गौर को भी गिरफ्तार किया।




इस मामले में राज्य सरकार ने कार्रवाई करते हुए मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को पद से हटा दिया। इसके बाद परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ की उगाही कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया। इससे महाराष्ट्र की राजनीति में बवाल मच गया। विपक्षी पार्टियां देशमुख के इस्तीफे की मांग पर अड़ी हैं|




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