नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव को सार्वजनिक मंचों पर उनके लगाए आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने को कहा है कि चुनाव आयोग ने BJP के इशारे पर लगभग सभी यूपी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं के 20,000 नाम जानबूझकर हटा दिए।
चुनाव आयोग ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को 10 नवंबर 2022 तक आयोग को विवरण प्रस्तुत करने को कहा है ताकि आवश्यक कार्रवाई की जा सके। उन्हें इतनी बड़ी संख्या में हटाए जाने का विधानसभा के मुताबिक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव को यादव और मुस्लिम वोटरों के नाम काटने के आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने के लिए 10 नवंबर तक का समय दिया गया है।
चुनाव आयोग के मुताबिक, अखिलेश यादव ने दावा किया था कि चुनाव आयोग ने इस साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में चुनाव से पहले यादव और मुस्लिम समुदायों के लगभग 20,000 मतदाताओं के नाम जानबूझकर हटा दिए थे। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि यह सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के इशारे पर किया गया था|
अखिलेश यादव को कथित रूप से हटाए गए नामों का निर्वाचन क्षेत्र-वार विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है, ताकि आयोग आवश्यकतानुसार कार्रवाई कर सके।