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5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए साइबर सुरक्षा बेहद जरूरी: बोले शाह- अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं, क्रिमिनल जस्टिस...

  • by: news desk
  • 12 July, 2021
5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने के लिए साइबर सुरक्षा बेहद जरूरी: बोले शाह- अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं, क्रिमिनल जस्टिस...

साइबर वॉर और साइबर क्राइम के ख़िलाफ़ लड़ाई हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण, भारत की सुरक्षा और PM मोदी के पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए साइबर सुरक्षा बहुत ज़रूरी

● 21वीं सदी में भारत के आगे ढेर सारी चुनौतियाँ हैं, इनसे सफलतापूर्वक निपटने के लिए हमें क्रिमिनल जस्टिस को मज़बूत करना होगा, इसके लिए फ़ोरेंसिक साइंस एक महत्वपूर्ण अंग

● हमारे समाज, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर मादक पदार्थों का जो बुरा प्रभाव पड़ रहा है इससे पूरा देश चिंतित है




अहमदाबाद:केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज यानी सोमवार को अहमदाबाद में राष्ट्रीय फोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय के नवनिर्मित Centre of Excellence for Research & Analysis of Narcotics and Psychotropic Substances और महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की जाँच पर एक वर्चुअल ट्रेनिंग का उद्घाटन किया। अमित शाह ने कहा कि 2009 में नरेन्द्र मोदी जी ने यहाँ जो एक छोटा सा बीज बोया था वह आज क्रिमिनल जस्टिस को मज़बूत बनाने के लिए एक विशाल बट वृक्ष बन गया है। उन्होंने यह भी कहा कि देश में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में सुधार की जरूरत है क्योंकि अब थर्ड डिग्री देने का जमाना नहीं रहा।



गृह मंत्री ने कहा कि,'' देश के क्रिमिनल जस्टिस को और ताकतवर और परिणामलक्षी बनाने के लिए इस विश्वविद्यालय को देश के फलक पर ले जाना बहुत ज़रूरी है। उन्होने कहा कि अब थर्ड डिग्री का जमाना नहीं है और कठोर से कठोर व्यक्ति को वैज्ञानिक जाँच के आधार पर सजा दिलवाई जा सकती है। हमारी नई शिक्षा नीति में भी अलग-अलग और वैज्ञानिक शिक्षा पर बहुत ज़ोर दिया गया है। प्रधानमंत्री जी का यह आग्रह है कि हमारी शिक्षा नीति और व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि विद्यार्थी हर क्षेत्र में सर्वोच्च प्राप्त करें और इसका सबसे ज़्यादा फ़ायदा राष्ट्रीय फ़ोरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय को होगा।




अमित शाह ने कहा कि देश के 7 राज्यों ने अपने यहाँ नेशनल फ़ोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी गुजरात के कॉलेज और सेंटर फ़ॉर एक्सीलेंस खोलने की इच्छा जताई है। श्री शाह ने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि यह यूनिवर्सिटी देशभर में अपनी शाखाएँ खोलकर युवाओं को फ़ोरेंसिक साइंस में आगे आने का मौक़ा देगी। इस सेंटर में बनाए गए साइबर डिफ़ेंस सेंटर और बेलेस्टीक रिसर्च सेंटर पूरे एशिया में अपने प्रकार के अनूठे सेंटर हैं और देश इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन रहा है। 



केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि साइबर वॉर और साइबर क्राइम के ख़िलाफ़ लड़ाई हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। भारत की सुरक्षा और प्रधानमंत्री जी के पाँच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भी साइबर सुरक्षा बहुत ज़रूरी है। बेलेस्टीक रिसर्च सेंटर में बुलेट प्रूफ़ मैटेरियल की जाँच के लिए अनेक  नए आयाम स्थापित किए गए हैं। पहले जिन मैटेरियल की अमरीका और यूरोप में जाँच होती थी वह अब यहाँ हो रही है इसका सबसे अधिक फ़ायदा देशभर की पुलिस, केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और सेना के जवानों को अपनी रक्षा करने में होगा। 



 अमित शाह ने कहा कि ढेर सारे टेस्ट करने के लिए इस विश्वविद्यालय में एक स्वदेशी किट भी बनाई जाएगी जो देशभर की पुलिस को उपलब्ध कराई जाएगी। जहां भी मादक पदार्थ पकड़े जाएँगे वहीं इस किट से जाँच कर मामला आगे बढ़ाया जाएगा। केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ साल में सबसे अधिक मादक पदार्थ पकड़े गए हैं जो अब तक रिकॉर्ड है।



गृह मंत्री ने कहा कि 21वीं सदी में भारत के आगे ढेर सारी चुनौतियाँ हैं और इनसे सफलतापूर्वक निपटने के लिए हमें क्रिमिनल जस्टिस को मज़बूत करना होगा। इसके लिए फ़ोरेंसिक साइंस एक महत्वपूर्ण अंग है। 130 करोड़ की आबादी और मार्केट, कठिन भौगोलिक स्थिति वाले बॉर्डर और पड़ौसी देशों के कारण अपराध के बदलते चेहरों को देखते हुए फ़ोरेंसिक साइंस और क्रिमिनल जस्टिस को सुदृढ़ बनाना बहुत आवश्यक है। 



उन्होंने कहा कि सरकार देशभर के पुलिस अधिकारियों, न्यायाधीशों, वकीलों और क़ानून विश्वविद्यालयों के साथ CrPC, IPC और Evidence Act तीनों में आमूल चूल परिवर्तन करने के लिए एक बहुत बड़ा संवाद कर रही है। आज की आवश्यकताओं के हिसाब से हम इन्हें आधुनिक बनाना चाहते हैं। जो चीज़ें कालबाहय हो गईं हैं उन्हें निकालकर आज की चुनौतियों को पूरा करने के लिए नई धाराएँ जोड़ना चाहते हैं।



 बहुत लोगों के साथ मेरा भी यह सुझाव है कि 6 साल से अधिक की सजा वाले सभी अपराधों में फ़ोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की विज़िट अनिवार्य होना चाहिए। इसके लिए हर ज़िले में मोबाइल फ़ोरेंसिक लैब और एक एक्सटेंशन होना बहुत ज़रूरी है। इसमे युवाओं की मदद की ज़रूरत होगी जिसके लिए नेशनल फ़ोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी को हर राज्य में अपने कॉलेज खोलने होंगे। इसलिए हर ज़िले में मोबाइल फ़ोरेंसिक लैब और एक एक्सटेंशन होना बहुत ज़रूरी है। हम बहुत तेज़ी से इस दिशा में काम करने जा रहे हैं। अमित शाह ने कहा कि हमारे उपनिषद का एक वाक्य है कि स्वराज्य का मूल्य न्याय होता है और मैं मानता हूँ कि इससे न्याय जडीभूत होगा।




अमित शाह ने कहा कि हमारी पुलिस पर नो एक्शन और एक्स्ट्रीम एक्शन का आरोप लगता है और पुलिस इन दोनों के बीच फँसी रहती है। हमें जस्ट एक्शन, नेचुरल एक्शन चाहिए और यह तभी हो सकता है जब वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर जाँच को आगे बढ़ाएँ। इस दिशा में आगे जाना बहुत ज़रूरी है। 




केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हमारे समाज, सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर मादक पदार्थों का जो बुरा प्रभाव पड़ रहा है इससे पूरा देश चिंतित है।नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार ने तय किया है कि हम भारत में नारकोटिक्स पदार्थों को आने भी नहीं देंगे और भारत को उसका रास्ता भी नहीं बनने देंगे। इसके लिए पिछले दो साल में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमने बहुत सारे कदम उठाए हैं। भारत के लिए नार्को टेरर एक अन्य ख़तरा है इससे जो धन प्राप्त होता है उसका उपयोग आतंकवाद के लिए होता है। इसे रोकना भी बहुत ज़रूरी है शाह ने कहा यहाँ जो एक्सीलेंस सेंटर बनाया गया है वह अपने आप में एक परिपूर्ण इकाई है। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लेबोरेटरी के समकक्ष व्यवस्था गुजरात के इस फ़ोरेंसिक विश्वविद्यालय में बनाई गई है।














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