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कांग्रेस 'स्वतंत्र मीडिया' चाहती है, हम चाहें भी तो ऐसा नहीं कर सकते, यह हमारा स्ट्रक्चर ही नहीं है: मीडिया को कंट्रोल करने के सवाल पर राहुल गांधी

  • by: news desk
  • 17 January, 2023
कांग्रेस 'स्वतंत्र मीडिया' चाहती है, हम चाहें भी तो ऐसा नहीं कर सकते, यह हमारा स्ट्रक्चर ही नहीं है: मीडिया को कंट्रोल करने के सवाल पर राहुल गांधी

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की अगुवाई में तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज मंगलवार को 123वां दिन है।  ‘यात्रा’ इन दिनों पंजाब में है | पंजाब में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का आज  (17 जनवरी, 2023 को) सातवां दिन है| राहुल गांधी ने आज रविवार सुबह 7 बजे होशियारपुर के झींगर खुर्द (टांडा)  से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की। यह यात्रा टांडा के झींगर खुर्द से होते हुए सुबह 11:30 बजे गनुसपुर पहुंची। यहाँ रविवार दोपहर करीब 1 बजे राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेस की| प्रेस कांफ्रेस के बाद राहुल गांधी दोपहर 3:30 बजे पुनः यह यात्रा गनुसपुर से शुरू करेंगे| यह यात्रा शाम साढ़े छह बजे गनुसपुर से मुकेरियां पहुंचेगी| 



पंजाब के होशियारपुर में प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा- अब भारत जोड़ो यात्रा को चार महीने से ज्यादा हो गए हैं। यात्रा कन्याकुमारी से शुरू हुई और अब पंजाब से निकल रही है। कल हम हिमाचल में होंगे। यात्रा का लक्ष्य हिंदुस्तान में जो नफरत फैलाई जा रही है, हिंसा फैलाई जा रही है, उसके खिलाफ खड़े होना। जो बेरोजगारी बढ़ती जा रही है, जो महंगाई बढ़ती जा रही है और जो इन्कम इनक्वैलिटी बढ़ती जा रही है, उसके खिलाफ हमने ये यात्रा शुरू की और बहुत सफल यात्रा रही है।


राहुल गांधी ने कहा- दो आंकड़े मुझे आज मिले हैं, मैं आपको बताना चाहता हूं, इन्कम इनइक्वैलिटी के बारे में। हिंदुस्तान के 21 सबसे अमीर लोगों के पास उतना ही धन है जितना 70 करोड़ हिंदुस्तानियों के पास है, पहला आंकड़ा। दूसरा आंकड़ा - हिंदुस्तान के सबसे अमीर एक प्रतिशत के पास हिंदुस्तान का 40 प्रतिशत धन है। तो ये हिंदुस्तान की जो इनक्वैलिटी है, उसके आंकड़े हैं और इन चीजों के खिलाफ हमने ये यात्रा शुरू की है।



जयराम रमेश ने जोड़ा कि राहुल जी ने जो आंकड़े बोले हैं अभी, वो स्लाइड पर दिखाया गया है, अमीर और गरीबी के बीच में जो विषमताएं हैं, पिछले 8 साल में बढ़ी हैं, उसका एक दृश्य और जो आंकड़े हैं, अभी-अभी इन्होंने बताया, वो आपके सामने है।


EVM बैन के सवाल पर Rahul Gandhi का जवाब

एक प्रश्न पर कि जो आपका प्रयास है लोगों को जोड़ने का, वो प्रशंसनीय कदम है, परंतु ईवीएम के बारे में लोगों में धारणा है कि जब तक ईवीएम है, कांग्रेस पुनः सत्ता में नहीं आ सकती, क्या आप ईवीएम पर भी कोई फैसला लेंगे? श्री गांधी ने कहा कि ईवीएम की बात विपक्ष ने, हमने दो- तीन बार कही है और वो चर्चा चल रही है। मगर ईवीएम सिर्फ एक एलिमेंट है। जैसे मैंने पहले भी कहा है कि आज हिंदुस्तान के सारे के सारे इंस्टीट्यूशन्स, आरएसएस और बीजेपी ने कंट्रोल कर लिए हैं और हिंदुस्तान के सब इंस्टीट्यूशन्स पर उनका दबाव है, प्रेस पर दबाव है, ब्यूरोक्रेसी पर दबाव है, इलेक्शन कमीशन पर दबाव है, जुडिशियरी पर प्रेशर डालते हैं, तो सारे के सारे इंस्टीट्यूशन्स पर उन्होंने कब्जा कर रखा है, तो ये लड़ाई अब जो पहले राजनीतिक लड़ाई होती थी, वैसी लड़ाई नहीं है। अब एक पॉलिटिकल पार्टी, दूसरी पॉलिटिकल पार्टी के बीच में लड़ाई नहीं है, अब ये हिंदुस्तान के इंस्टीट्यूशन्स, जो इन्होंने कैप्चर किए हैं, उनके बीच और अपोजिशन के बीच में लड़ाई है। उसमें एक फैक्टर ईवीएम है, मगर बहुत सारे दूसरे फैक्टर भी हैं। हिंदुस्तान में जो नॉर्मल डेमोक्रेटिक प्रोसेस रहा है, आज वो नहीं है। जो विपक्ष के लोगों पर आक्रमण हो रहा है, सीबीआई, ईडी, पेगासस, ये नॉर्मल डेमोक्रेटिक फंक्शनिंग नहीं है।


पंजाब को पंजाब से चलाना चाहिए, दिल्ली के रिमोट कंट्रोल से नहीं...

एक अन्य प्रश्न पर कि आपने कहा कि ये यात्रा सियासी नहीं है, ऐसे में अचानक पंजाब के मुख्यमंत्री श्री भगवंत मान को सुझाव देने की क्या जरूरत पड़ गई? श्री राहुल गांधी ने कहा कि ये आपका सवाल है या किसी और ने लिखा है आपके लिए, पूछ रहा हूं। पढ़- पढकर देख रहे हैं आप, पता नहीं किसने आपको पूछा हो।



उन्होंने कहा, ‘‘देखिए, मैंने सीएम को जो पंजाबी कल्चर है, जिसको मैं अच्छी तरह समझता हूं, जो पंजाबी हिस्ट्री है, उसके बारे में मैंने उनको प्यार से बताया है। पंजाब को पंजाब से ही चलाया जा सकता है, ये हिस्टोरिकल फैक्ट है, ये कोई नई बात नहीं है। अगर पंजाब को दिल्ली से चलाया जाए, तो पंजाब के लोग उसको एक्सेप्ट नहीं करेंगे और रिएक्ट करेंगे। ये राजनीतिक बात नहीं है, ये फैक्ट है। ये जो पंजाबी प्राइड है, जो पंजाबी सेल्फ बिलीफ है, कॉन्फिडेंस है, प्राइड है, वो इस चीज को कभी एक्सेप्ट नहीं करेगी और जनरली कांग्रेस पार्टी में हमने इसको रिस्पेक्ट किया है।



एक अन्य प्रश्न पर कि अगर किसानों की आय कम हो रही है, तो आपको क्या लगता है क्या चीज है, जो किसानों की आय को आगे लेकर जा सकती है, इसका हल क्या था? श्री राहुल गांधी ने कहा कि देखिए किसानों पर नॉन स्टॉप आक्रमण हो रहा है और एक जगह से नहीं हो रहा है, मल्टीपल एंगल से हो रहा है और जो उसको प्रोटेक्शन मिलनी चाहिए, वो प्रोटेक्शन उसको नहीं मिल रही है। यूपीए के समय हमने प्रोटेक्शन दी थी, कर्जा माफ किया था, एमएसपी दी थी, अलग-अलग हमारी अप्रोच थी। मगर मैं ये भी कह सकता हूं कि शायद हमें भी जितना करना था, उतना नहीं किया, उससे ज्यादा करना था, क्योंकि किसान देश को भोजन देता है, वो देश की एक प्रकार से रीढ़ की हड्डी है और एग्रीकल्चर पर बाकी चीजें बिल्ड हो सकती हैं। तो चाहे हमारी यहाँ सरकार आए, चाहे यूपीए जैसी सेंटर में हमारी सरकार आए, किसान will be our central focus, उनकी (किसानों की) हम प्रोटेक्शन करेंगे।


हमने न्याय योजना की बात की थी, जो मिनिमम इनकम गारंटी सबसे गरीब लोगों के लिए वो किसानों को, गरीब किसानों को मिलेगी तो हमारा विजन एग्रीकल्चर सेंट्रिक (कृषि केंद्रित दृष्टिकोण) है और हम चाहते हैं कि एग्रीकल्चर सेक्टर में टेक्नॉलॉजी जाए, कोल्ड चेन बने, एग्रीकल्चर स्ट्रक्चर में जॉब क्रियेट हों । तो वो हमारी स्ट्रैटेजी का सेंट्रल प्लेस है।


कांग्रेस 'स्वतंत्र मीडिया' चाहती है,  हम चाहें भी तो ऐसा नहीं कर सकते, यह हमारा स्ट्रक्चर ही नहीं है: श्री गांधी

एक अन्य प्रश्न पर कि मान लीजिए कांग्रेस सत्ता में आती है, तो ये जो नेशनल टीवी, जिसको आप गोदी मीडिया का नाम देते हैं, तो क्या आप उस पर रोक लगाएंगे? श्री राहुल गांधी ने कहा कि नहीं- नहीं, देखिए, मैंने गोदी मीडिया तो कभी नहीं कहा है, वो मेरा फ्रेज नहीं है। मैं ये जरूर कहता हूं कि मीडिया को कंट्रोल किया जाता है। मीडिया पर प्रेशर डाला जाता है। मैं ये भी कहता हूं कि जो आप जैसे रिपोर्टर हैं, आपकी इतनी गलती नहीं है। आप पर दबाव है, आपके जो मालिक आपको कहते हैं, वो आपको करना पड़ता है, जो आपकी भावनाएं हैं, उनको मैं समझता हूं, क्योंकि आप आकर मुझे बोलते हैं, जो आपको देश के बारे में लगता है, मैं जानता हूं। तो मैं आपकी क्रिटिसिज्म नहीं कर रहा हूं, जो मीडिया का स्ट्रक्चर है, उसकी मैं क्रिटिसिज्म कर रहा हूं। 



श्री गांधी ने कहा कि,''कांग्रेस पार्टी की फिलोस्फी इंडिपेंडेंट मीडिया की फिलोस्फी है। कांग्रेस पार्टी की फिलोस्फी इंडिपेंडेंस इंस्टिट्यूशन्स की फिलॉसफी है। मैं आपको बताऊं अगर कांग्रेस पार्टी ये करना भी चाहे कि हम मीडिया को, मतलब जैसे आपने कहा कि अपना बना दो, हमारे अंदर वो कैपेबिलिटी नहीं है। हम उसको इंप्लीमेंट ही नहीं कर सकते, क्योंकि हमारा स्ट्रक्चर उतना सेंट्रलाइज नहीं है, बीजेपी जितना ।



उन्होंने कहा, ‘‘ हम इंडिपेंडेंट मीडिया चाहते हैं, फेयर मीडिया चाहते हैं और जो मीडिया में नफरत फैलाई जाती है और वो फैलाई जाती है और जो मीडिया डिस्ट्रैक्शन का रोल प्ले कर रहा है, जैसे मैंने अपने भाषण में कहा था कि जब कोई जेबकतरा आता है, तो अकेला नहीं आता है, दो-तीन लोग आते हैं। एक ध्यान को उधर लेकर जाता है और फिर जेब काटी जाती है। तो एनएडवरटेंटली आप वो रोल प्ले कर रहे हैं। आप लोग नहीं, परंतु आपका जो स्ट्रक्चर है। आप लोग डिस्ट्रैक्ट करते हैं, आप लोग कहते हैं देखो हिंदू-मुस्लिम, ऐश्वर्या राय, शाहरुख खान, बॉलीवुड, तेंदुलकर, उधर देखो और इधर मतलब किसान की लूट हो रही है, छोटे व्यापारी मारे जा रहे हैं, इनक्वैलिटी बढ़ती जा रही है। 



तो आपका रोल डिस्ट्रैक्शन का रोल है, आपका रोल वॉचडोग का रोल होना चाहिए। जैसे हमने ये जो आंकड़े लगाए हैं (स्लाइड की तरफ इशारा करते हुए कहा), इसके बारे में आपने कोई सवाल ही नहीं पूछा। एक्चुअली ये सबसे जरूरी सवाल है। ऐश्वर्या राय से, शाहरुख खान से ये जरुरी सवाल है, मगर आप लोग ये पूछते नहीं हैं। आपकी गलती नहीं है, शायद आप पूछते, अगर आपको छूट दी जाती, तो आप पूछते ।अखबार में रोजगार की बात पढ़ने को नहीं मिलती। स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज की बात तो सुनाई नहीं देती। लुधियाना में जो पूरा इंडस्ट्री खत्म हो गई, उसके बारे में सुनाई नहीं देता ।


मैं जरूर प्यार से मिल सकता हूं, गले लग सकता हूं, मगर..: वरुण गांधी पर बोले राहुल गांधी

एक प्रश्न पर कि क्या कांग्रेस परिवार को जोड़ने के लिए भी आप आगे हाथ बढ़ाएंगे, वरुण गांधी आपके भाई हैं, क्या उनसे भी मिलकर चलने की बात की जाएगी, श्री राहुल गांधी ने कहा कि वो बीजेपी में हैं, शायद अगर वो यहां चलेंगे उनको प्रॉब्लम हो जाएगी। मगर मेरी विचारधारा, उनकी विचारधारा से नहीं मिलती। मैं आरएसएस के ऑफिस में कभी नहीं जा सकता, मेरा आपको गला काटना पड़ेगा पहले, मैं नहीं जा सकता और मेरा जो परिवार है, उसकी एक विचारधारा है, उसका एक थॉट सिस्टम है, थिंकिंग सिस्टम है|   वरुण ने एक समय, शायद आज भी उस विचारधारा को अपनाया और उस विचारधारा को अपना बनाया तो मैं उस बात को एक्सेप्ट नहीं कर सकता हूं। मैं जरूर प्यार से मिल सकता हूं, गले लग सकता हूं, मगर उस विचारधारा को मैं एक्सेप्ट नहीं कर सकता, इम्पॉसिबल है।



एक अन्य प्रश्न पर कि पार्टी में नहीं, परिवार में ला सकते हैं के उत्तर में श्री गांधी ने कहा कि वो अलग रिश्ते होते हैं, लेकिन मेरा प्वाइंट आईडियोलॉजिकल लड़ाई चल रही है। सालों पहले उसने मुझे कहा कि आरएसएस देश में बहुत अच्छा काम कर रहा है और मैंने कहा कि देखिए आप अपने परिवार की हिस्ट्री जो है उसको आप थोड़ा पढ़िए और उसको आप समझिए, क्योंकि जो आपने मुझे बोला है अगर आपने अपने परिवार की विचारधारा समझी तो आप ये कभी नहीं बोल सकते मुझे, लेकिन कोई नफरत या ऐसी कोई बात नहीं है।



दोबारा से पंजाब में कांग्रेस की सरकार आने पर ड्रग्स पर रोकथाम.....

एक अन्य प्रश्न पर कि दोबारा से पंजाब में कांग्रेस की सरकार आने पर ड्रग्स पर रोकथाम में कैसे यकीन दिलाएंगे, श्री गांधी ने कहा कि सबसे पहले, हमने सरकार में ड्रग्स में काफी काम किया। पंजाब का मुख्य मुद्दा अनएम्प्लॉयमेंट का मुद्दा है और जो किसानों को दुःख हो रहा है वो 2 केन्द्रीय मुद्दे है और उसमें से ड्रग्स का मुद्दा पैदा होता है, तो अगर ड्रग्स से डायरेक्टली लड़ना है और लड़ा जाएगा। मगर जब तक हम अनएम्प्लॉयमेंट के मुद्दे को एड्रेस नहीं करेंगे, किसानों में जो दुःख है उसको एड्रेस नहीं करेंगे तब तक ड्रग्स प्रॉब्लम भी एड्रेस नहीं होगा। तो संयुक्त तरीके से करके ये काम किया जा सकता है। सचमुच में पंजाब को एक नए दृष्टिकोण की जरूरत है और अगर मेरी पंजाब की सरकार के बारे में शिकायत है तो वो है कि पंजाब ने उनकी सरकार को एक अपॉर्चुनिटी दी।



अपॉर्चुनिटी पंजाब को विजन देने की दी और सरकार पंजाब को विजन दे नहीं पा रही है। मैं पूछ रहा हूं लोगों से कि भाई आम आदमी पार्टी ने क्या किया? क्या विजन दिया? और मैं कांग्रेस के लोगों से नहीं पूछ रहा हूं, मैं आम लोगों से पूछ रहा हूं कि आपको क्या लगता है और रिस्पॉन्स यूनिवर्सली आ रहा है कि जो हमारी एक्सपेक्टेशन थी, वो तो पूरी नहीं हुई और ये बातें करते रहते हैं, मगर कोई पंजाब को जो विजन मिलना चाहिए, वो नहीं मिला है। तो रियली जब कांग्रेस पार्टी की यहां सरकार आए। एक लॉन्ग टर्म विजन पंजाब के लिए देना पड़ेगा और उसमें हमारे किसान और जो हमारे स्मॉल और मीडियम इन्डस्ट्रीज हैं, उनको सेन्ट्रल होना पड़ेगा।


.....बीजेपी को जबरदस्त चोट लगेगी: बीजेपी के 9 राज्यों में जीत के दावे पर राहुल गांधी

एक अन्य प्रश्न कि बीजेपी का कहना है कि कई स्टेट्स के 2023 में चुनाव आने हैं, उसमें हम जीतेंगे, अपनी सरकार बनाएंगे, इसके बारे में आप क्या सोचते हैं, श्री गांधी ने कहा कि बीजेपी ये तो नहीं कहेगी कि हम सब चुनाव हारेंगे, उनको तो यही कहना है कि हम सब चुनाव जीतेंगे। उनकी तो और कोई च्वाइस नहीं है, लेकिन जो देश में माहौल तैयार हो रहा है, खासतौर से जो इकॉनोमिक डिस्ट्रेस है, जो अनएम्प्लॉयमेंट है, जो प्राईस राईस है, उससे बीजेपी को जबरदस्त चोट लगेगी । ......और मैं निकला हूं, सड़क पर चलकर निकला हूं, मध्यप्रदेश से मैं निकला हूं, बाकी स्टेट्स से, कर्नाटक से तो ये तो क्लियर है कि बीजेपी के खिलाफ काफी गुस्सा है।



'दरअसल, बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) ने दावा किया है कि इस साल होने वाले 9 राज्यों के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत पक्की है।


हिन्दू धर्म शांतिप्रिय धर्म है,मोहब्बत का धर्म है, जोड़ने का धर्म है

एक अन्य प्रश्न पर कि आरआरएस प्रमुख श्री मोहन भागवत के दिए एक बयान कि भगवा ही हमारी पहचान है, इस बयान को आप किस तरह से लेते हैं, श्री गांधी ने कहा कि जैसे मैंने कहा हिन्दू धर्म में, किसी भी धर्म में नफरत फैलाना, किसी भी धर्म ने ये नहीं कहा है कि भाई नफरत फैलानी है। हिन्दू धर्म पीस लविंग धर्म है, मोहब्बत का धर्म है, जोड़ने का धर्म है। तो वो जो भी रंग अपनाना चाहते हैं, अपना सकते हैं, लेकिन जो हिन्दू धर्म में लिखा है वो नहीं करते हैं, वो कुछ और करते हैं। क्योंकि हिन्दू धर्म में ये नहीं लिखा है कि लोगों को धमकाना चाहिए, डराना चाहिए, मारना चाहिए, हिन्दू धर्म में ये नहीं लिखा है। तो जो भी रंग अपनाना चाहते हैं, अपना सकते हैं, लेकिन जो हिन्दू धर्म में लिखा है और मैंने पढ़ा है, काफी पढ़ा है वो ये नहीं करते हैं, वो 'कुछ और करते हैं।


 UPA ने 20 करोड़ से ज़्यादा लोगों को ग़रीबी से निकाला, मोदी जी ने वापस गरीबी में डाल दिया

एक अन्य प्रश्न पर कि पूरे विश्व में सबसे ज्यादा गरीब लोग हिन्दुस्तान में हैं तो यदि आपकी सरकार आती है तो क्या कुछ करेंगे, के उत्तर में श्री राहुल गांधी ने कहा कि हमारी जब सरकार थी, हमने रिकॉर्ड लोगों को इस देश में रिकॉर्ड लोगों को गरीबी से निकाला था। 20 करोड़ से ज्यादा लोगों को हमने गरीबी से निकाला था, यूपीए की सरकार में, उन लोगों को नरेन्द्र मोदी जी ने वापस गरीबी में डाल दिया है। 



श्री गांधी ने कहा कि, हमारी पॉलिसीज़ हिन्दुस्तान को इकॉनोमिकली आगे बढ़ाने की होती है, मगर हमारी पॉलिसीज़ गरीब लोगों की रक्षा करने की भी होती हैं। चाहे वो मनरेगा हो, चाहे वो भोजन का अधिकार हो, चाहे वो जमीनी अधिग्रहण बिल हो, ट्राइबल राइट्स हों, तो हम प्रोटेक्ट करके लोगों को, देश को आगे ले जाते हैं और मुझे लगता है कि हिन्दुस्तान के सामने सेन्ट्रल प्रॉब्लम, अनएम्प्लॉयमेंट का प्रॉब्लम है।   जो स्मॉल और मीडियम इन्डस्ट्रीज पर आक्रमण हो रहा है, जो किसानों पर आक्रमण हो रहा है, इसके कारण बेरोजगारी बढ़ रही है। तो हमें किसानों की और स्मॉल और मीडियम बिजनेसेज़ की रक्षा करनी पड़ेगी और उनको बढ़ावा देकर ये जो बेरोजगारी है, इसको मिटाना पड़ेगा।



पंजाब में हमारी सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी थी, उसका नतीजा- आम आदमी पार्टी चुनाव जीती है

एक अन्य प्रश्न पर कि पंजाब कांग्रेस की लीडरशिप में नवजोत सिंह सिद्धू बनाम चरणजीत सिंह चन्नी देखने को मिला था, अब ऐसा ना हो, उसके लिए क्या कुछ किया जा रहा है? श्री गांधी ने कहा कि पिछले चुनाव में काफी एंटी इन्कम्बेंसी थी, जरूर लीडरशिप के बीच में इशू होते थे, परंतु ये आसानी से मैनेजेबल इशू हैं और आइंदा ये आने वाले समय में ये इशू नहीं होंगे। कोई ऐसी समस्या नहीं है, सब एक साथ मिलकर चल रहे हैं। वो लीडरशिप में कमी जब आती है, जब जनता में थोड़ा प्रेशर बनता है और इस बात को एक्सेप्ट करना पड़ेगा कि जो पिछली कांग्रेस सरकार थी, उसके खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी थी, वो सच्चाई है और उसका नतीजा मतलब आम आदमी पार्टी चुनाव जीती है, परंतु अब मुझे लग रहा है कि वो जो एंटी इंकम्बेंसी, जो फीलिंग कांग्रेस पार्टी के खिलाफ थी, वो अब गायब हो गई है। तो अब कांग्रेस पार्टी को बिल्ड करना है और मुझे लगता है कि आसानी से हम यहाँ पर अगली सरकार फॉर्म करेंगे।


बीजेपी ने देश के सामने एक विजन रखा है- नफरत भरा हुआ विजन

एक अन्य प्रश्न पर कि क्या 3,200 किलोमीटर चलने के बाद राहुल गांधी नफरत की दीवार में सेंध लगाने में कामयाब हो पाए हैं? श्री राहुल गांधी ने कहा कि जरूर हुए और बहुत कुछ सीखने को मिला, बहुत कुछ देखने को मिला, अभी यात्रा खत्म नहीं हुई है। मगर यात्रा तो काफी सक्सेसफुल रही है और मुझे ये देखकर बहुत खुशी हुई कि इस देश में लाखों-करोड़ों लोग जो बीजेपी की नफरत भरी आईडियोलॉजी है, उसको एक्सेप्ट ही नहीं करते हैं और मोहब्बत की बात करते हैं, रिस्पेक्ट की बात करते हैं, भाईचारे की बात करते हैं, तो जरूर एक बीजेपी ने देश के सामने एक विजन रखा है, नफरत भरा हुआ विजन रखा है।


यात्रा ने देश को एक और दूसरा विजन दिखा दिया है और देश ने एक्सेप्ट भी कर लिया है कि दो विजन हैं, हिंदुस्तान में एक नफरत भरा, एरोगेंट, अहंकार से भरा और दूसरा मोहब्बत का, इज्जत का, रिस्पेक्ट का, भाईचारे का और वो क्लीयर है और इस यात्रा ने वो बहुत अच्छी तरह डेमोंस्ट्रेट किया है।


यात्रा में आपको नफरत नहीं मिलेगी। आप चली हैं, चली हैं हमारे साथ, आपको कहीं नफरत दिखी, कहीं आपको मतलब किसी को मारते हुए देखा, नहीं, सवाल नहीं उठता। तो 3,500 किलोमीटर, 3,400 किलोमीटर हम चले हैं, किसी ने कोई हिंसा नहीं की, कोई नफरत नहीं की, किसी ने मतलब एक-दूसरे से गलत तरीके से बात तक नहीं की । तो ये हिंदुस्तान का छोटा सा एक विजन है और इसमें से बहुत सारे दूसरे विजन निकल सकते हैं।



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