नई दिल्लीः कोरोना वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अपने देशवासियों को ख़तरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट क्या सही है?..राहुल गांधी ने कहा कि ,''बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी एक अतिगंभीर समस्या है, ‘उत्सव’ नहीं|
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट किया,'बढ़ते कोरोना संकट में वैक्सीन की कमी एक अतिगंभीर समस्या है, ‘उत्सव’ नहीं- अपने देशवासियों को ख़तरे में डालकर वैक्सीन एक्सपोर्ट क्या सही है? केंद्र सरकार सभी राज्यों को बिना पक्षपात के मदद करे। हम सबको मिलकर इस महामारी को हराना होगा।
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें उन्होंने कुल सात मांग की हैं| राहुल गांधी ने अपील की है कि वैक्सीन निर्माताओं को आर्थिक मदद देनी चाहिए, हर किसी को वैक्सीन लगवाने की छूट मिलनी चाहिए, राज्यों को वैक्सीन अधिक मात्रा में देनी चाहिए|
पीएम को लिखे अपने पत्र में राहुल ने लिखा, 'हमारे वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सर्टिफिकेट पर किसी एक शख्स की फोटो से हटकर अधिकतम वैक्सीनेशन की गांरटी तक पहुंचाना होगा| उन्होंने लिखा है कि केंद्र के खराब क्रियान्वयन और लापरवाही के कारण वैज्ञानिक समुदाय और वैक्सीन निर्माताओं के प्रयासों को कम करके आंका गया है|
राहुल गांधी ने लिखा, 'भारत ने वैक्सीनेशन में शुरुआती बढ़त हासिल करने के लाभ को गंवा दिया है और अब हम इसमें बेहद धीमी गति से बढ़ रहे है| तीन माह में आबादी के एक प्रतिशत से भी कम लोगों का हम पूरा टीकाकरण कर पाए हैं|' उन्होंने दावा किया है कि अगर मौजूदा गति से टीकाकरण चलता रहा तो देश की 75 फीसदी आबादी को टीका लगाने में कई साल लग जाएंगे| यदि ऐसा रहा तो इसका देश की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ेगा|
राहुल गांधी ने कहा कि, 'इसका कोई साफ कारण नहीं है कि सरकार ने बड़े पैमाने पर वैक्सीन के निर्यात की इजाजत क्यो दी| हमारा देश वैक्सीन की कमी का सामना कर रहा है और छह करोड़ से अधिक वैक्सीन के डोज निर्यात कर दिए गए हैं|' 'राज्य सरकारें लगातार वैक्सीन की कमी की ओर ध्यान दिला रही हैं| उन्होंने सवाल उठाया कि देश के लोगों की अनदेखी करते हुए लोकप्रियता हासिल करने के लिए आखिर वैक्सीन एक्सपोर्ट क्यों किया गया|
उन्होंने यह भी कहा कि‘टीके के निर्यात पर तत्काल रोक लगाई जाए और नियमों और दिशानिर्देशों के अनुसार दूसरे टीकों को त्वरित अनुमति दी जाए| जिन्हें भी टीके की जरूरत है उनके लिए टीकाकरण की व्यवस्था की जाए| उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी आग्रह किया कि टीके की खरीद एवं वितरण में राज्यों की भूमिका बढ़ाई जाए तथा इस मुश्किल समय में गरीब तबकों कीसीधी आर्थिक मदद की जा सके|
बता दें कि देश के कई राज्यों ने कोरोना वैक्सीन के डोज की कमी को लेकर केंद्र सरकार को जानकारी दी थी| महाराष्ट्र, झारखंड ,ओडिशा आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने पहले ही वैक्सीन की कमी की बात कह दी है|