नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों की रिहाई के खिलाफ केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों को रिहा करने के 11 नवंबर के आदेश के खिलाफ केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट ने बीते शुक्रवार 11 नवंबर को राजीव गांधी के सभी हत्यारों की रिहाई के आदेश दे दिए थे| सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आजीवन कारावास की सजा काट रहे सभी छह दोषियों (नलिनी श्रीहरन, आर पी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार) को रिहा कर दिया गया है|
पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों की रिहाई के आदेश के बाद कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को "पूरी तरह से अस्वीकार्य" और "पूरी तरह से गलत" बताया। कांग्रेस ने कहा कि,“पूर्व पीएम राजीव गांधी के शेष हत्यारों को मुक्त करने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है।. कांग्रेस पार्टी इसकी स्पष्ट रूप से आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है।
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी हत्यारों को किया रिहा
कांग्रेस महासचिव प्रभारी संचार जयराम रमेश ने एक बयान में था कहा,“ यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया ”|
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि,''पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अन्य हत्यारों को मुक्त करने का SC का निर्णय अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस इसकी आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि SC ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया|
राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में श्रीलंका के लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE) समूह की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी| सात दोषियों को हत्या में भूमिका को लेकर कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी|
साल 2000 में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पत्नी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की दखल के बाद दोषियों की मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया था| साल 2008 में, पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बेटी प्रियंका गांधी ने वेल्लोर जेल में उससे मुलाकात की थी|