नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी छह दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रिहा करने का आदेश दिया। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए नलिनी श्रीहर समेत सभी 6 दोषियों को रिहा करने के आदेश दे दिए हैं|आदेश में नलिनी, पीआर रविचंद्रन, रॉबर्ट पियास, सुथेंद्रराजा, जयकुमार और श्रीहरन की रिहाई शामिल हैं।
न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना की पीठ ने मामले के एक अन्य दोषी ए जी पेरारिवलन के मामले पर विचार करते हुए यह आदेश पारित किया, जिसे इस साल मई में संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी असाधारण शक्ति का इस्तेमाल करते हुए रिहा किया गया था| ए जी पेरारिवलन को SC ने 18 मई 2022 को पूर्व PM राजीव गांधी की हत्या के मामले में रिहा कर दिया था।
पीठ ने कहा कि दोषी पेरारीवलन की रिहाई का आदेश बाकी दोषियों पर भी लागू होगा| दोषियों नलिनी और रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है| पीठ ने कहा कि तमिलनाडु कैबिनेट ने 9 सितंबर, 2018 को उनकी रिहाई की सिफारिश की थी और यह राय राज्यपाल के लिए बाध्यकारी होगी, जिनके समक्ष दोषियों ने माफी याचिका दायर की थी।
पीठ ने यह भी कहा कि दोषियों ने जेल में तीन दशक से अधिक समय बिताया है और जेल में उनका आचरण संतोषजनक था, यह देखते हुए कि उनका आचरण अच्छा पाया गया और उन सभी ने जेल में रहने के दौरान विभिन्न डिग्री हासिल की है।
दोषियों के वकील ने कहा कि,''पेरारिवलन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए अन्य 6 दोषियों(पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में) को भी SC ने रिहा कर दिया है|
SC का आदेश पूरी तरह से 'अस्वीकार्य और गलत: कांग्रेस
कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सभी हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत करार दिया।कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि,''पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के अन्य हत्यारों को मुक्त करने का SC का निर्णय अस्वीकार्य और पूरी तरह से गलत है। कांग्रेस इसकी आलोचना करती है और इसे पूरी तरह से अक्षम्य मानती है। दुर्भाग्यपूर्ण है कि SC ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया|
बता दें कि, भारत के पूर्व प्रधान मंत्री राजीव गांधी की 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली में एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी।