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2026 तक जारी रहेगा राष्ट्रीय आयुष मिशन, कैबिनेट ने दी मंजूरी

  • by: news desk
  • 14 July, 2021
2026 तक जारी रहेगा राष्ट्रीय आयुष मिशन, कैबिनेट ने दी मंजूरी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय आयुष मिशन (एनएएम) को केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में 01 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2026 तक 4607.30 करोड़ रुपये (केंद्रीय हिस्से के रूप में 3,000 करोड़ रुपये और राज्य के हिस्से के रूप में 1607.30 करोड़ रुपये) के वित्तीय व्यय के साथ जारी रखने को मंजूरी दे दी है। 



राष्ट्रीय आयुष मिशन को वित्तीय वर्ष 2021-22 से 2025-26 तक जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इसमें कुल 4607 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे|देशभर में 12,000 आयुष हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। 6 आयुष कॉलेज, 12 आयुष पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट का निर्माण किया जाएगा। 10 अंडर ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट के इंफ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड किया जाएगा: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर



भारत के पास आयुर्वेद, सिद्ध, सोवा-रिग्पा, यूनानी और साथ ही होम्योपैथी (एएसयू एंड एच) जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक अद्वितीय विरासत है जो निवारक, प्रोत्साहक और उपचारात्मक स्वास्थ्य सेवा के लिए ज्ञान का खजाना है। भारतीय चिकित्सा पद्धतियों की विशेषताएं यानी उनकी विविधता एवं लचीलापन;  सुगम्यता;  वहन योग्य, आम जनता के एक बड़े वर्ग द्वारा व्यापक स्वीकृति; तुलनात्मक रूप से कम लागत और बढ़ते आर्थिक मूल्य, उन्हें वैसे स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बनने की क्षमताओं से भरती हैं जिनकी हमारे एक बड़े वर्ग को जरूरत है।




केंद्र प्रायोजित योजना, राष्ट्रीय आयुष मिशन को आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा सस्ती आयुष सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से लागू किया जा रहा है। इसका उद्देश्य आयुष अस्पतालों और औषधालयों के उन्नयन के माध्यम से व्यापक पहुंच के साथ, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और जिला अस्पतालों (डीएच) में आयुष सुविधाओं को एक साथ मुहैया करना, आयुष शैक्षणिक संस्थानों के उन्नयन के माध्यम से राज्य स्तर पर संस्थागत क्षमता को मजबूत करना, 50 बिस्तरों वाले एकीकृत आयुष अस्पताल की स्थापना, आयुष सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रम और 12,500 आयुष स्वास्थ्य एवं वेलनेस सेंटर का संचालन करना है। इनके पीछे मकसद आयुष सिद्धांतों और प्रथाओं के आधार पर एक समग्र वेलनेस मॉडल की सेवाएं प्रदान करना है ताकि रोग के बोझ को कम कर और जेब पर पड़ने वाले खर्च को कम करके "स्व-देखभाल" के लिए जनता को सशक्त बनाया जा सके।




मिशन देश में विशेष रूप से पिछड़े और दूर-दराज के क्षेत्रों में आयुष स्वास्थ्य सेवाएं/शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों के प्रयासों का समर्थन करके स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को दूर कर रहा है। एनएएम के तहत ऐसे क्षेत्रों की विशिष्ट जरूरतों और उनकी वार्षिक योजनाओं में उच्च संसाधनों के आवंटन पर विशेष ध्यान दिया जाता है।




मिशन से निम्नलिखित परिणाम मिलने की उम्मीद है:

i) आयुष सेवाओं एवं दवाओं की बेहतर उपलब्धता एवं प्रशिक्षित श्रमबल प्रदान कर बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के माध्यम से आयुष स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच।

ii) बेहतर सुविधाओं से लैस बहुत सारे आयुष शिक्षण संस्थानों के माध्यम से आयुष शिक्षा में सुधार,

iii) आयुष स्वास्थ्य सेवा प्रणालियों का इस्तेमाल करते हुए लक्षित सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के माध्यम से संचारी/गैर-संचारी रोगों को कम करने पर ध्यान केंद्रित।












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