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'परेड पूरी तरह से शांति के साथ होगी': 26 जनवरी को होने वाली 'किसान ट्रैक्टर परेड' को लेकर किसानों ने की दिल्ली पुलिस से मुलाकात

  • by: news desk
  • 19 January, 2021
'परेड पूरी तरह से शांति के साथ होगी':  26 जनवरी को होने वाली 'किसान ट्रैक्टर परेड' को लेकर किसानों ने की दिल्ली पुलिस से मुलाकात

नई दिल्ली:  दिल्ली-यूपी और दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर कृषि कानूनों के विरोध में किसानों का धरना लगातार जारी है। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए  तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की कई सीमाओं पर बैठे किसानों का आंदोलन आज 55वां दिन है| इस बीच आज अन्नदाताओं और सरकार के बीच जो 10वें दौर की वार्ता होने वाली थी वह अब कल होगी। वहीं आज कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी की पहली बैठक हुई।



दिल्ली पुलिस से मुलाकात के बाद किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा,''हमने पुलिस को बताया कि 26 जनवरी को हम रिंग रोड के ऊपर ट्रैक्टर परेड निकालेंगे। यह परेड पूरी तरह से शांति के साथ होगी। रूट योजना अभी हम तय करेंगे, 6 बॉर्डर से लोग आएंगे|




सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति के सदस्य अनिल घनवट ने कहा,''यह निर्णय लिया गया है कि किसानों के साथ पहली बैठक 21 जनवरी को होगी। Physical बैठक उन संगठनों के साथ आयोजित की जाएगी जो हमें व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहते हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उन लोगों के साथ आयोजित की जाएगी जो हमारे पास नहीं आ सकते हैं|



अनिल घनवट ने कहा,''हमें सुप्रीम कोर्ट के निर्देश हैं कि हमें सभी किसान संगठनों (जो कानूनों का समर्थन कर रहे हैं और जो कानूनों का विरोध कर रहे हैं), हितधारकों को सुनना है और रिपोर्ट तैयार करके सुप्रीम कोर्ट को भेजनी है| घनवट ने कहा,''आज की बैठक में तय हुआ है कि किसानों के साथ पहली बैठक 21 जनवरी को सुबह 11 बजे होगी। जो किसान संगठन बैठक में नहीं आ सकते हैं हम उनका मत वीडियो कांफ्रेंसिंग से जानेंगे|




कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा, सरकार किसानों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, सरकार किसानों से बात करने के लिए कह रही है। 9 बार बात हो गई, सरकार मामले में कोर्ट को घसीटती जा रही है।हर इंडस्ट्री में चार-पांच लोगों का एकाधिकार बढ़ रहा है, मतलब इस देश के चार-पांच नए मालिक हैं। आज तक खेती में एकाधिकार नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी चार-पांच लोगों के हाथों में खेती का पूरा ढांचा दे रहे हैं।



भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति की बैठक में हम नहीं जा रहे हैं। आंदोलन में शामिल किसी ने भी कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाया। सरकार अध्यादेश के माध्यम से विधेयक लाई, इसे सदन में पेश किया गया। यह वापस भी उसी रास्ते से जाएगा जैसे लाया गया।



सरकार और किसान दोनों का ही मानना है कि बातचीत से ही हल निकलेगा। लेकिन हल कब निकलेगा ये नहीं पता। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई कमेटी की आज होने वाली बैठक में हम नहीं जा रहे हैं: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता 




भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति की पहली बैठक में जाने से इनकार किया है। टिकैत ने कहा कि हमें नहीं पता, हम नहीं जा रहे हैं। आंदोलन से किसी ने कोर्ट का रुख नहीं किया था। सरकार यह बिल अध्यादेश के जरिए लाई और यह संसद में पेश किया गया। यह वापस भी वैसे ही जाएगा, जहां से आया है। कोर्ट का इसमें क्या काम।



कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध-प्रदर्शन आज 55वें दिन भी जारी है



गाज़ीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ 21 महिलाएं 24 घंटों के लिए भूख हड़ताल पर बैठीं। एक प्रदर्शनकारी महिला ने बताया, "मुझे बहुत गर्व है कि मैं इसका हिस्सा बनी। हम यहां उम्मीद से ही बैठे हैं कि ये कानून रद्द होंगे, लेकिन हर बार बात टल जाती है। अब देखते हैं कि कल क्या होता है।"


किसानों का गाज़ीपुर बॉर्डर(दिल्ली-यूपी) पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच कल 10वें दौर की वार्ता होगी। 




दिल्ली और यूपी पुलिस सिंघु बॉर्डर पहुंंच गई है और यहां वह किसान नेताओं से मिले हैं। पुलिस किसान नेताओं को 26 जनवरी की उनकी ट्रैक्टर रैली के लिए मनाने पहुंची है। दिल्ली पुलिस का तर्क है कि यह दिन सुरक्षा के लिहाज से बहुत संवेदनशील होता है, ऐसे में इस दिन ट्रैक्टर रैली नहीं निकाली जा सकती क्योंकि इसका फायदा कुछ असामाजिक तत्व भी उठा सकते हैं।



किसान आंदोलन के 54वें  दिन सोमवार देर रात यूपी गेट पर अभिनेता सुशांत सिंह पहुंचे थे। इस दौरान सुशांत सिंह ने भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत और मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक व अन्य किसानों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह किसान परिवार से हैं और चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का नाम सुनकर बड़े हुए हैं। जहां भी किसी के साथ अन्याय होता है वह हमेशा बोलते हैं।




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