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किसान आंदोलन: सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत ख़त्म, कृषि कानूनों को वापस लेने से केंद्र का इनकार, 15 जनवरी को होगी अगली बैठक

  • by: news desk
  • 08 January, 2021
 किसान आंदोलन: सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत ख़त्म, कृषि कानूनों को वापस लेने से केंद्र का इनकार, 15 जनवरी को होगी अगली बैठक

नई दिल्ली:दिल्ली की कई सीमाओं समेत हरियाणा के कई जिलों में चल रहे किसान आंदोलन का 44वां दिन है। बीते 44 दिनों से किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए ठंड, बारिश, कोहरे और शीतलहर का प्रकोप झेल कर भी डटे हुए | सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए कल 40 किसान संगठनों ने ट्रैक्टर मार्च निकाला है। इस मार्च में हजारों किसानों ने शिरकत की है। उनका कहना है कि ये गणतंत्र दिवस की रिहर्सल है। वहीं आज वह सरकार के साथ आठवें दौर की बैठक कर एक बार फिर अपनी मांगों को किसानों के सामने रखेंगे। किसान नेताओं संग बैठक से पहले कृषि मंत्री तोमर ने साफ कर दिया है कि कानून वापसी के मुद्दे को छोड़कर सरकार हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है।




किसान नेता और केंद्र के बीच आठवें दौर की वार्ता LIVE Updates:


किसान यूनियन के साथ कृषि क़ानूनों पर चर्चा होती रही, परंतु कोई समाधान नहीं निकला; हमारी यही अपील रही कि क़ानून वापस लेने के अलावा कोई प्रस्ताव हो तो बताएं; देश में बहुत से लोग इन क़ानूनों के पक्ष में हैं| अगली बैठक 15 जनवरी को होगी; मुझे आशा है कि 15 जनवरी को कोई समाधान निकलेगा: कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री



सरकार के साथ मुलाकात के बाद किसान नेता बोले, '15 जनवरी को सरकार द्वारा फिर से बैठक बुलाई गई है। सरकार क़ानूनों में संशोधन की बात कर रही है, परन्तु हम क़ानून वापिस लेने के अलावा कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे|



 -किसान नेताओं और सरकार के बीच आज आठवें दौर की वार्ता भी विफल रही। इस बैठक का भी कोई नतीजा नहीं निकला। अब इनकी अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। यह बैठक इस लिहाज से भी अहम हो जाती है कि 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में किसानों के आंदोलन को लेकर दायर कई याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। ऐसे में इस सुनवाई के बाद जो बैठक होगी उसमें सुप्रीम के फैसले से काफी असर पड़ने की उम्मीद है।




-सरकार और किसानों के बीच आठवें दौर की बातचीत ख़त्म; 15 जनवरी को होगी अगली बैठक 



-किसान नेताओं और सरकार की बैठक जारी है। सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि बैठक में सरकार ने दो टूक कह दिया है कि कृषि कानून वापस नहीं होंगे। बाकी अन्य विषयों पर चर्चा के लिए हम तैयार हैं।



-कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, राज्य वाणिज्य मंत्री सोम प्रकाश एवं विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के मध्य कृषि अधिनियमों पर आधारित चर्चा आरम्भ हुई। 



दिल्ली: विज्ञान भवन में किसानों और केंद्र सरकार के बीच आठवें दौर की वार्ता शुरू हुई। बैठक में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और सोमप्रकाश मौजूद हैं। 



दिल्ली: किसान नेताओं के साथ बातचीत करने के लिए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल विज्ञान भवन पहुंचे।



-आठवें दौर की बैठक के लिए किसान नेता दिल्ली के विज्ञान भवन पहुंच चुके हैं। उनसे जब पूछा गया कि आप आज की बैठक को लेकर क्या सोचते हैं तो उन्होंने कहा कि बैठक के बाद बात करेंगे क्या होता है।



दिल्ली: कृषि कानूनों के खिलाफ जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस सांसद और नेता ने पार्टी की नेता प्रियंका गांधी वाड्रा से राहुल गांधी के आवास में मुलाकात की।



दिल्ली: केंद्र सरकार के साथ होने वाली 8वें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता विज्ञान भवन पहुंचे। 



-किसानों के साथ बैठक से पहले गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर बैठक हो रही है। इसमें कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी पहुंचे हैं। खबर है कि ये लोग किसान नेताओं की बैठक को लेकर चर्चा कर रहे हैं। इस बैठक में पीयूष गोयल भी शामिल हुए।



किसान और केंद्र सरकार के बीच होने वाली 8वें दौर की वार्ता पर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि,''मुझे पूरी आशा है कि किसान यूनियन के लोग सकारात्मक माहौल में चर्चा करेंगे और संभाव्यता हम लोग समाधान तक पहुंच पाएंगे|



किसान और केंद्र सरकार के बीच 8वें दौर की वार्ता पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि,'हम इसी उम्मीद से जा रहे हैं कि हल निकले। सरकार से उम्मीद है कि वो कुछ न कुछ हल निकाल लेगी|




बीकेयू हरियाणा के नेता गुरनाम सिंह ने कहा कि ये बात सामने आ रही है कि कोई लक्खा बाबा ने समझौते की पेशकश की है। लेकिन हम साफ कर देना चाहते हैं कि हमारे आंदोलन में कोई भी फैसला किसान संगठन के नेता लेंगे। वह जो फैसला करेंगे वह हमें मान्य होगा। किसी को कोई भ्रम रखने की जरूरत नहीं है। कोई बाहरी व्यक्ति हमारे लिए कोई फैसला नहीं ले सकता।


हरियाणा: केंद्र सरकार के साथ होने वाली आठवें दौर की वार्ता के लिए किसान नेता सिंघु बॉर्डर से विज्ञान भवन के लिए रवाना हुए




आठवें दौर की बातचीत से पहले केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि,' पहले कि वार्ता में किसान यूनियन के नेताओं का विषय था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं। सरकार सुधार के लिए तैयार है। मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता में वे इस बात को समझेंगे। किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है तो समाधान अवश्य होगा|




कृषि कानूनों के खिलाफ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, "आज की बैठक में हम उम्मीद करते है कि आज शायद फैसला आ जाए, लेकिन अगर फैसला नहीं आया तो जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक हमारा आंदोलन बढ़ता रहेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे।"




सरकार संग बैठक के लिए रवाना होने से पहले किसान नेता बलविंदर सिंह राजू ने कहा कि, धारा दर धारा बातचीत का अब कोई मतलब नहीं है। सरकार को इन कानूनों को रद्द करने के लिए आज ही बैठक करनी चाहिए।



आठवें दौर की बैठक से पहले किसान नेताओं का कहना है कि कल के एतिहासिक ट्रैक्टर मार्च का असर आज की बैठक में देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि अगर आज की बैठक का कोई हल नहीं निकला तो हम अपनी बस में बैठेंगे और वापस आ जाएंगे और आगे के आंदोलन में और तेजी लाएंगे।






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