फतेहपुर: जेल का नाम ज़ुबा पर आते ही ज़ेहन में जो तस्वीर उभर कर सामने आती है वह कोई अच्छी नही होती लेकिन जेल में बंद होने के बाद बैंक खाता जेल में खुले और सरकार खुद हर माह पैसे भेजे तो क्या कहना| यह मामला है फतेहपुर जिला कारागार का जहां , जेल में बंद क्षय रोग (टीबी)मरीज से ग्रसित बीमार बंदियों को जेल में बंद होने के कारण प्रदेश सरकार द्वारा प्रतिमाह 5 सौ रुपये पोषण भत्ता दिया जाता है,जिसका लाभ नही मिला पा रहा था।
जिसको लेकर जेल प्रशासन ने क्षय रोग से ग्रसित मरीजो को इसका लाभ मिले अधिकारियों से बात कर बैंक कर्मियों को बुलाकर जेल में ही क्षय रोग टीबी के मरीजो का खाता खोला गया।
जेल अधीक्षक मो अकरम ने बताया कि क्षय रोग टीबी के 13 मरीज जेल में बंद है जिनमे से 3 लोग टीबी की बीमारी से ठीक हो चुके है और 10 मरीज जिनको प्रदेश सरकार द्वारा खाने पीने को प्रतिमाह 5 सौ रुपये पोषण भत्ता जेल में बन्द होने के कारण नही मिल पा रहा था। जिसको लेकर जिले के अधिकारियों से बातकर बैंक कर्मियों को जेल में बुलवाकर 10 क्षय रोग से ग्रसित मरीजों का खाता खोला गया जिनके खाते में 15 दिन के अंदर 5 सौ करोड़ पहुच जायेगा।और जब तक इनका इलाज चलता रहेगा इनके खातों में पैसा आता रहेंगे।