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Uttarakhand Glacier Burst​: ग्लेशियर टूटने के बाद आई तबाही से बचाव अभियान छठे दिन भी जारी, अब तक 36 शव बरामद,' 204 लापता

  • by: news desk
  • 12 February, 2021
Uttarakhand Glacier Burst​: ग्लेशियर टूटने के बाद आई तबाही से बचाव अभियान छठे दिन भी जारी, अब तक 36 शव बरामद,' 204 लापता

चमोली:  उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के बाद आई तबाही से बचाव अभियान आज छठे दिन भी जारी है और अब तक 36 लोगों के शव मिले हैं, जबकि अब भी 202 से ज्यादा लोग लापता हैं|  राज्य सरकार के अनुसार अब तक 36 शव बरामद किए जा चुके हैं और 204 लोग लापता हैं। उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने की घटना में अब तक 36 शव बरामद किए गए हैं, जिनमें से 10 शवों की पहचान की जा गई है।




चमोली ज़िले के तपोवन में आज छठे दिन भी बचाव अभियान जारी है। NDRF के कमांडेंट ने बताया, "लगातार हमारी टीम यहां काम कर रही है। नई मशीनों के द्वारा भी यहां काम शुरू हो चुका है। नदी के किनारे भी हम अपनी एक टीम भेज रहे हैं ताकि वहां रास्ते में जो शव फंसे हो उसका पता लगा सकें।



चमोली की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया,''अब तक 36 शव बरामद हुए हैं और 2 व्यक्ति जीवित मिले हैं| SDRF DIG ने बताया,,''संभावना व्यक्त की जा रही है कि तपोवन के पास रैनी गाँव के ऊपर पानी जमा हुआ है इसको देखते हुए आज SDRF की 8 टीम को वहां रवाना किया गया है और वो वहां देखेंगे कि वहां पर क्या स्थिति है तभी हम आगे की कार्रवाई को अंजाम दे सकेंगे|



उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया,''तपोवन टनल के 12 मीटर नीचे छोटी टनल है जहां संभावना थी कि कुछ लोग फंसे हुए हैं लेकिन हम कल 6 मीटर तक ही ड्रिल कर पाए थे लेकिन आज हम वहां दूसरी मशीन लगाकर फिर से ड्रिल करने का प्रयास करेंगे|



बता दें,'' उत्तराखंड के चमोली में रविवार को ग्लेशियर टूटने से बड़ा हादसा हो गया|चमोली जिले के जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने के कारण आए एवेलांच से अलनकनंदा और धौलीगंगा नदियों में भयंकर बाढ़ आ गई है| बाढ़ यहां पर पांच पुलों को बहा ले गई और रास्ते में आने वाले घरों, पास के NTPC पावर प्लांट और एक छोटे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट ऋषिगंगा को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया|




तपोवन सुरंग में बचाव कार्य पर गढ़वाल DIG नीरू गर्ग ने कहा,'''इलाके के गांव के लोगों को आशंका हुई कि नदी में जल स्तर बढ़ रहा है। उसके बाद ऋषिगंगा में SDRF के जवानों ने भी जल स्तर बढ़ने की बात कही। इसके बाद हमने बचाव कार्य रोक दिया। जब जल स्तर कम हुआ तो बचाव कार्य फिर से शुरू कर दिया गया|




DIG नीरू गर्ग ने कहा,'''सब यही कोशिश कर रहे हैं कि हम आगे से आगे पहुंच पाएं। पहले गति अच्छी थी, परन्तु अब तरल ज्यादा हो गया है, जितना हम साफ कर रहे हैं अंदर से उतना ज्यादा तरल निकल रहा है। प्रयास जारी है, उम्मीद है कि 180 मीटर के आसपास वो लोग मिल जाएं|




ग्लेशियर टूटने की घटना पर पर्यावरणविद डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा,''यह मात्र उत्तराखंड के लिए संकेत नहीं है बल्कि पूरे देश का सवाल है। हम प्रकृति के विज्ञान को न मानते हैं न समझते हैं। यह प्रकृति को न समझने की भूल है। सवाल सरकारों से है कि केदारनाथ और इस घटना के बाद हमने क्या सबक लिया। इसकी समीक्षा होनी चाहिए|




कल यानी गुरुवार को चमोली ज़िले के ऋषिगंगा में जलस्तर बढ़ जाने से चल रहे बचाव कार्य को रोक दिया गया है। रैनी गांव के पास अलर्ट जारी किया गया था। चमोली पुलिस ने कहा था ऋषिगंगा नदी का जलस्तर बढ़ रहा है, आस-पास के इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट किया जा रहा है। लोगों से निवेदन है कि वे घबराएं नहीं अलर्ट रहें|






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