नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई की कूलिंग ऑफ अवधि में संशोधन की अनुमति दे दी है, जिसका अर्थ है कि बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और सचिव जय शाह बोर्ड में अपने-अपने पदों पर बने रहेंगे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को अपने संविधान में संशोधन करने की अनुमति दी और कहा, "हमारा विचार है कि संशोधन मूल उद्देश्य को कमजोर नहीं करेगा। हम प्रस्तावित संशोधन को स्वीकार करते हैं।"
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "बीसीसीआई द्वारा प्रस्तावित संशोधन हमारे मूल निर्णय की भावना से अलग नहीं है और इसे स्वीकार किया जाता है," | सुप्रीम कोर्ट BCCI अध्यक्ष, सचिव और अन्य पदाधिकारियों के लिए "कूलिंग ऑफ" अवधि से संबंधित बीसीसीआई के नियमों को बदलने के मामले की सुनवाई कर रहा था।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब BCCI में लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बने रहने पर तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होगा| अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है|
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नए ऑफिशियल्स का चुनाव 2019 में हुआ था। इसमें सौरव गांगुली अध्यक्ष, जय शाह सचिव, अरुण धूमल कोषाध्यक्ष और जयेश जॉर्ज संयुक्त सचिव चुने गए थे। BCCI ने कूलिंग ऑफ पीरियड को लेकर लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
सुप्रीम कोर्ट में BCCI के अध्यक्ष सौरभ गांगुली और सचिव जय शाह के कार्यकाल को बढ़ाने की याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुका है| फैसले के बाद अब BCCI में लगातार दो बार यानी 6 साल तक पद पर बने रहने पर तीन साल का कूलिंग ऑफ पीरियड होगा| अब पदाधिकारियों के पास BCCI और किसी राज्य एसोसिएशन में एक बार में अधिकतम 12 साल का कार्यकाल हो सकता है|