चंडीगढ़: पंजाब की आप सरकार में स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा से अपमान झेल रहे देश के शीर्ष आथोर्पेडिक सर्जनों में से एक और बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (BFUHS) के कुलपति राज बहादुर ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंतमान को अपना इस्तीफा भेज दिया।
स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा द्वारा सबके सामने ऑन कैमरा अपमानित किए जाने के एक दिन बाद फरीदकोट स्थित बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति डॉ. राज बहादुर ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है|
दरअसल, फरीदकोट में स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा ने गुरु गोविंद सिंह मेडिकल अस्पताल का दौरा किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने मरीजों के उपयोग में आने वाले गद्दों का भी निरीक्षण किया और गद्दों की खराब स्थिति देखकर कुलपति को उन पर लेटने के लिए कहा।
स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा के इस रवैये से नाराज बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज के कुलपति राज बहादुर ने शनिवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंतमान को अपना इस्तीफा भेज दिया।
कांग्रेस ने मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा के इस आचरण की आलोचना की| पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर राजा वारिंग ने कहा कि आम आदमी पार्टी के मंत्री के इस कृत्य ने चिकित्सा बिरादरी का मनोबल गिरा दिया है| उन्होंने कहा, “सीएम भगवंत मान को तुरंत मंत्री से माफी मांगने के लिए कहना चाहिए ”|
कांग्रेस नेता परगट सिंह ने कहा, " आम आदमी पार्टी का सस्ता थियेट्रिक्स (सस्ता नाटक) कभी खत्म नहीं होता। भीड़ का इस तरह का व्यवहार हमारे मेडिकल स्टाफ का ही मनोबल गिराएगा|" बाबा फरीद मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति राज बहादुर सिंह को स्वास्थ्य मंत्री चेतन सिंह जौरामाजरा (+2 पास) द्वारा सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया था। इस प्रकार का भीड़ व्यवहार केवल हमारे मेडिकल स्टाफ का मनोबल गिराएगा।
कांग्रेस नेता सुखपाल सिंह खैरा ने कहा कि पढ़े-लिखे स्वास्थ्य मंत्री द्वारा वीसी राज बहादुर जैसे प्रसिद्ध डॉक्टर को अपमानित करने का इस तरह का व्यवहार अस्वीकार्य है। अगर भगवंत मान के मन में चिकित्सकों का जरा भी सम्मान है और वह भी ऐसे वरिष्ठ डॉक्टर वीसी के लिए तो उन्हें अपने मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री और अकाली दल के वरिष्ठ नेता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि राज बहादुर चिकित्सा समुदाय में बेहद सम्मानित सख्सियत हैं| उन्होंने कहा, “कुछ कमी हो सकती हैं लेकिन मंत्री को एक प्रसिद्ध प्रोफेशनल को इस तरह से सार्वजनिक रूप से अपमानित करने के बजाय व्यक्तिगत रूप से उनसे बात करनी चाहिए थी|”
विपक्ष के नेताओं के साथ ही आईएमए और आईओए ने भी मंत्री के हरकतों की आलोचना की है| उन्होंने कहा कि डॉक्टर बहुत प्रेशर में काम करते हैं| ऐसे में उनके साथ ऐसा बर्ताव उचित नहीं है|