करनाल: हरियाणा के करनाल में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की रैली से पहले बवाल हो गया। करनाल जिले के कैमला गांव में बीजेपी की तरफ से किसान महापंचायत रैली बुलाई गई है| इस रैली में राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर किसानों को संबोधित करने वाले हैं|लेकिन उनका विरोध करने के लिए वहां हजारों किसान इकट्ठा हो गए हैं
कैमला गांव में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम से पहले पुलिस और किसानों में टकराव हो गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए ठंडे पानी की बौछार और आंसूगैस का इस्तेमाल किया। ऐसे में अब मुख्यमंत्री का दौरा रद्द हो सकता है|
आज करनाल के कैमला गांव में किसान पंचायत होने वाली थी, जिसमें सीएम मनोहर लाल खट्टर भी शामिल होने वाले थे. लेकिन सभा से पहले ही यहां भारी तादाद में विरोध करने वाले किसान पहुंच गए और हंगामा कर दिया|
पुलिस ने उन्हें काबू करने के लिए पानी की बौछार की और आंसू गैस के गोले दागे, लेकिन भीड़ आसानी से हटने वाली नहीं थी| करीब आधे घंटे तक हंगामा चलता रहा|मनोहर लाल खट्टर की महापंचायत को ध्यान में रखते हुए यहां भारी तादाद में पुलिस बल को तैनात किया था, कई रास्तों पर आवाजाही पूरी तरह रोक दी गई थी| कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस बीच सीएम खट्टर पर निशाना साधा है|
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि 'मनोहर लाल जी करनाल के कैमला गांव में किसान महापंचायत का ढोंग बंद कीजिए। अन्नदाताओं की संवेदनाओं एवं भावनाओं से खिलवाड़ करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने की साजिश बंद करिए। संवाद ही करना है तो पिछले 46 दिनों से सीमाओं पर धरना दे रहे अन्नदाता से कीजिए।
उन्होंने कहा है, "शर्म कीजिए खट्टर साहेब। जब आप किसान महापंचायत कर रहे हैं तो वहाँ आने से किसानों को ही रोकने का मतलब क्या है? मतलब साफ़ है-आपको किसानों से सरोकार न होकर केवल इवेंटबाजी से मतलब है। याद रखिए, यही हाल रहा तो बिना पुलिस के आपका घर से निकलना नामुमकिन हो जाएगा। काले क़ानून वापस लें।
रणदीप सुरजेवाला ने ने कहा,''खट्टर साहेब की तमाम कोशिशों के बावजूद कैमला में हालात ‘जवान बनाम किसान’ होने से बच गए। इतिहास में पहला मौक़ा है जब दूसरे कार्यकाल के सवा साल के भीतर CM का अपने निर्वाचन वाले ज़िले में इतना ज़ोरदार विरोध हुआ है। जागने का समय है। आप गाम-राम से बड़े नहीं हैं। जन भावनाओं को समझें।
क्या कह रहे थे, खट्टर साहेब ! ‘सरकारी’ महापंचायत तो होकर रहेगी? ये अन्नदाता हैं। ये किसी वाटर कैनन या आंसू गैस से नहीं डरते। इन्हें डराइए नहीं। इनकी ज़िंदगी, रोज़ी रोटी मत छीनिये। तीनों खेती बिल वापस कराइए वरना झोला उठाकर घर जाइए।#किसानों_का_दर्द_समझों