चंडीगढ़: किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा में राजनीतिक उलटफेर की स्थिति बनती नजर आ रही है| किसान आंदोलन को लेकर हरियाणा सरकार में बीजेपी के सहयोगी दल जेजेपी नेता और राज्य के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने धमकी दी है, अगर MSP सुनिश्चित नहीं कर पाया तो मैं इस्तीफा दे दूंगा|
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा,''हमारी पार्टी अध्यक्ष ने पहले ही स्पष्ट किया था कि किसानों को MSP सुनिश्चित किया जाए।कल केंद्रीय सरकार द्वारा दिए गए लिखित प्रस्ताव में MSP शामिल थी।जब तक हम सरकार में हैं तब तक हम किसानों को MSP सुनिश्चित करेंगे। अगर मैं नहीं कर पाया तो मैं इस्तीफा दे दूंगा|
उधर,''बीजेपी की सहयोगी दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (JJP) में भी कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा में सरकार से अलग होने की मांग तेज होने लगी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दुष्यंत चौटाला ने हाल ही में इस मुद्दे पर विधायकों के साथ बैठक की।दुष्यंत चौटाला पर दबाव बढ़ता जा रहा है। बैठक में पार्टी विधायकों से किसान आंदोलन का उनके क्षेत्र में असर, राज्यों को लोगों के रुख आदि के बारे में फीडबैक लिया गया। खास बात है कि दुष्यंत की पार्टी के पास केवल 10 विधायक ही हैं। लेकिन फिर भी हरियाणा की सत्ता को बनाने-बिगाड़ने की स्थिति में हैं।
दरअसल, हरियाणा में 2019 में विधानसभा चुनाव में वोटरों ने किसी भी दल को बहुमत नहीं दिया। बीजेपी बहुमत से कुछ सीटें पीछे रह गई थी। तब दुष्यंत के नेतृत्व वाली जेजेपी ने बीजेपी को समर्थन दिया था और राज्य में खट्टर सरकार की वापसी हुई थी। फिलहाल 90 सीटों वाली हरियाणा विधानसभा में सत्ताधारी बीजेपी 40 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी है। कांग्रेस के पास 31 सीटें हैं। वहीं जेजेपी 10 सीटों पर विजयी रही थी। इसके अलावा हरियाणा लोकहित पार्टी 1, आईएनएलडी 1 और 7 सीटें अन्य के खाते में गई थीं।