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बस्ती आश्रम गैंगरेप कांड: हरिद्वार से पकड़ी गई 2017 से फरार चल रही बाबा सच्चिदानंद की शिष्या, सिर पर था 50 हजार का इनाम

  • by: news desk
  • 27 January, 2022
बस्ती आश्रम गैंगरेप कांड: हरिद्वार से पकड़ी गई 2017 से फरार चल रही बाबा सच्चिदानंद की शिष्या, सिर पर था 50 हजार का इनाम

बस्ती: बस्ती जिले के चर्चित आश्रम गैंगरेप कांड के मुख्य आरोपी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद की शिष्या और 50 हजार की इनामिया प्रमिला बाई को गिरफ्तार कर लिया गया है।  वर्ष 2017 से फरार चल रही रु0 50,000 की इनामियाँ व संत लोक आश्रम रिलेजिक ट्रस्ट सेमरा, लालगंज ( बस्ती) के महंत बाबा सच्चिदानन्द उर्फ दयानंद उर्फ परमानन्द पुत्र सोमेशाह की शिष्या प्रमिला बाई को थाना गंगनहर क्षेत्र, हरिद्वार (उत्तराखण्ड)  से गिरफ्तार किया गया।



बस्ती पुलिस ने बताया,''थाना कोतवाली पुलिस टीम व लखनऊ STF के उ0नि0 मनोज सिंह के नेतृत्व में उत्तराखण्ड के गीतांजली बिहार गणेशपुर के पास से 26 जनवरी को समय करीब 15.15 बजे फरार चल रही प्रमिला बाई उर्फ पारूल गोयल पत्नी अनूप बंशल पुत्री स्व० अनिल गोयल निवासी रघुविरगंज थाना कोतवाली जनपद हापुड़, शिष्या स्वामी सच्चिदानन्द उर्फ दयानन्द हा०म० सन्त कुटीर आश्रम मूड़घाट थाना कोतवाली जनपद बस्ती को गीतांजली बिहार गणेशपुर थाना गंगनहर रुड़की जनपद हरिद्वार (उत्तराखण्ड) से किया गया। पुलिस ने बताया  कोतवाली पर विधिक कार्यवाही कर माननीय न्यायालय रवाना किया गया|




गिरफ्तार अभियुक्ता का विवरण : प्रमिला बाई उर्फ पारूल गोयल पत्नी अनूप बंशल पुत्री स्व० अनिल गोयल निवासी रघुविरगंज थाना कोतवाली जनपद हापुड़ शिष्या स्वामी , सच्चिदानन्द उर्फ दयानन्द हा0मु0 सन्त कुटीर आश्रम मूड़घाट थाना कोतवाली जनपद बस्ती,  गीतांजली बिहार गणेशपुर थाना गंगनहर रुड़की जनपद हरिद्वार उत्तराखण्ड। 



30 जून 2021 को STF के हत्थे चढ़ा था बलात्कारी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद

बता दें कि बस्ती संत कुटीर आश्रम में युवतियों से यौन शोषण के मामले में नामजद बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद को यूपी STF ने बुधवार,30 जून 2021,को अमरोहा से गिरफ्तार कर लिया था। एसटीएफ के एसपी हेमराज मीणा ने इसकी पुष्टि की थी| दयानंद साढ़े तीन वर्ष से फरार चल रहा था। उसके दो साथी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।


सर पर था 50 हज़ार रुपए का इनाम 

बलात्कारी बाबा सच्चिदानंद उर्फ दयानंद पर 50 हजार रुपए का इनाम घोषित था। वह अमरोहा के गजरौला थाना क्षेत्र में ब्रजघाट पुलिस चौकी के ठीक पीछे अद्वैत स्वरूप महिला संत आश्रम बनाकर बाबा के रूप में छुपा हुआ था।



 एक शिष्य और सेविका को पाचं अगस्त 2018 में बभनान रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था

 20 दिसंबर 2017 को सच्चिदानंद और अन्य पर बंधक बनाकर सामूहिक दुष्कर्म करने व अन्य संगीन धाराओं में कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए जगह-जगह दबिश दीं मगर वह नहीं मिला। आश्रम की कुर्की तक हुई और 50 हजार का इनाम घोषित किया गया लेकिन बाबा हाथ नहीं लगा। बाबा सच्चिदानंद का एक शिष्य परमचेतानंद और सेविका उर्मिला बाई को पाचं अगस्त 2018 में बभनान रेलवे स्टेशन के पास से गिरफ्तार किया गया था।



 गैंगरेप और रेप मामले में बाबा की शिष्या कमलाबाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव 25 जुलाई, 2021 को हुई थी गिरफ़्तार

सत्संग में आने वाली युवतियों को फंसाकर यौन शोषण करने के आरोपी बाबा सच्चितानंद के सामने पेश करने की आरोपी उसकी शिष्या कमलाबाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव चार साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ी थी। कमलाबाई को एसटीएफ ने लखनऊ के काकोरी इलाके से रविवार को गिरफ्तार किया था। कमलाबाई का असली नाम प्रियंका श्रीवास्तव है और उसपर चार मुकदमे दर्ज थे। बस्ती पुलिस ने 50 हजार रुपये का ईनाम भी घोषित कर रखा था इस मामले में एक आरोपित प्रमिला बाई अब भी फरार चल रही थी।



युवतियों को फंसाती थी कमलाबाई

 कमलाबाई उर्फ प्रियंका श्रीवास्तव बस्ती के संत कुटीर आश्रम में सत्संग के दौरान आई युवतियों को फंसाती थी और मुख्य आरोपी कथित बाबा सच्चितानंद उन्हें बंधक बनाकर उनका यौन शोषण व दुष्कर्म करता था।



2017 में कोतवाली में गैंगरेप और रेप के मुकदमे दर्ज हुए थे

बाबा सचिदानंद के खिलाफ वर्ष 2017 में बस्ती जिले में सदर कोतवाली में गैंगरेप और रेप के मुकदमे दर्ज हुए थे। मुकदमा दर्ज होने के बाद वह फरार हो गया था। इसके बाद उसने अमरोहा की ब्रजघाट पुलिस चौकी के ठीक पीछे गंगा किनारे अद्वैत स्वरूप महिला संत आश्रम बना लिया था। झारखंड और बिहार में भी उसके आश्रम थे। 



ऐसे खुली थी बाबा की हकीकत

गौरतलब है कि,''दिसंबर 2017 में यौन शोषण का मामला तब प्रकाश में आया था, जब आश्रम से कुछ युवतियों को धक्के मारकर निकाल दिया गया। इसके बाद युवतिया रात में एसपी दफ्तर पहुंचीं। वहां तत्कालीन कोतवाल विजयेंद्र सिंह महिला पुलिस के साथ पहुंचे और पीड़ितों को बयान के लिए कोतवाली ले गए। तत्कालीन एसपी संकल्प शर्मा के निर्देश पर देर रात कथित बाबा के अलावा उसके तीन शिष्यों परमचेतानंद, विश्वासानंद, ज्ञान वैराग्यानंद तथा दो मुख्य सेविकाओं पर 2008 से लगातार यौन शोषण व सामूहिक दुष्कर्म का केस दर्ज किया गया।




पीड़ित महिलाओं का आरोप था कि सत्संग व प्रवचन के नाम पर महिलाओं और कम उम्र की लड़कियों को आश्रम में बुलाया जाता था। उनमें से कुछ लड़कियों को साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में रख लिया जाता था। उन्हें अनुष्ठान के जरिए विशेष कृपा दिलाने का दिलासा देते थे। उनका विश्वास जीतने के बाद दिल्ली स्थित आश्रम के मुख्यालय अथवा यहां के कथित बाबा व चेलों के निर्देश पर अलग-अलग शहरों में प्रवचन- सत्संग के बहाने भेजकर उनका यौन शोषण किया जाता था।



दे रात में एसपी दफ्तर पहुंचीं थी युवतिया

गौरतलब है कि,बस्ती जिले के अमहट पुल के पास बने संत कुटीर आश्रम में यौन शोषण का मामला तब सामने आा था तब 2017 में झारखंड की रहने वाली दो युवतियों ने किसी तरह से बचते हुए पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर वहां आश्रम की असलियत बताई थी। उनका आरोप था कि सत्संग और प्रवचन के नाम पर महिलाओं और लड़कियों को आश्रम बुलाकर उन्हें साध्वी का दर्जा देकर आश्रम में रखा जाता था। विशेष कृपा के नाम पर उन्हें विश्वास में लेकर आश्रम के दिल्ली स्थित मुख्यालय या फिर आरोपी बाब और उनके शिष्यों के कहने पर दूसरे शहरों में भेजकर उनका यौन शोषण किया जाता था। 



 युवतियों के आरोप पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए आश्रम के कथित संत सच्चितानंद उर्फ दयानंद, कमला बाई उर्फ प्रियंका और प्रमिला बाई के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि 2008 से ही दो मुख्य सेविकाएं आश्रम में अनैतिक कार्य करवा रही हैं। इसके बाद 26 दिसंबर 2018 को एक और साध्वी की तहरीर पर आइपीसी की धारा 376, 342, 506, 34 व 120बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। 





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