बलरामपुर: एक तरफ केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार गरीबों को छत देने के लिए तरह-तरह की योजनाएं चलाकर गरीबों को लाभ अमृत कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ बलरामपुर जनपद के अंतर्गत उतरौला तहसील क्षेत्र के कपौवा शेरपुर में लगभग 40 वर्षों से मकान बना कर रह रहे पीड़ित नसीब अली, अकबर अली, रमजान अली पुत्र गण मंसूर अली द्वारा आबादी की जमीन जो स्वर्गीय हनुमान प्रसाद से खरीदा गया था । लेकिन 3 वर्ष पहले स्वर्गीय हनुमान की मौत के बाद उनके लड़के संदीप के द्वारा उपरोक्त पीड़ित परिवार के दो मंजिला मकान में दबंगई के बलबूते ताला लगा दिया गया हालांकि बाद में पीड़ित परिवार के द्वारा ताला तोड़कर मकान में रहने लगे।
बाद में पीड़ित परिवार ने बताया कि हमें थाने बुलाया गया और थाने और प्रभारी निरीक्षक के द्वारा मकान के ताले का चाबी ले लिया गया जो जिससे हम परिवाजन व छोटे-छोटे बच्चे लगभग 1 सप्ताह से मकान बंद होने की वजह से खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है।और मेरे द्वारा उप जिला अधिकारी उतरौला से भी गुहार लगाई गई थी तथा उप जिला अधिकारी उतरौला के द्वारा मेरे पक्ष में आदेश भी किया गया था लेकिन अभी तक हमें हमारे मकान का चाबी नहीं मिल पाया और हम परिजनों के द्वारा हैरान व परेशान होकर बलरामपुर के तेजतर्रार पुलिस अधीक्षक से न्याय की गुहार लगाई गई है तथा आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी किया गया है।
वहीं जब उपरोक्त प्रकरण को लेकर प्रभारी निरीक्षक उतरौला से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मेरे द्वारा उप जिला अधिकारी उतरौला को लिखा गया है बाकी आगे जैसा उनका निर्देश होगा कार्यवाही किया जाएगा अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या 40 वर्षों से मकान बनाकर रह रहे पीड़ित परिवार को मिल पाएगा न्याय या सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने को पीड़ित परिवार होगा मजबूर।
पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को लिखे प्रार्थना पत्र में पीड़ितने कहा,प्रार्थीगण नसीब अली, अकबर अली, रमजान अली व साहब अली पुत्रगण मंसूर आलम निवासी ग्राम कपौव्वा शेरपुर थाना कोतवाली उतरौला जनपद बलरामपुर का मूल निवासी है। प्रार्थीगण का दा मंजिला मकान, प्रार्थीगण के पिता द्वारा अरसा करीब 45 वर्ष पूर्व बनवाया हुआ उक्त ग्राम में स्थित है।
उक्त मकान को प्रार्थीगण के पिता स्व0 मंसूर आलम ने ग्राम के जमींदार स्व0 हनुमान प्रसाद को जमीन का प्रतिफल देते हुए बनवाया था। स्व0 हनुमान प्रसाद ने अपने जीवनकाल में कभी भी उक्त मकान के सम्बन्ध में कोई शिकायत अथवा मुकदमा नहीं किया था। स्व0 हनुमान प्रसाद की मृत्यु अरसा 03 वर्ष पूर्व हो चुका है। प्रार्थीगण का परिवार उक्त मकान में शांतिपूर्वक निवास कर रहा था। स्व0 हनुमान प्रसाद के पुत्र संदीप कुमार के फर्जी व मनगढन्त शिकायत के आधार पर व राजनैतिक दबाव व संदीप कुमार से अनैतिक लाभ लेकर स्थानीय थाना कोतवाली उतरौला प्रभारी निरीक्षक अनिल सिंह प्रार्थीगण को मकान खाली करने को लेकर हैरान व परेशान कर रहें है।
दिनांक 08.11.2021 को स्थानीय थाना कोतवाल श्री अनिल सिंह ने प्रार्थीगण के पूरे परिवार को थाना उतरौला मे बुलाकर भद्दी-भद्दी गाली दी तथा जबरन घर के ताले की चाभी छीन लिया और धमकी दिया कि यदि भविष्य में तुम लोग उक्त मकान पर अपना अधिकार करोगे तो फर्जी मुकदमें में पूरे परिवार को जेल में डाल देंगे तथा प्रार्थीगण को थाना से भगा दिया।
प्रार्थीगण ने थाना प्रभारी श्री अनिल सिंह जी से कई बार प्रार्थना किया कि प्रार्थीगण उक्त मकान का बिजली बिल जमा कर रहें है और किसी सक्षम न्यायालय का आदेश भी नहीं है कि प्रार्थीगण मकान को खाली करें। परन्तु थाना प्रभारी ने प्रार्थीगण की कोई बात नहीं मानी। प्रार्थीगण गरीब व मजदूर व्यक्ति है तथा अपा व अपने परिवार के भरण-पोषण करने के लिए गुजरात आते-जाते रहते है। प्रभारी निरीक्षक के उक्त अविधिक कृत्य से प्रार्थीगण व उनका समस्त परिवार जिसमें छोटे-छोटे बच्चे व बूढ़ी मां है। कड़ाके की ठंड में बाहर रहने को मजबूर है। जिससे पूरे परिवार की जान को खतरा बना हुआ|
अंत में लिखा,''अतः श्रीमान जी से निवेदन है कि स्थानीय थाना कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक श्री अनिल सिंह जी से प्रार्थीगण के मकान के ताले की चाभी दिलाने की कृपा करें तथा स्थानीय कोतवाल को निर्देशित करें कि जब तक किसी सक्षम न्यायालय का आदेश न हो प्रार्थीगण को जबरन घर से न निकालें। महान कृपा होगी।
रिपोर्ट- सुरेश त्रिपाठी