कोकराझार (असम) : गुजरात के विधायक और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी को आज कोकराझार की एक स्थानीय अदालत से ज़मानत मिल गई है| लेकिन उन्हें बाद में एक अन्य मामले को लेकर गिरफ्तार कर लिया गया| 21 अप्रैल, 2022 को विधायक जिग्नेश मेवाणी को अचानक गिरफ्तार किया गया था| जिग्नेश मेवाणी के वकील एडवोकेट अंगशुमन बोरा ने बताया,''गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को कोकराझार की एक स्थानीय अदालत से ज़मानत मिल गई है|
जिग्नेश मेवाणी के वकील एडवोकेट अंगशुमन बोरा ने बताया,'' बारपेटा पुलिस ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को विवादित ट्वीट से जुड़े मामले में ज़मानत मिलने के बाद एक अन्य मामले में फिर से गिरफ़्तार किया है|
दोबारा गिरफ्तार के बाद मेवानी को कोकराझार जिले से बारपेटा ले जाया जा रहा है, जो यहां से तीन किलोमीटर दूर है| पुलिस का कहना है कि एक अन्य मामले में जमानत मिलने के बाद मेवानी ने अधिकारियों पर हमला किया, जिसमें उन्हें गिरफ्तार किया गया है|
उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने कहा,''विधायक जिग्नेश मेवाणी जी को फिर से गिरफ्तार करना भाजपा की कायरता को प्रदर्शित करता है। जिग्नेश मेवानी को रिहा करो।
बता दें कि कांग्रेस द्वारा समर्थित निर्दलीय विधायक मेवानी को प्रधानमंत्री के खिलाफ उनके कथित ट्वीट को लेकर कोकराझार पुलिस थाने में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आईटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बुधवार रात गुजरात के पालनपुर से गिरफ्तार किया गया था| एफआईआर में उन्होंने अपने ट्वीट में कथित तौर पर कहा था कि पीएम मोदी ‘‘गोडसे को भगवान मानते हैं|
बता दें कि मेवानी के समर्थन में कांग्रेस ने धरना-प्रदर्शन किया था| रविवार को असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भूपेन बोरा और विधायक दिगंता बर्मन व एस के राशिद ने पार्टी कार्यालय से कोकराझार पुलिस थाने तक एक मौन मार्च किया था|