अलवर: राजस्थान के अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिरों को तोड़े जाने का मामला सामने आया है। अलवर में सराय गोल चक्कर में सड़क चौड़ी करने के दौरान अतिक्रमण हटाने पर विवाद शुरू हो गया है। रास्ते में आए 300 साल पुराने मंदिर पर भी बुलडोजर चलाया गया। इस कार्रवाई पर भाजपा ने राजस्थान की कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। ज़िले के सराय मोहल्ला में एक मंदिर को बुलडोज़र से तोड़ा गया। मामले को लेकर राजगढ़ थाने में FIR दर्ज़ कराई गई।
भाजपा का कहना है कि विकास के नाम पर मंदिर को तोड़ना सही नहीं है। कांग्रेस बदले की राजनीति कर रही है। वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि राजगढ़ नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड है और उसी ने यह कार्रवाई की है।
अलवर प्रशासन का कहना है कि नगर पालिका की सर्वसाधारण सभा की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष एवं उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था| मंदिर का जो हिस्सा अतिक्रमण में आ रहा था, उसे हटाने से पहले मंदिर के अंदर की मूर्तियों को ससम्मान अन्य जगह पर मंदिर के पुजारियों द्वारा विस्थापित कर दिया गया था।
अतिक्रमण हटाने का निर्णय नगर पालिका अध्यक्ष सतीश दुहारिया का था
अलवर ज़िला कलेक्टर नकटे शिवप्रसाद ने कहा,'''राजगढ़ नगर पालिका के अंतर्गत 17 अप्रैल को गौरव पथ पर सड़क के दोनों तरफ जो अतिक्रमण को हटाने का निर्णय नगर पालिका की सर्वसाधारण सभा की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष एवं उपस्थित सभी सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से लिया गया था| मंदिर का जो हिस्सा अतिक्रमण में आ रहा था, उसे हटाने से पहले मंदिर के अंदर की मूर्तियों को ससम्मान अन्य जगह पर मंदिर के पुजारियों द्वारा विस्थापित कर दिया गया था। कार्रवाई से पहले सभी समाजों के लोगों से बात की गई थी, पूर्व में बहुत बार नोटिस दिए गए थे|
नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड
कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा ने कहा कि राजगढ़ कस्बे में अतिक्रमण हटा है। यहां की नगर पालिका में भाजपा का बोर्ड है। इस कारण वे ज्यादा कुछ नहीं कह सकते हैं। दूसरी तरफ, नगर पालिका बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई प्रशासन के स्तर पर की है। प्रशासन का कहना है कि नगर पालिका बोर्ड के स्तर पर प्रस्ताव पारित हुआ है। उसके बाद ही अतिक्रमण हटाया गया है।
सरकार के इसारे पर नष्ट कर दिया गया: भाजपा
राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा,''राजगढ़ अलवर में 300 साल पुराने शिव मंदिर को सरकार के इसारे पर नष्ट कर दिया गया। इस पृष्टभूमि में विधायक की वो धमकी साफ तौर पर दिखाई देती है जिसमें उसने कहा कि तुम अपने कर्मों की सज़ा भुगत रहे हो|
BJP माफी मांगे
कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भाजपा पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया। डोटासरा ने कहा कि भाजपा मंडल अध्यक्ष ने कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर यह अतिक्रमण हटाने की सिफारिश की थी। राजगढ़ में भाजपा का बोर्ड है। इसके अध्यक्ष सतीश दुहारिया हैं। बोर्ड बैठक में यह अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पास किया गया था। उसके बाद ही यह अतिक्रमण हटाया गया है। कांग्रेस की सरकार में मंदिरों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाती। यह भाजपा का एजेंडा रहा है। वहीं, राजस्थान के अरबन डवलपमेंट मिनिस्टर शांति धारीवाल ने कहा कि बीजेपी मंदिर तोड़ने के लिए माफी मांगे।
विवाद बढ़ने के बाद कलेक्टर ने दी रिपोर्ट
मंदिर तोड़ने का विवाद बढ़ने के बाद अलवर कलेक्टर शिवप्रसाद एम नकाते ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक, नगर पालिका बोर्ड की दूसरी बैठक में मास्टर प्लान और गौरव पथ में परेशानी बताते हुए 8 सितंबर 2021 को अतिक्रमण हटाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। 6 अप्रैल को सभी अतिक्रमण को चिह्रित कर नोटिस जारी किए गए थे।
इस रिपोर्ट में बताया गया कि नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ( ईओ) ने 12 अप्रैल 2022 को अतिक्रमण हटाने के दौरान पुलिस अमला भी मांगा था। अतिक्रमण हटाने से दो दिन पहले सभी को सूचना दे दी गई थी। जिस मंदिर को लेकर विवाद हो रहा है, उसको लेकर भी रिपोर्ट में दावा किया गया कि हाल ही में उसका निर्माण हुआ था और यह नाले पर बनाया गया था। अतिक्रमण हटाने से पहले ही मूर्तियों को हटा दिया गया था। हटाई गई मूर्तियों की स्थापना अन्य जगह विधि-विधान से राजगढ़ नगर पालिका की ओर से की जा रही है।
हम मंदिरों का पूरा सम्मान करते हैं: महेश जोशी
अलवर में मंदिर पर बुलडोजर चलाने के मुद्दे पर राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी ने कहा,''मैं माफी के साथ कहना चाहूंगा कि मंदिर के मामले में जो मुद्दे बनाए जाते हैं, उसके आगे पीछे की जो स्थिति होती है वो लोगों के सामने नहीं रखी जाती। हम मंदिरों का पूरा सम्मान करते हैं|
राजस्थान कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा,'' राजगढ़ में नगर पालिका क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने का मुद्दा आया जिसमें भाजपा और RSS के लोग ग़लत प्रचार और बयानबाज़ी कर रहे हैं। उस मंदिर के अतिक्रमण को हटाने की शुरुआत पूर्व BJP सरकार जब वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री थीं तब हुई| जहां पर अतिक्रमण को हटाया गया है, वहां पर बोर्ड भाजपा का है और उस बोर्ड के अध्यक्ष सतीश दुहारिया की अध्यक्षता में बोर्ड की बैठक 8/9/2021 को हुई, जिसमें इस अतिक्रमण को हटाने का प्रस्ताव पास किया गया। उसके बाद में यह अतिक्रमण हटाया गया|