गाजीपुर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण के लिए चुनाव प्रचार के आखिरी दिन शनिवार को गाजीपुर में लोगों को संबोधित करते हुए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि,''मैंने तो निर्णय ले लिया है- मैं आपका साथ नहीं छोडूंगी। चाहे नतीजा कुछ भी रहे, मैं अपने पूर्वजों की धरती को तब तक नहीं छोडूंगी, जब तक यहां एक सही, नई और सच्ची राजनीति उभरकर नहीं आती। मैं आपके कन्धे से कंधा मिलाकर संघर्ष करती रहूंगी|
''''कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट में कहा कि,'भर्ती, भविष्य निर्माण की बात चले
भीषण बेरोजगारी से निजात मिले।
यूपी की जनता के दिल में यही है।
कांग्रेस पार्टी युवाओं के लिए 20 लाख रोजगार का, प्रतियोगी परीक्षाओं के निशुल्क फॉर्म का, जॉब कैलेंडर बनाने का एवं भर्तियों में भ्रष्टाचार रोकने का पूरा खाका लेकर आई है।'''''
श्रीमती गांधी ने कहा कि,'''3 साल पहले मेरी पार्टी ने मुझे यूपी का प्रभारी बनाया। उस समय कुछ बड़े नेता, जो अब पार्टी छोड़ चुके हैं, वो मेरे पास आए और कहा- आप यहां से निकल जाइए, यहां कांग्रेस है ही नहीं। मैंने इस बारे में अपने भाई से बात की| मेरे भाई ने मुझे उत्तरप्रदेश जाने के लिए कहते हुए एक बात कही कि तुम उत्तरप्रदेश जाओ, कितना भी संघर्ष हो काम करना शुरू करो और ये याद रखो कि जहां दुःख और पीड़ा है, वहां कन्धे-से-कंधा मिलाकर जनता के लिए लड़ो|
सोनभद्र में आदिवासियों का नरंसहार हुआ। उन्नाव में एक महिला का बलात्कार हुआ, उसे मारने की कोशिश की गई। हाथरस में एक लड़की का बलात्कार हुआ, उसके शव को जबरन जला दिया गया। लखीमपुर में किसानों को कुचल दिया गया। मैं हर जगह गई| ऐसे कई हादसे यूपी में होते गए और मैं आपके बीच आती रही। हमारी पार्टी ने आवाज़ उठाई और हमने आंदोलन किए। मैं आपकी हमसफ़र बन गई, आपका संघर्ष मेरा संघर्ष बन गया|
प्रियंका गांधी ने कहा कि,''''मैं जिस भी गाँव-शहर में जाती हूँ, नौजवान कहते हैं- 'दीदी हमारी मदद करो,भर्ती के इंतजार में हमारी उम्र निकल गई।' दूसरी तरफ लाखों पद खाली पड़े हैं और प्रधानमंत्री कहते हैं कि उनको मालूम ही नहीं कि आपकी समस्या क्या है| , श्रीमती गांधी ने''''ये नेता जान गए हैं कि उनको जाति और धर्म के आधार पर वोट और सत्ता मिलेगी, इसलिए ये आपको रोजगार नहीं देंगे। क्योंकि जब तक आप बेरोजगार रहोगे, तब तक आपको बहकाना आसान होगा, आपका इस्तेमाल करना आसान होगा|
उन्होंने कहा कि,''इस सरकार में 700 किसान शहीद हुए और इस सरकार ने कोई हमदर्दी नहीं दिखाई। प्रधानमंत्री उनसे बात करने के लिए बाहर तक नहीं निकले। जबकि वो पूरी दुनिया घूम आए| कैसा राष्ट्रवाद है ये कि आप हजारों करोड़ के हवाई जहाज में दुनिया घूमेंगे, मगर गन्ना किसानों को ₹14000 करोड़ का बकाया भुगतान नहीं किया| ये कैसा राष्ट्रवाद है कि जिस मंत्री के पुत्र ने किसानों को कुचल डाला, आप उसी मंत्री के साथ मंच साझा करते हैं, उसे बर्ख़ास्त नहीं किया, बेटे को जमानत मिल गई| ये कैसा राष्ट्रवाद है कि युवा आर्मी की भर्ती के लिए तैयारी कर रहा है और आपने उसमें भी घोटाला कर दिया| जो सरकार युवाओं को रोजगार नहीं दे सकती, वो अपने आप को राष्ट्रवादी नहीं कह सकती|
राष्ट्रवादी होने के लिए देश के लिए अपना खून देने के लिए तैयार रहना होता है और राष्ट्रवादी होने के लिए देश की ख़ातिर शहीद होने वालों को गाली देने की हिम्मत नहीं होनी चाहिए|
प्रियंका गांधी ने कहा कि,''मेरे पिताजी PM थे, वो खुद जीप चलाते हुए गाँव-गाँव जाते थे और लोग उन्हें अपने घर ले जाते थे। लोग उन्हें प्यार से राजीव भैया कहते थे, लेकिन वो लोग उनको छोड़ते नहीं थे, सवाल पूछते थे- सड़क, बिजली, शिक्षा को लेकर और डांट भी देते थे। ये परंपरा थी UP की|
पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि,'' 'प्रधानमंत्री मंच पर आकर कहते हैं कि जनता ने उनका नमक खाया है। हमने टोका तो उन्होंने अपने शब्द बदल दिए, लेकिन उनकी मानसिकता तो पहले ही दिख गई थी| अगर आप बदलाव चाहते हैं, तो आंख मूंदकर वोट क्यों दे रहे हैं? ये वोट आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है, इसे आंख मूंदकर नहीं देते और नेता भगवान नहीं है|