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10+2 लड़कियों को स्मार्टफोन, ग्रेजुएट लड़कियों को स्कूटी, सरकारी नौकरियों में 40% महिलाओं को नियुक्ति: महिलाओं के लिए कांग्रेस का अलग घोषणापत्र, मेनिफेस्टो की 20 बड़ी बातें

  • by: news desk
  • 08 December, 2021
10+2 लड़कियों को स्मार्टफोन, ग्रेजुएट लड़कियों को स्कूटी, सरकारी नौकरियों में 40% महिलाओं को नियुक्ति: महिलाओं के लिए कांग्रेस का अलग घोषणापत्र, मेनिफेस्टो की 20 बड़ी बातें

लखनऊ: कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी  ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश कांग्रेस का महिला घोषणा पत्र (शक्ति विधान) जारी किया।  देश के राजनीतिक इतिहास में यह पहला मौका था, जब किसी पार्टी ने महिलाओं के लिए अलग मेनिफेस्टो जारी किए।  प्रियंका गांधी  ने पार्टी मेनिफेस्टो को शक्ति विधान नाम दिया। महिला घोषणापत्र को छह हिस्सों में बांटा गया है- स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत| घोषणा पत्र की घोषणाएं- स्वावलंबन में हमने महिलाओं हेतु बहुत सी घोषणाएं की हैं -नए सरकारी पदों में आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40% महिलाओं की नियुक्ति होगी - 50% तक महिलाओं को नौकरी देने वाले व्यवसायों को कर में छूट और सहायता मिलेगी  |स्वावलंबन में महिलाओं हेतु बहुत सी घोषणाएं की हैं -आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व आशा बहुओं को प्रतिमाह ₹10,000 का न्यूनतम मानदेय मिलेगा  -सहायता समूहों को 4% ब्याज दर पर ऋण, मनरेगा  में महिलाओं को प्राथमिकता|



शिक्षा: - 10+2 में प्रत्येक लड़की को स्मार्टफ़ोन दिया जाएगा - स्नातक कार्यक्रमों में नामांकित प्रत्येक लड़कियों को स्कूटी मिलेगी - राज्य भर में वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय शुरू किए जाएंगे| सम्मान: - राज्य भर में महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा दिलवाएगी जाएगी  - महिलाओं को हर साल 3 गैस सिलेंडर मुफ़्त मिलेंगे  - प्रत्येक ग्राम पंचायत में 'महिला चौपाल' का निर्माण किया जाएगा| सुरक्षा : -पुलिस बल में महिलाओं को 25% नौकरियां और हर थाने में महिला कांस्टेबल -बलात्कार जैसे अपराध की शिकायत के 10 दिन में यदि अत्याचार अधिनियम की धारा 4 का पालन न हो तो अधिकारी के निलंबन का कानून बनाया जाएगा| सेहत: - कोई भी बीमारी हो तो 10 लाख तक सरकारी इलाज मुफ्त किया जाएगा - ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नए स्वास्थ्य केंद्र खोले जाएंगे- PHCs, CHCs को मजबूत करने के लिए   |




कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ,'मेरा अपना मानना है कि जो पहल प्रियंका जी ने 40 प्रतिशत टिकटों में देकर महिलाओं को की थी, वह बहुत बड़ी पहल है और आज उसी का आप अगला प्रारुप देखेंगे। इससे पहले कि हम आपको आज के मेनिफेस्टो के बारे में बताएं, एक एथेम, जो ‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं', एक बहुत सशक्त नारा, जो नारा आज इस प्रदेश की ही नहीं, देश की बहुत सारी लड़कियां बोल रही हैं, लड़ने की शिद्दत रखती हैं, उनके लिए हमने एक एंथम बनाया है और वो एंथम हम चाहते हैं कि पहले आप देखें, सुनें और ये दुर्गा स्तुति पर आधारित एक एंथम है, तो इसको जरूर देखिए और उसके बाद हम मेनिफेस्टो पर जरूर बात करेंगे।




कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि, मुझे लगता है इससे ज्यादा (एंथम दिखाया एवं सुनाया गया) सशक्त नारा आज तक लड़कियों के लिए इससे पहले किसी ने नहीं दिया था। भारतीय राजनीति के अपने बहुत सारे पड़ाव रहे हैं। उन पड़ावों ने बड़ी क्रांतिकारी बदलाव देखे हैं, चाहे वो श्वेत क्रांति हो, हरित क्रांति हो, पंचायती राज में 33 प्रतिशत महिलाओं के आरक्षण की क्रांति हो, आईटी और दूर संचार की क्रांति हो और हर क्रांति जब हम इतिहास पलट कर देखते हैं, तो कहीं लगता है कि वहाँ से राजनीति ने एक नया मोड़ लिया। मेरा अपना मानना है कि 40 प्रतिशत महिलाओं का टिकट एक वो बड़ा पड़ाव था और आज उसी को आगे ले जाने के लिए, उसको वास्तविकता बनाने के लिए, उसको असलियत बनाने के लिए ये शक्ति विधान महिला मेनिफेस्टो के साथ हम आपके पास आए हैं। महिलाओं की भागीदारी सामाजिक रुप से और राजनीतिक रुप से ये सशक्त करेगी और सुनिश्चित करेगी। मैं आग्रह करती हूं, हमारी महासचिव, आदरणीय प्रियंका जी से कि वो इस मेनिफेस्टो के बारे में आपसे बात करें। ये हिंदुस्तान की राजनीति के इतिहास में में ये पहला वुमेन मेनिफेस्टो हैं, तो जरुर आगे भी इस बात को पहुंचाइए।



प्रियंका गांधी ने कहा कि,'' मेरी आशा है कि ये पहला नहीं होगा और इससे दूसरे राजनीतिक दलों पर भी दबाव होगा कि महिलाओं को और राजनीति में महिला की भागीदारी को एकदम सिरियसली लिया जाए। देखिए, दृढ़ निश्चयता, सक्षमता, शक्ति, ये महिला के सहज गुण होते हैं। इसके साथ-साथ करुणा, दया, आशा, साहस, ये सब महिलाएं, उनका गुण होता है। हम चाहते हैं कि ये गुण राजनीति में भी प्रकट हों। इसके बारे में आपको हमने पहले बताया कि हमने 40 प्रतिशत भागीदारी महिलाओं को इसलिए दी ताकि उनकी जो सशक्तिकरण की बात है, वो सिर्फ कागज पर ना रहे। आज तक जो महिलाओं की सशक्तिकरण की बात होती है, वो ज्यादातर पब्लिसिटी और कागजों में और चुनाव के समय, इलेक्शन के समय ऊपर आती है, उभरती है। जब महिला राजनीति में पूरी तरह से भागीदार बनेगी, तब महिला सशक्तिकरण का ट्रांसलेशन सिर्फ पब्लिसिटी, सिर्फ कागजी बातों, सिर्फ एलानों से जाकर एक्चुअली जमीन पर होगा।




प्रियंका गांधी ने कहा कि,''पंचायती राज में कांग्रेस पार्टी द्वारा जो 33 प्रतिशत आरक्षण से इसकी शुरुआत हुई। कांग्रेस पार्टी ने देश को पहली महिला प्रधानमंत्री दी। उत्तर प्रदेश में सुचेता कृपलानी जी यहाँ की पहली महिला मुख्यमंत्री भी रही, वह भी कांग्रेस पार्टी की थी। हमारे देश में महिला प्रधानमंत्री तब बनी, जब दूसरे, विदेश में और पूरी दुनियाभर में बहुत कम महिलाओं की राजनीति में उस स्तर पर भागीदारी होती थी। अब जाकर, एक साल पहले अमेरिका में एक महिला वाइस प्रेजिडेंट पहली बार बनी है और हमारे देश में एक महिला प्रधानमंत्री बहुत समय पहले बनी थी। ये कांग्रेस पार्टी की सोच थी, इसी सोच को आगे लेते हुए, आगे बढ़ाते हुए हमने ये एक महिला घोषणा पत्र बनाया है। जिसमें हम ये कहना चाहते हैं कि हम महिलाओं को सचमुच सशक्त बनाना चाहते हैं। महिलाओं को सचमुच सशक्त बनाने के लिए हम एक ऐसा वातावरण बनाना पड़ेगा, जहाँ पर महिलाओं की अभिव्यक्ति के बंधनों को तोड़ सके। जो एकदम महिलाओं को अपना पूरा फ्रीडम ऑफ चॉइस मिले, राजनीति में पूरी भागीदारी मिले, समाज में इस तरह की भागीदारी मिले, जिससे उनका अत्याचार बंद हो, उनका शोषण बंद हो।



प्रियंका गांधी ने कहा कि,जहाँ-जहाँ मैं जाती हूं, खासतौर से उत्तर प्रदेश में मैंने देखा है कि बहुत शोषण होता है महिलाओं का और वह लड़ रही हैं। ये बात नहीं है, ये महिलाओं की लड़ने की बात ये पहली बार हम नहीं कर रहे हैं। ये आपसे ही उभरी है और यहाँ पर जो हमने दो सालों से जो काम मैंने यहाँ किया और मैंने देखा कि जहाँ-जहाँ मैं गई, वहाँ पर महिलाएं अपने हकों के लिए लड़ रही हैं। खासतौर से जो नौजवान महिला हैं, वो सहना नहीं चाहती है। वो सहने में कोई उसका ग्लोरिफिकेशन नहीं होना चाहिए। वह अपने हक के लिए आज लड़ने को तैयार है और लड़ेंगी। उस भावना से हमने ये घोषणा पत्र बनाया है, ताकि लड़ने में हम मदद करें, समर्थन दें और महिलाओं को हम पूरी तरह से सशक्त बनाएं। इसको हमने 6 हिस्सों में बांटा है - स्वाभिमान, स्वालंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत।



स्वाभिमान

प्रियंका गांधी ने कहा कि,''देखिए स्वाभिमान की सबसे बड़ी बात ये है कि राजनीति में जो 40 प्रतिशत हम हिस्सेदारी से शुरु कर रहे हैं टिकटों में, हम चाहते हैं कि इसको हम आगे बढ़ाकर एक दिन ये 50 प्रतिशत बनें। ये जो हिस्सेदारी है, इससे राजनीति में जो महिलाओं का इम्बैलेंस है, उसको हम ठीक करने की कोशिश करना चाहते हैं। संसद और विधानसभाओं में महिलाओं की प्रतिनिधित्व आज 14 प्रतिशत से कम है। जब 40 प्रतिशत महिलाएं टिकट लेंगे और चुनाव लड़ेंगी, आशा है कि ये बढ़ेगा। विधानसभा में बढ़ेगा और उसके बाद जब लोकसभा का चुनाव आएगा, तो आशा है कि और भी बढ़ेगा।



स्वालंबन 

प्रियंका गांधी ने कहा कि,स्वालंबन में हमने महिलाओं के लिए बहुत सारी घोषणाएं की हैं। आपको शायद मालूम होगा कि उत्तर प्रदेश में कामकाजी महिलाओं की भागीदारी अब 9.4 प्रतिशत है। हमने इसमें घोषणा पत्र में ये घोषणा की है कि नए सरकारी पदों में आरक्षण प्रावधानों के अनुसार 40 प्रतिशत महिलाओं की नियुक्ति होगी। इसका मतलब है कि जो हमने घोषणा की कि जो हम 20 लाख रोजगार दिलवाएंगे, उसमें से 8 लाख रोजगार महिलाओं के लिए होंगे। 50 प्रतिशत तक महिलाओं को नौकरी देने वाले व्यवसाओं को कर में छूट और सहायता मिलेगी। महिलाओं द्वार संचालित छोटे व्यवसायों को सस्ता ऋण और टैक्स रिफंड हेतु फंड मिलेंगे। 25 शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए सुरक्षित और नवीनतम सुविधाओं वाले छात्रावास बनाए जाएंगे। ग्रामीण और कुटीर क्षेत्र में महिलाओं का सशक्तिकरण होना चाहिए। उसके लिए आंगनवाडी कार्यकर्ताओं और आशा बहुओं के लिए 10,000 रुपए का न्यूनतम मानदेय मिलेगा। सहायता समूहों को 4 प्रतिशत इंट्रस्ट रेट पर ऋण, मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता, 40 प्रतिशत कार्यों में आरक्षण मिलेगा। राज्य में राशन की 50 प्रतिशत दुकानों का प्रबंध और संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा।



शिक्षा

प्रियंका गांधी ने कहा कि,''शिक्षा के लिए जो शैक्षिक सशक्तिकरण है, उसके लिए हम कुछ कदम उठाना चाहते हैं। जैसे मैंने पहले भी कहा अपने भाषणों में 10th, 12th में प्रत्येक लड़की के लिए स्मार्ट फोन दिया जाएगा। आप जानते हैं कि कल ही मैं एक छात्रा से बात कर रही थी, वो मुझे बता रही थी कि कोरोना के दौरान सबसे बड़ा संकट उनको जो आया, वो ऑनलाइन शिक्षा कर नहीं पाई, क्योंकि उनके पास स्मार्ट फोन नहीं थे। आज स्मार्ट फोन शिक्षा का माध्मय बन गया है और सुरक्षा का माध्यम भी है। 10th, 12th की छात्राओं को स्मार्ट फोन मिलेगा। जैसे मैं कह रही थी ऑनलाइन शिक्षा में सुविधा मिलती है और सुरक्षा के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण बन गया है।



इसी तरह से स्नातक कार्यकर्मों में नामांकित प्रत्येक लड़कियों को स्कूटी मिलेगी। राज्यभर में विरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय शुरु किए जाएंगे। ये हर जिले में होंगे। इसमें महिलाओं को दक्षता के लिए प्रशिक्षण और तरह-तरह की ऐसी चीजें सिखाई जाएंगी, जिससे वो सशक्त बन पाएं। महिलाओं पर केन्द्रीत विशेष रोजगार की एक्सचेंज बनाई जाएगी। राज्यभर में महिलाओं द्वारा प्रबंधित और संचालित संध्या विद्यालय भी होंगे। खासतौर से ये जो अर्बन सेंटर हैं और शहरो में हैं, ये यहाँ लगवाए जाएंगे, जहाँ पर महिलाएं शाम को आकर पढ़ाई कर सकेंगी और इनके लिए जो सुरक्षा की सुविधाएं हैं, उनको हम अच्छी तरह से बनवांएगे।





आपको शायद पता होगा कि यूपी में कोरोना के कारण माध्यमिक स्तर की एक करोड़ छात्राओं ने शिक्षा छोड़ी। 2014 के बाद से शिक्षा के बजट में लगातार कटौती हुई है। बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का 60 प्रतिशत बजट सिर्फ विज्ञापनों में खर्च किया गया है। इसीलिए मैं कहती हूं कि महिलाओं के सशक्तिकरण की बात जो है, वो सिर्फ विज्ञापनों में रह चुकी है और महिलाओं को जिस तरह से भागीदार बनाना चाहिए, उस तरह से बनाने की कोशिश भी नहीं हो रही है। ये इसलिए कि सब राजनीतिक दल ये पहचानते हैं कि अगर इस देश की सारी महिलाएं अपनी शक्ति को पहचानें और उस शक्ति को एक राजनीतिक शक्ति में बदल दें, तो ये देश बदल सकता है। तो ये जो जातिवाद, साम्प्रदायिकता की जो राजनीति है, ये खत्म हो सकती है। तो मैं आग्रह करना चाहती हूं सारी महिलाओं से, अपनी सारी बहनों से कि एक बहुत बड़ा मौका है, आपको अपनी शक्ति को पहचानना है और उसको इस्तेमाल करना है। इस देश में और खासतौर से उत्तर प्रदेश में विकास की राजनीति को लाइए।



इसके साथ-साथ आगे बढ़ते हुए घरेलू क्षेत्र में मान्यता और सशक्तिकरण के लिए आप सब जानते होंगे कि एनएसएस रिपोर्ट में ये आया है कि भारतीय महिलाएं अवैतनिक घरेलू कामों में हर रोज कम से कम 5 घंटे काम करती हैं और इसके साथ-साथ भारतीय पुरुष अवैतनिक घरेलू कामों में सिर्फ डेढ़ घंटा प्रतिदिन करते हैं। तो ये बहुत इंबैलेंस है समाज में भी है।




राज्यभर में सरकारी बसों में महिलाओं के लिए हम मुफ्त यात्रा दिलवाना चाहते हैं। महिलाओं को हर साल तीन गैस सिलेंडर मुफ्त मिलेंगे। प्रत्येक बुजुर्ग महिला और विधवा महिला को 1,000 रुपए का मासिक पेंशन मिलेगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत में महिला चौपाल का निर्माण किया जाएगा और गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट दिया जाएगा। महिलाओं के लिए निजी क्षेत्र या अंतर्राष्ट्रीय विद्यालयों के साथ साझेदारी में महिलाओं के लिए 10 विश्वस्तरीय आवासीय खेल अकादमी हम बनवाएंगे। परिवार में पैदा होने वाली प्रत्येक बालिका के लिए एक एफडी सावधी जमा बनवाई जाएगी।



घरेलू हिंसा और नशे से निपटने के लिए प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ता की एक नई योजना बनेगी, ताकि जिन महिलाओं को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है, उनको समर्थन मिले, उनके लिए एक प्वाइंट हो, जहाँ वो जा सकती हैं, मदद मांग सकती हैं। जहाँ पर दूसरी महिलाएं उनको ठीक तरह से समझा सकती हैं और जो उनके हक हैं, उनसे अवगत कर सकती हैं और उनके जो अधिकार हैं और जो लीगल टर्म हैं।



सुरक्षा 

प्रियंका गांधी ने कहा कि,;सुरक्षा के लिए मुझे कहने की जरुरत ही नहीं है, शायद सबको मालूम है कि उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के क्या हालात हैं। यहाँ पर एक ऐसा दिन नहीं बितता, जब कोई महिला मेरे पास नहीं आती है और मुझे कहती है कि उसके साथ कितना अत्याचार हुआ है और कितना शोषण हुआ है। एक दिन नहीं बितता, हर रोज कोई ना कोई आकर कहता है कि मेरे साथ ये हुआ है। ना प्रशासन से मदद मिल रही है, ना पुलिस से मिल रही है और अधिकतर केसों में हमने देखा है कि प्रशासन और पुलिस मदद अपराधियों की करती है, क्योंकि अपराधी ज्यादातर सत्ताधारी होता है या फिर जो सत्ता में है, उनके साथ उनका कोई रिलेशनशिप होता है या उनकी जान पहचान के होते हैं। तो हमने बार-बार ये देखा है।



उन्होंने कहा,'' तो हम चाहते हैं कि महिला सुरक्षा के लिए कुछ ऐसे स्टेप लिए जाएं, जिससे ये चीजें इनमें शक्ति आए, उसके लिए पुलिस बल में 25 प्रतिशत महिलाओं को नौकरी देने की हमने घोषणा की है और हर थाने में महिला कांस्टेबल होनी चाहिए। बलात्कार जैसे अपराध की शिकायत के 10 दिन में यदि अत्याचार अधिनियन की धारा 4 का पालन ना हो, तो अधिकारी के निलंबन का एक कानून बनाया जाएगा, क्योंकि हमने ज्यादातर केस ऐसे देखे हैं, जहाँ एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है, क्योंकि सांठगांठ होती है या फिर जैसे मैंने कहा जिसने अत्याचार किया है, उसका सत्ता के साथ कोई एक्सेस होता है, तो पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती। तो इसमें हम चाहते हैं कि एक कानून बनाया जाए कि ऐसे केसेस जो हैं, इसमें अगर किसी ने एफआईआर दर्ज नहीं की, तो उसके खिलाफ कार्यवाई की जाएगी।



उन्होंने कहा,''घरेलू हिंसा और नशे के लिए मैंने पहले ही कहा। सुरक्षा के लिए और विशेष अधिकार प्राप्त आयोग का गठन, जिसमें 6 महिलाएं होंगी, दो न्यायाधीश, दो सामाजिक कार्यकर्ता और दो सरकारी अधिकारी, ये पीड़िता और परिवार के आरोपी या प्रशासन द्वारा शोषण और डराने धमकाने जैसे मामलों में कार्यवाही करेंगी। हर जिले में महिला पीड़ितों के लिए मुफ्त कानूनी सहायता हेतू 3 सदस्यीय विशेष कानूनी प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। तो हर जिले में एक ऐसा प्रकोष्ठ होगा, हर जिले में जहाँ आपको कानूनी सहायता मुफ्त मिल सके और आपको कानूनी सहायता मिल सके, जहाँ पर आप पर इस तरह के अत्याचार किए गए हैं।



सेहत 

प्रियंका गांधी ने कहा कि,''सेहत के लिए जैसे हमने पहले भी एलान किया है, कोई भी बीमारी हो, तो 10 लाख रुपए तक सरकारी इलाज मुफ्त किया जाएगा। इसके साथ-साथ ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में नए स्वास्थ्य केन्द्र खोले जाएंगे पीएचसी और सीएचसी को मजबूत करने के लिए। अस्पतालों, विश्वविद्यालयों में और विद्यालयों में मासिक धर्म से संबंधित वस्तुओं और दवाओं की मुफ्त आपुर्ति होगी। महिलाओं को स्वास्थ्य संबधी चिकित्सा के लिए प्रत्येक पीएचसी में महिलाओं के लिए एक अलग महिलाओं द्वारा संचालित स्वास्थ्य शक्ति केन्द्र बनाया जाएगा, जहाँ पर सिर्फ महिला उसको संचालित करेंगी और वहाँ महिला डॉक्टर भी उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा,''तो ये स्वास्थ्य के लिए थी। ये मोटे-मोटे जो प्वाइंट हमने अपने घोषणा पत्र में डाले, लेकिन इससे ज्यादा भी बहुत सारी ऐसे, ये हमारा घोषणा पत्र है।



अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा

अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्षा नेटा डिसूजा ने कहा कि,'उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी जी ने जो पहल की है, 40 प्रतिशत रिजर्वेशन महिलाओं के लिए संगठन के अंदर की बात है, कांग्रेस पार्टी के 40 प्रतिशत टिकट्स महिलाओं को दिया जा रहा है, उत्तर प्रदेश की महिलाएँ तो बहुत ही भाग्यशाली हैं और आवाज पूरे देश से उठ रही है अब। आज, जो मैनिफेस्टो यहाँ पर रिलीज हुआ है, आप सभी पत्रकार भाईयों ने देख ही लिया होगा, सुन ही लिया होगा। आपकी अंतरात्मा यह कह रही होगी कि जो भी बातें उठाई हैं महिलाओं को लेकर वो बातें बिल्कुल उत्तर प्रदेश की महिलाओं की राजनैतिक सशक्तिकरण 40 प्रतिशत टिकट देकर और उत्तर प्रदेश की महिलाओं के बारे में जो सोच है कांग्रेस पार्टी की वो इस महिला मैनिफेस्टो में है। पूरे देश से महिलाएं बढ़-चढ़कर सोच रही हैं कि कब संगठन के अंदर भी ये डिसीजन हो जाए, जब दूसरे प्रदेशों में भी ये डिसीजन हैं, पर अब उत्तर प्रदेश की बात है, मुझे पूरा विश्वास है उत्तर प्रदेश की महिलाओं पर कि वो बढ़-चढ़कर महिलाओं को जिताने का काम करें, ताकि पूरे देश में महिलाओं का राजनैतिक सशक्तिकरण विधानसभाओं में भी हो।




श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अभी-अभी प्रियंका गांधी जी का ये सुझाव है कि अगली बार से जो पहली रो(लाइन ) है, वो महिलाओं के लिए हम आरक्षित करेंगे, तो ये आप पर भी लागू होने वाला है। हमारी सीएलपी की लीडर मोना मिश्रा जी हमारे बीच में हैं। इस मैनिफेस्टो कमेटी की सदस्य रही हैं और प्रियंका जी के साथ-साथ, महिलाओं के बारे में जोर-शोर से लड़ती हैं, वो जरुर इस पर कुछ बोलेंगी।



श्रीमती आराधना मिश्रा मोना,,''ने कहा कि सबसे पहले तो मैं आज आभार व्यक्त करूँगी आदरणीय प्रियंका गांधी जी का कि आज उन्होंने एक सपने को सच किया है। उत्तर प्रदेश की महिलाओं ने जो संघर्ष देखा है और जिस संघर्ष में लगातार प्रियंका जी के नेतृत्व में हम लोगों ने लड़ाई लड़ी है, चाहे वो उन्नाव की घटना हो, चाहे वो शाहजहांपुर की घटना रही हो। हाथरस की घटना रही हो, या लगातार हर वर्ग की महिलाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर हम लोगों ने संघर्ष किया है।



मोना मिश्रा ने कहा कि,'' साथियों, ये जो मैनिफेस्टो आज, जैसा कि प्रियंका जी ने कहा कि ये पहला महिला मैनिफेस्टो है, इस देश के राजनैतिक इतिहास में। मैं सिर्फ इसमें इतना जोड़ना चाहती हूँ कि ये केवल मैनिफेस्टो नहीं है, इस मैनिफेस्टो का एक भाग, जो प्रतिज्ञा थी, प्रियंका जी की, वो हमने चुनाव के पहले पूरी की है। 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देना, ये पहली प्रतिज्ञा थी, प्रियंका जी की और इसी की कड़ी में ये पूरी प्रतिज्ञाएं और मैनिफेस्टो बना है, तो इसकी शुरुआत हमने पहले कर दी है। एक प्रतिज्ञा प्रियंका जी ने चुनाव के पहले पूरी की, इसके लिए मैं उनका बहुत-बहुत आभार व्यक्त करती हूँ।




मिश्रा ने कहा कि,''कांग्रेस पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है, इस देश में, जिसने हमेशा महिला सशक्तिकरण की बात की है और उसको पूरा किया है। मैं याद दिलाना चाहती हूँ कि देश को महिला राष्ट्रपति श्रीमती प्रतिभा पाटिल' के रूप में कांग्रेस पार्टी ने दी। देश की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के रुप में दी। इस प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री श्रीमती सुचेता कृपलानी' के रुप में दी और आज आपके बीच में मैं भी बैठी हूँ, ये भी कांग्रेस पार्टी और प्रियंका जी की महिला सशक्तिकरण की सोच है। मैं आप सबसे इतना ही निवेदन करना चाहती हूँ कि एक बहुत बड़ी सोच है, एक विचारधारा है, जो आपके बीच में आज प्रियंका जी ने रखी है और मुझे पूरा विश्वास है कि आज हमारे मीडिया के साथियों के बीच ये प्रतिज्ञाएं, ये मैनिफेस्टो रखा है, प्रियंका जी ने। आपके माध्यम से ये पूरे उत्तर प्रदेश में नहीं, ये पूरे देश में लड़की हूँ, लड़ सकती हूँ कि प्रतिज्ञा जरुर जाएगी।




एक प्रश्न पर कि जबसे आपने ये कहा है कि कांग्रेस पार्टी 40 प्रतिशत सीटें महिलाओं को देगी, तब से अब तक आपने क्या रेस्पांस देखा है, दूसरा ये है कि महिलाओं के लिए विपक्ष का ये आरोप है कि आप 60 साल से उत्तर प्रदेश में थे, आपने तब महिलाओं के लिए क्या किया, यहाँ तक कि इज्जतघर तक नहीं दिए, क्या कहेंगी,'  प्रियंका गांधी ने कहा कि भाजपा के नेताओं को ये याद रखना चाहिए कि पिछले 7 सालों से वे सरकार में हैं, तो ये जो 60 साल, 70 साल वाली रट है, ये एक हद तक चलती है, उसके बाद नहीं चलती है। उन्होंने क्या किया है, उस पर बात करें और हर चीज के लिए एक समय होता है। ये एक नई पहल है, इसके लिए समय आ गया है।



जैसे मैंने कहा कि जहाँ आपने पूछा कि मुझे क्या दिखता है- जहाँ-जहाँ मैं जाती हूँ, मुझे यही दिखता है कि दो चीजें हैं, एक महिला शोषित है। दूसरा, वो पीड़िता नहीं बनना चाहती, वो लड़ना चाहती है। अपने हक के लिए लड़ना चाहती है, अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती है, चाहे कोई भी हो।



प्रियंका गांधी ने कहा कि,''मैं दूर-दराज के गांव में जाती हूँ, वहाँ पर भी सबसे पहले आवाज उठाने वाली महिला होती है। मुझे पकड़कर पूछने वाली कि मेरा हक दो, कि मुझे कंपंसेशन नहीं मिला, मुझे ये नहीं मिला, सबसे पहले महिला आवाज उठा रही है। क्योंकि अब समय आ गया है कि महिला अपने हक के लिए लड़ना चाहती है, तो उसी का ये प्रतिबिंब है कि हम ये कदम उठा रहे हैं। रेस्पांस बहुत अच्छा है। जहाँ-जहाँ मैं जाती हूं, खासतौर से नौजवान लड़कियों में बहुत अच्छा रेस्पांस है। कैंडिडेट्स के लिए बहुत सारे एप्लिकेशन्स आए हैं। काफी हमने क्लियर भी कर लिए हैं और जल्द ही मैं पहली लिस्ट को अनाउंस भी कर दूँगी।




एक अन्य प्रश्न पर कि जहाँ-जहाँ आपकी सरकारें हैं, वहाँ पर महिलाओं के लिए क्या कर रही हैं आप,' श्रीमती गांधी ने कहा कि मेरी आशा है जहाँ-जहाँ हमारी सरकारें हैं और दूसरे प्रदेशों में भी इस तरह की पहल हो, लेकिन मैं उत्तर प्रदेश की इंचार्ज हूँ, मैं यहाँ की प्रभारी हूँ, मैं यहाँ के लिए जिम्मेदार हूँ, इसलिए मैंने ये कदम यहाँ उठाया है। मेरी आशा बल्कि ये है कि सारे राजनैतिक दल इससे एक नया कदम उठाएं।



एक अन्य प्रश्न पर कि क्या पुरुषों के लिए भी कोई घोषणा है,', श्रीमती गांधी ने हँसते हुए कहा कि एक और घोषणापत्र है, जो सबके लिए है। (हँसते हुए) बनाऊँ अलग से? विधानसभा में 14 प्रतिशत महिलाएं हैं, क्या आप सशक्त नहीं हैं?



मैं समझा देती हूँ। हमारा जो मेन घोषणापत्र है, वो अभी तैयार हुआ है। ये घोषणापत्र और वो वाला इसमें बहुत काम किया गया है। ये सिर्फ एक कमरे में बैठकर तैयार नहीं किया गया है। पिछले 10 महीनों से हमारी जो घोषणापत्र समिति है, जिसके चैयरमैन सलमान खुर्शीद साहब हैं, सुप्रिया जी और मोना जी भी उस घोषणापत्र समिति में हैं, वे हर जिले में गए हैं, जिले-जिलेवार उन्होंने, अलग-अलग ग्रुप से बात की है, महिलाओं से, पुरुषों से, समाज के जो ग्रुप्स हैं, सबसे बात की है और उसके आधार पर ये घोषणापत्र बना है, ये महिला वाला भी और जो मेन घोषणापत्र है, अब दो हफ्तों में तैयार हो जाएगा, वो रिलीज भी होगा, उसमें भी मैं आपको निमंत्रण दूँगी, आप आइएगा।




एक अन्य प्रश्न पर कि आप 40 प्रतिशत टिकट महिलाओं को दे रही हैं, अगर आपकी सरकार बन जाती है, तो क्या आपकी मुख्यमंत्री भी एक महिला ही होगी,', श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि आप भविष्य की बातें पूछ रहे हैं कि अगर ये होगा, तो वो होगा या ये होगा, ये तो बाद में देखेंगे कि क्या होगा। हो सकता है, क्यों नहीं हो सकता। श्रीमती मोना ने जोड़ा कि आप शुभकामनाएं दीजिए कि ये वक्त आए कि ये सवाल आप जब चुनाव के बाद हम लोगों से पूछ पाएं।



एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती गांधी ने कहा कि मैं सच्चाई बताऊँ आपको, अभी तक जो हमने लिस्ट आपस में जो, अभी क्लियर की है, उसमें अभी तक 60 महिलाएं हैं और 40 पुरुष हैं। तो अभी तक जो हमने क्लियर किए हैं नाम, अभी उसको हमने पब्लिक नहीं किया है, क्योंकि हम अभी थोड़े ज्यादा करना चाहते हैं। बहुत ज्यादा एप्लिकेशन हैं, तो उसमें टाइम लगता है। अभी तक 60 प्रतिशत महिलाएं हैं और 40 प्रतिशत पुरुष हैं।




क्या मुझे CM योगी धर्म का सर्टिफिकेट देंगे'

एक अन्य प्रश्न पर कि योगी जी कह रहे हैं कि विपक्ष के नेता इस बार मंदिरों में जा रहे हैं, तिलक लगा रहे हैं, इस बार अगर हमारी सरकार बन गई, तो ये विपक्ष के सारे नेता मंदिरों के बाहर कार सेवा करते हुए नजर आएंगे, क्या कहेंगी,श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि इस संदर्भ में मैं सिर्फ एक चीज कहना चाहती हूँ, कि योगी जी को क्या मालूम कि मैं कहाँ जाती हूँ, कौन से मंदिर में जाती हूँ और कब से जा रही हूँ, उनको ये मालूम है कि मैं 14 साल की उम्र से व्रत रखती थी। उनको क्या मालूम? क्या वो सर्टिफिकेट देंगे, मुझे अपने धर्म का,या मुझे जो आस्था है, उसका? मुझे उनके प्रमाणपत्र की कोई जरुरत नहीं है। जो मेरी आस्था है, वो मेरी आस्था..



 एक अन्य प्रश्न पर कि आज भी गांव की महिलाएं पति से पूछकर वोट करती हैं, यदि उनका कांग्रेस के प्रति लगाव भी होगा, तो वो अपने पति को कैसे नाराज करेंगी,', श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि निजी बातों में मैं टिप्पणी नहीं करना चाहती। मेरी अपनी नानी मुझे खुसपुस करके कहती थी। मेरे नाना जी एक पार्टी के लिए वोट करते थे, वो हमेशा मुझे चुपचाप से कहती थी, मैं इनको नहीं बताती, मैं अपना करती हूँ। मैं जाकर खुद वोट करती हूँ। तो मेरे ख्याल से सारी नानियाँ, दादियाँ, सारी महिलाएं, वास्तव में जो उनके मन में है, उसके तहत ही वोट डालती हैं और मेरी आशा भी यही है।



एक अन्य प्रश्न पर कि जहाँ तक उत्तर प्रदेश की बात करें, तो कास्ट पॉलिटिक्स आती है, ऐसे में आप महिलाओं को लेकर आगे आ रही हैं, क्या ये काम करेगा? श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा कि अब अगर मैं नहीं सोचती कि इसमें सक्सेस होता, तो मैं क्यों करती? मैं इसलिए कर रही हूँ, क्योंकि मैं चाहती हूँ कि इस पहल का सक्सेस हो की महिलाएं सशक्त बनें, कि महिलाएं आगे आएं। राजनीति में पूरी तरह से भागीदार बनें और सिर्फ इस सक्सेस का मैं माप... ये चुनाव को नहीं देख रही हूँ मैं। चुनाव में जो होगा, वो देखा जाएगा। महिलाएं जब खड़ी होंगी, चुनाव लड़ेंगी, तो वो सशक्त बनेंगी, चाहे वो जीतें, चाहे वो हारें। अगर जीतेंगी, तो बहुत ही बढ़िया और ऐसी महिलाएं मेरे पास एप्लिकेशन देकर गई हैं, जो सशक्त हैं, सक्षम हैं। अगर नहीं भी जीतें, तो अगली बार और सक्षम बनेंगी, तो हमारी ये जो पहल है, ये सिर्फ चुनाव के नजरिए से नहीं हैं, हम बहुत स्पष्ट हैं। हम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए एकदम प्री तरह से संजीदगी से हम पहल लेना चाह रहे हैं।


एक अन्य प्रश्न पर कि क्या कांग्रेस मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ चुनाव लड़ेगी,,',श्रीमती गांधी ने कहा कि जब ये तय होगा, जब इसका निर्णय होगा, तो आपको पता चल जाएगा, इमीजिएटली।


महिला घोषणा पत्र (शक्ति विधान) की 20 बड़ी बातें

1. सरकारी नौकरियों में 40% महिलाओं को नियुक्ति

2. परिवहन विभाग में महिलाओं के लिए विशेष कोटा

3. 25 शहरों में रोजगार वाली महिलाओं के लिए छात्रावास की व्यवस्था होगी।

4. आशा वर्कर्स को 10000 मानदेय

5. 40% सरकारी राशन दुकानों का संचालन महिलाएं करेंगी

6. स्वयं सहायता समूहों को 4% पर ऋण

7. मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता, 40% कामों में आरक्षण

8. 50% सरकारी राशन दुकानों का संचालन महिलाएं करेंगी

9.10+2 लड़कियों को स्मार्टफोन

10. ग्रेजुएट लड़कियों को स्कूटी

11. राज्यभर में 75 वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय

12.14 साल से ऊपर उम्र की लड़कियों के लिए प्रजनन अधिकारों, यौन शिक्षा, जबरन बाल विवाह पर केंद्रित पाठ्यक्रम

13. राज्य में महिलाओं के लिए बस फ्री

14. साल में 3 LPG सिलेंडर फ्री मिलेगी

15.1000 रुपए हर महीना वृद्धा-विधवा पेंशन

16. परिवार में पैदा होने वाली बेटी के लिए FD बनवाया जाएगा

17. पुलिस भर्ती में 25% महिलाओं को आरक्षण

18. दुष्कर्म जैसे अपराध की शिकायत के 10 दिन में यदि अत्याचार अधिनियम की धारा 4 का पालन न हो तो अधिकारी के निलंबन का कानून

19. विशेष अधिकार प्राप्त आयोग का गठन जिसमें छह महिलाएं होगीं- इसमें 2 जज, 2 सोशल एक्टिविस्ट और 2 सरकारी अधिकारी

20. कोई भी बीमारी हो तो 10 लाख रुपए तक का इलाज फ्री




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