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“धर्म के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए ”: रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री के बयान पर बोले CM नीतीश कुमार

  • by: news desk
  • 17 January, 2023
“धर्म के मामले में कोई हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए ”: रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री के बयान पर बोले CM नीतीश कुमार

पटना:  बिहार के शिक्षा मंत्री व राजद नेता चंद्रशेखर के “रामचरितमानस- नफरत फैलाने वाला ग्रंथ” बयान पर CM नितिश कुमार ने कहा,''धर्म के मामले में किसी को भी किसी भी तरह का हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इस मामले पर उपमुख्यमंत्री ने भी साफ किया है। हमने मंत्री को (अपना बयान वापस लेने के लिए) बोल चुके हैं, अब हम उसके आगे क्या कहें? 


बिहार के CM नितिश कुमार ने कहा,''गठबंधन में किसी भी तरह की दिक़्कत नहीं है|


इससे पहले, चंद्रशेखर के के 'रामचरित मानस' पर दिए गए बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था, ‘‘संविधान देश की सबसे पवित्र किताब है। देश संविधान से चलता है। संविधान में क्या है? संविधान में हर धर्म का सम्मान करने के बारे में बताया गया है। हम सब धर्म का सम्मान करते हैं|


तेजस्वी यादव ने कहा था, ‘‘महागठबंधन टूटने का सवाल ही पैदा नहीं होता है, तरह-तरह की बातें चलाई जा रही है। कौन क्या कह रहा है नहीं कह रहा है यह सवाल नहीं है, मुद्दे की बात होनी चाहिए|


आज मंगलवार को तेजस्वी यादव ने कहा, ‘पटना को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए नगर निगम और विभाग, बिहार में जितने हमारे कार्यक्षेत्र हैं वहां स्वच्छता रखने का काम कर रहे हैं। 26 जनवरी से पहले ऐसे जगहों को साफ कर दिया जाएगा| तेजस्वी यादव ने कहा, ‘‘बक्सर में मुआवजे को लेकर जो हुआ है उसमें NTPC के काम में भुगतान हुआ है। अभी वहां कोई पाइपलाइन बिछनी है उसको लेकर किसान मांग कर रहे हैं। हमने अपने लोगों को बोला है कि पता करें कि क्या बात है|


दरअसल,''बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि,''मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेको गालियां दी गई। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?. मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स... यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं। नफरत देश को महान नहीं बनाएगा, देश को मोहब्बत महान बनाएगा|


शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद बुधवार (11 जनवरी) को बिहार की राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान चंद्रशेखर प्रसाद ने मंच से भाषण देते हुए कहा कि मनुस्मृति, राम चरित मानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाले ग्रंथ है।


अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए चंद्रशेखर प्रसाद ने पूछा कि आप भारत को ताकतवर नफरत से बनाएंगे या मोहब्बत से ? जब सभागार में बैठे बच्चों की ओर से आवाज आई ‘मोहब्बत से’, तो शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि देश में कुछ विचार ऐसे चले हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं और यह विचार आज के नहीं हैं बल्कि तीन हजार साल पहले जब मनुस्मृति लिखी गयी यह विचार वहीं से आए हैं।


चंद्रशेखर प्रसाद ने राम चरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ शूद्रों का अपमान करता है। यह ऐसा ग्रंथ है जो नफरत बोता है। उन्होंने कहा,'' बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि बाबा साहब ने मनुस्मृति को इसलिए जलाया था क्योंकि यह दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। चंद्रशेखर प्रसाद  ने भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस और इससे जुड़े हुए लोग समाज में नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं। 




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