नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका से लाया गया एक अन्य चीता उदय की मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में बीमार पड़ने के बाद इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है| इससे पहले 27 मार्च को एक मादा चीता की मौत हुई थी। मध्य प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक जे.एस. चौहान ने बताया कि, कल यानी 23 अप्रैल की शाम करीब चार बजे चीता उदय की तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। मौत के कारणों का अभी पता नहीं चल पाया है। वन्यप्राणी चिकित्सकों की टीम द्वारा पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर ही मौत का कारण स्पष्ट हो पाएगा।
एक बयान में जे.एस. चौहान ने बताया कि,रविवार (23 अप्रैल को ) चीते की दैनिक निगरानी हेतु दल द्वारा सुबह लगभग 9.00 बजे बोमा क्रमांक 2 में मौजूद नर चीता उदय को सर झुकाए सुस्त अवस्था में बैठा पाया, चीता के करीब जाने पर चीता उठकर लड़खड़ाकर एवं गर्दन झुकाकर चलता पाया । जबकि प्रोटोकाल अनुसार प्रतिदिन सुबह -शाम की निगरानी के दौरान एक दिन पूर्व की निगरानी मे उदय चीता स्वस्थ पाया गया था । चीता उदय की हालत की सूचना वायरलेस द्वारा तत्काल अन्य बोमा में चीता निगरानी कर रहे वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई ।
सूचना पर वन्यप्राणी चिकित्सक दल द्वारा तत्काल मौके पर जाकर चीता उदय का निरीक्षण किया एवं प्रथम दृष्टया बीमार पाया । मौके पर मौजूद समस्त वन्यप्राणी चिकित्सकों एवं चीता कंसरवेशन फंड के चीता विशेषज्ञ द्वारा चीते की स्थिति देखते हुए तत्काल उपचार हेतु वेंकुलाइज करने की आवश्यकता महसूस की गई । जिसकी तत्काल सूचना वन्यप्राणी चिकित्सक द्वारा प्रातः लगभग 9.45 पर मुख्य वन संरक्षक सिंह परियोजना को दूरभाष के माध्यम से दी गई। मुख्य वन संरक्षक द्वारा तत्काल प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी को स्थिति से अवगत कराते हुए ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति प्राप्त की गई ।
प्रातः लगभग 11. 00 बजे चीता उदय को बेहोश कर मौके पर ही उपचार दिया गया । चीता के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे आइसोलेशन वार्ड में आगामी उपचार एवं सतत निगरानी हेतु रखा गया । उपचार के दौरान सायं लगभग 4.00 बजे चीता उदय की मृत्यु हो गई । मृत्यु का कारण वन्यप्राणी चिकित्सकों के दल द्वारा शव परीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर ही स्पष्ट हो सकेगा ।