लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिला सिपाही रुचि चौहान की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है| महिला सिपाही रुचि चौहान की हत्या में त्रिकोणीय प्रेम प्रसंग जुड़ा हुआ है। सिपाही के हत्यारोपी तहसीलदार ने अपनी पत्नी के प्रेमी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। सोमवार को पुलिस ने महिला आरक्षी रुचि चौहान की साजिश के तहत हत्या करने वाले तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव उसकी पत्नी प्रगति श्रीवास्तव और प्रगति के प्रेमी नामवर सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
लखनऊ पूर्व DCP अमित कुमार आनंद ने बताया,'' 17 फरवरी को थाना PGI में एक नाले में अज्ञात महिला का शव बरामद हुआ, इसमें 19 फरवरी को पता चला कि एक महिला कांस्टेबल की गुमशुदगी दर्ज़ की गई थी। प्रारंभिक जांच में ऐसा लगा कि ये शव उसी महिला कांस्टेबल का है। तीन आरोपियों को गिरफ़्तार किया गया है|
आरोपित तहसीलदार पद्मेश श्रीवास्तव प्रतापगढ़ के रानीगंज में तैनात है। पीजीआइ पुलिस ने आरोपित को उसकी पत्नी प्रगति और साथी नामवर सिंह के साथ गिरफ्तार किया है। पद्मेश की पत्नी को घटना के बारे में सारी जानकारी थी। पूछताछ में सामने आया है कि 12 फरवरी की रात में पद्मेश और नामवर सिंह ने रुचि को नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उसकी गला घोंटकर हत्या कर दी थी। इसके बाद शव को नाले में फेंककर प्रतापगढ़ वापस लौट गए थे।
12 फरवरी से ड्यूटी से गैर हाजिर चल रही थी रुचि चौहान
17 फरवरी को 2022 थाना पीजीआई क्षेत्रान्तर्गत कल्ली पश्चिम नाले मे मिली अज्ञात महिला की शव को शिनाख्त हेतु थाना स्थानीय व सर्विलांस क्राइम टीम को लगाया गया। जिसकी शिनाख्त थाना असन्द्रा बाराबंकी, महिला आरक्षी रुचि चौहान के रुप मे हयी, जो वर्तमान समय मे लगभग छ: माह से पुलिस मुख्यालय लखनऊ मे सम्बद्ध थी जो दिनांक 12 फरवरी 2022 से ड्यूटी से गैर हाजिर चल रही थी जिसके सम्बन्ध मे मुख्यालय द्वारा थाना सुशान्त गोल्फ सिटी मे दिनांक 19 फरवरी को गुमशुदगी दर्ज करायी गयी थी। शव की पहचान होने के बाद महिला आरक्षी के परिजनो को गृह जनपद बिजनौर दूरभाष से घटना के बारे में बताया गया तथा महिला आरक्षी के भाई द्वारा थाना पीजीआई मे केस दर्ज कराया गया था।
कॉल से पुलिस को मिला सुराग
घटना के सम्बन्ध मे लगातार सर्विलांस टीम द्वारा कार्य किया जा रहा था जिसमें 12 फरवरी को लगभग शाम 08.00 बजे महिला आरक्षी की लोकेशन पीजीआई गेट के पास व उसी समय पदमेश श्रीवास्तव नायब तहसीलदार के मोबाइल की लोकेशन उसी स्थान पर पायी गयी|
18 माह पूर्व FB पर हुई थी रुचि चौहान से मुलाकात
जिसके शक के आधार पर तहसीलदार से पूछ-ताछ की गयी तो तहसीलदार पदमेश श्रीवास्तव द्वारा बताया गया कि मेरी मुलाकात लगभग 18 माह पूर्व फेसबुक के माध्यम से हुई थी। बातचीत के दौरान मुझे बताया था कि मेरी (रुचि चौहान) लव मैरिज पूर्व मे नीरज नाम के आरक्षी से हुयी थी । परिवारिक समस्या के कारण उसका हमारा तलाक होने वाला है धीरे-धीरे बात चीत के दौरान हम दोनो काफी करीब आ गये और आपस मे मिलने जुलने लगे|
शादी का दबाव बनाया तो रची हत्या की साजिश
तहसीलदार पद्मेश ने बताया,''कुछ समय बाद वह हमसे शादी का दबाव बनाने लगी क्योकि मेरी शादी पूर्व मे हो चुकी थी, इसलिये मेरे द्वारा मना कर दिया गया ...बार-बार दबाव बनाने के बाद यह बात मैने अपनी पत्नी को बतायी तो हम दोनो ने काफी परेशान होने के बाद मिलकर उसको रास्ते से हटाने का प्लान बनाया |
जमीन की दाखिल खारिज का लालच देकर हत्या के लिए तैयार किया
पुलिस की पूछताछ में सामने आया कि रुचि की हत्या के लिए तहसीलदार पद्मेश ने प्रतापगढ़ के नामवर सिंह को सुपारी दी थी। इसके बदले कई साल से रुकी हुई उसकी जमीन की दाखिल खारिज करवाने का लालच दिया था।
तहसीलदार ने बताया,''पूर्व मे नामवार सिंह नाम के व्यक्ति से मेरी जमीन के सिलसिले मे मुलाकात हुयी थी मैने उससे अपनी समस्या के बारे में बताया और वह जमीन खारिज दाखिल करने के बदले मे महिला आरक्षी रुचि चौहान को रास्ते से हटाने के लिये तैयार हो गया ।(हालांकि नामवर का भी पद्मेश की पत्नी प्रगति से प्रेम प्रसंग चल रहा था। इसकी वजह से और आसानी से यह काम करने को राजी हो गया।)
अनार के जूस में नीद की 10 गोलियां पिलाकर दोनों ने ली जान
पदमेश श्रीवास्तव ने बताया,''हम तीनो ने प्लान करने के बाद 12 फरवरी को मै और नामवार सिंह पीजीआई आये। जहां पर महिला आरक्षी रुचि चौहान को बुलाया तथा अनार के जूस मे 10 टेबलेट्स अलप्रास डालकर पिला दिया, जिसके बाद धीरे-धीरे वह बेहोश हो गयी । बेहोश होने के बाद उसका मुंह दबाकर सर पर वार करके मार दिया|
शव को कल्ली इलाके में नाले में फेंक दिया
जिसके बाद नामवार सिंह ने अपनी गाड़ी मे लादकर कल्ली पश्चिम स्थित नाले मे ले जाकर इस आशय से फेक दिया कि शव कभी बरामद न हो सके। उपरोक्त घटना के बाद नामवार सिंह द्वारा मेरी पत्नी को फोन किया गया कि हम लोगो ने अपने प्लान के तहत रुचि चौहान को मारकर उसकी लाश को छुपा दिया है।
तीनों आरोपित गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि रुचि को मौत के घाट उतारने के बाद नामवर ने अपने नम्बर से पद्मेश की पत्नी को कॉल किया था। उसने प्रगति को बताया कि काम को अंजाम दे दिया है। पुलिस ने रुचि के नम्बर की कॉल डिटेल निकाली तो आखिरी लोकेशन पीजीआई गेट और लास्ट कॉल नामवर की मिली। इसके बाद नामवर के नम्बर की डिटेल से प्रगति के बारे में जनकारी हुई। इसी से कड़ियाँ जोड़ते हुए पुलिस ने तीनों आरोपियों को दबोच लिया।
रुचि का पति नीरज भी सिपाही है
लखनऊ पूर्व DCP अमित कुमार आनंद ने बताया,''''रुचि और पद्मेश फेसबुक के जरिए संपर्क में आए थे। धीरे-धीरे दोनों में चैट के साथ-साथ फोन पर बातचीत होने लगी थी। कुछ दिन बाद ही दोनों की मुलाकात भी हो गई और वे करीब आ गए। रुचि का उसके पति से पुलिसकर्मी नीरज विवाद चल रहा था। नीरज भी सिपाही है और बरेली का रहने वाला है, जिसकी तैनाती प्रयागराज में है। नीरज रुचि से तलाक लेने वाला था। इधर, रुचि नजदीकियां बढ़ने के बाद पद्मेश पर शादी का दबाव बनाने लगी। दबाव बढ़ने पर पद्मेश ने रुचि को बताया कि वह शादीशुदा है। इसके बाद से दोनों में विवाद शुरू हो गया था। रुचि हर हाल में पद्मेश से शादी करना चाहती थी। अक्सर दोनों का फोन पर झगड़ा होता था।
इधर, पद्मेश ने पत्नी प्रगति को पूरी बात बता दी थी। बार-बार फोन आने से पद्मेश परेशान था और उसका पत्नी से भी आए दिन विवाद होने लगा था। घटना से कुछ दिन पहले रुचि ने पद्मेश को फोन किया था, जिसे प्रगति ने उठाया था। प्रगति ने रुचि से बात की थी। इस दौरान फोन पर दोनों में जमकर कहासुनी हो गई। इसके बाद पद्मेश ने रुचि की हत्या की साजिश रच डाली। इसके लिए उसने अपने परिचित नामवर सिंह को साजिश में शामिल किया।
मिलने के लिए बुलाया और कर दी हत्या
साजिश के तहत पद्मेश ने रुचि को फोन कर मिलने के लिए बुलाया था। रुचि अर्जुनगंज में किराए के कमरे में रहती थी। पद्मेश के बुलाने पर रुचि कैब पर पीजीआइ अस्पताल के सामने पहुंची थी। पद्मेश और नामवर गाड़ी लेकर उसका इंतजार कर रहे थे। रुचि के गाड़ी में बैठने पर आरोपितों ने उसे अनार के जूस मे
अलप्रास डालकर दे दिया था। कुछ देर में ही रुचि बेहोश हो गई थी। इसके बाद आरोपितों ने उसका मुंह दबाकर सर पर वार करके मार दिया|
रुचि ने वर्ष 2019 में नीरज से प्रेम विवाह किया था
रुचि ने वर्ष 2019 में नीरज से प्रेम विवाह किया था। रुचि के बड़े भाई अंकित ने बताया कि उनकी बहन ने अपनी भाभी से फोन पर बात की थी। कुछ देर बाद फोन बंद हो गया था। अगले दिन घरवालों ने रुचि के साथ काम करने वाली महिला सिपाही को फोन कर उसके बारे में पूछा था। जानकारी न होने पर महिला सिपाही ने इंटरनेट मीडिया पर रुचि के लापता होने की पोस्ट डाली थी, जिसके बाद पुलिस अधिकारी हरकत में आए थे। उल्लेखनीय है कि गुरुवार शाम को नाले में अज्ञात महिला का शव मिला था, जिसकी शनिवार को रुचि के रूप में पहचान की गई थी।