लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, "उत्तर प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस नहीं है ईज ऑफ डूइंग क्राइम है| उन्होंने कहा,''...उत्तर प्रदेश में 'व्यापार करने में आसानी' नहीं है बल्कि 'अपराध करने में आसानी' है.... भाजपा की सरकार में ये वो प्रदेश बन गया है जिसमें न्याय के लिए लोगों को आत्महत्या करनी पड़ रही है... इस सरकार में भ्रष्टाचार के लिए जीरो टॉलरेंस ही जीरो हो गई है... उत्तर प्रदेश में ऐसी लूट कभी नहीं हुई... जो लोग जीरो टॉलरेंस का नारा देते थे वो कानून व्यवस्था में जीरो हैं... PDA के अधिकार को छीनने में नंबर एक हैं।"
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि, "कन्नौज में भाजपा के साथ मिलकर जिंदा वोटरों को मृत बतानेवाले घपलेबाज बीएलओ को जनता की जागरूकता और दबाव के कारण भाजपा सरकार आख़िरकार उसको पद से हटाने पर मजबूर हुई है। अपने हक़ के लिए जब सब एक हो जाते हैं तो बड़ी-से-बड़ी सत्ता को झुका देते हैं। एकजुटता में ही जीत है।
यादव ने कहा कि,'' जो भी बड़े से बड़े या छोटे से छोटे अधिकारी लोग तक इस तरह के कुकृत्यों में संलिप्त हैं ये उनके लिए भी एक चेतावनी है। उनकी नौकरी भी जाएगी और उनके अपने कैरियर और उनके परिवारों पर भी इस देश विरोधी गतिविधि का नकारात्मक असर पड़ेगा। देश विरोधी अवैधानिक आपराधिक काम करने से उनकी पारिवारिक व सामाजिक छवि भी हमेशा के लिए धूमिल हो जाएगी। इसीलिए ऐसे अधिकारियों से अपील है कि वो जागें और देश-विरोधी काम न करें।
अखिलेश यादव ने कहा कि, "इलाहाबाद के कीटगंज में चौड़ीकरण के नाम पर आम लोगों के घर तो गिराये गये लेकिन जब भाजपा के महापौर का घर आया तो भाजपाई विरोध करने के लिए न जाने कहाँ से प्रकट हो गये, जबकि पहले जब आम घरों की औरतें गुहार-पुकार लगा रहीं थीं तो कोई भाजपाई सामने नहीं आया। सच तो ये है कि सबसे ज़्यादा अवैध घर और ज़मीनों पर क़ब्ज़े भाजपाइयों के ही हैं। आम जनता ने भाजपा के लिए अपना दरवाज़ा बंद करना शुरू कर दिया है।पीडीए सरकार जनता की नयी आस है।
अखिलेश यादव ने कहा कि, "भाजपा सरकार और उनके मंत्री द्वारा ED के दुरुपयोग करने पर, इस मामले की सच्चाई उजागर करनेवाले तमिलनाडु के एक दलित IRS अधिकारी बी बालमुरुगन को सेवानिवृत्ति से ठीक पहले निलंबित करना बेहद निंदनीय कृत्य है। वैसे ही उच्च पदों पर PDA के अधिकारी नाममात्र के हैं और जो गिने-चुने हैं भी उनको देश और संविधान के प्रति निष्ठावान होने की सज़ा दी जा रही है। PDA इसका एकजुट विरोध करता है और इस मामले की सर्वोच्च स्तरीय जाँच की माँग करते हुए निलंबित अधिकारी के मान-सम्मान की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए देश की ईमानदार जनता से एक साथ आने की अपील करता है।