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कपिल सिब्बल को मीडिया में आंतरिक मसलों का जिक्र करने की कोई जरूरत नहीं थी: CM अशोक गहलोत

  • by: news desk
  • 16 November, 2020
कपिल सिब्बल को मीडिया में आंतरिक मसलों का जिक्र करने की कोई जरूरत नहीं थी: CM अशोक गहलोत

जयपुर: बिहार के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के कमजोर प्रदर्शन के बाद पार्टी का असंतोष एक बार फिर सार्वजनिक हो गया है| पार्टी के दो दिग्‍गज नेता अशोक गहलोत और कपिल सिब्‍बल इस मसले पर आमने-सामने आ गए हैं|राजस्थान CM अशोक गहलोत ने कहा कि,' कपिल सिब्‍बल को आंतरिक मसलों को मीडिया में लाने की जरूरत नहीं थी|




मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि,''श्री कपिल सिब्बल को मीडिया में हमारे आंतरिक मुद्दे का उल्लेख करने की कोई आवश्यकता नहीं थी, इससे देश भर में पार्टी कार्यकर्ताओं की भावनाओं को चोट पहुंची है| कांग्रेस ने 1969, 1977, 1989 और बाद में वर्ष 1996 में सहित विभिन्न संकटों को देखा है - लेकिन हर बार जब हम अपनी विचारधारा, कार्यक्रमों, नीतियों और पार्टी नेतृत्व में दृढ़ विश्वास के कारण मजबूत हुए।




मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि,'हमने प्रत्येक संकट में सुधार किया है और 2004 में सोनिया जी के कुशल नेतृत्व में यूपीए सरकार का गठन किया, हम इस बार भी इसे दूर करेंगे।




अशोक गहलोत ने कहा कि,''चुनावी हार के विभिन्न कारण हैं, लेकिन हर बार कांग्रेस पार्टी की रैंक और फ़ाइल ने पार्टी नेतृत्व में अविभाजित और दृढ़ विश्वास दिखाया है और यही कारण है कि हम हर संकट के बाद इससे मजबूत और एकजुट हुए। CM ने कहा कि,''आज भी, कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो इस राष्ट्र को एकजुट रख सकती है और इसे व्यापक विकास के पथ पर आगे ले जा सकती है।




'गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के विपक्षी महागठबंधन की सबसे कमजोर कड़ी के तौर पर उभरने के पार्टी के शीर्ष नेता कपिल सिब्‍बल ने सार्वजनिक तौर पर प्रतिक्रिया थी|सिब्बल का कहना है कि कांग्रेस को अब हर हार सामान्य घटना की तरह लगने लगी है। उन्होंने कहा, 'बिहार चुनाव और उपचुनावों में हालिया प्रदर्शन पर कांग्रेस पार्टी (के शीर्ष नेतृत्व) के विचार अब तक सामने नहीं आए हैं। शायद उन्हें लगता हो कि सब ठीक है और इसे सामान्य घटना ही माना जाना चाहिए।'



एक  इंटरव्यू में चुनावों में हार पर कांग्रेस लीडरशिप के रवैये को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में सिब्बल ने यह बात कही। उन्होंने कहा 'मैं सिर्फ अपनी बात कर रहा हूं। मैंने लीडरशिप को कुछ कहते नहीं सुना। इसलिए मुझे नहीं पता। मुझ तक सिर्फ नेतृत्व के इर्द-गिर्द के लोगों की आवाज पहुंचती है। मुझे सिर्फ इतना ही पता होता है।'



पार्टी की बेहतरी से जुड़े उपायों पर कांग्रेस नेता सिब्बल ने कहा,'सबसे पहले तो हमें संवाद की प्रक्रिया शुरू करनी होगी। हमें गठबंधन की जरूरत है और हमें जनता तक पहुंचने की भी आवश्यकता है। हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि जनता हमारे पास आएगी। हम उस तरह की ताकत नहीं रहे, जैसे कि कभी हुआ करते थे। हमें उन लोगों तक पहुंच बनानी होगी, जिन्हें राजनीतिक अनुभव है। लेकिन इस कवायद के लिए सबसे पहले विचार-विमर्श करना जरूरी है।



सिब्बल ने कहा, 'हमें कई स्तरों पर कई चीजें करनी हैं। संगठन के स्तर पर, मीडिया में पार्टी की राय रखने को लेकर, उन लोगों को आगे लाना-जिन्हें जनता सुनना चाहती है। साथ ही सतर्क नेतृत्व की जरूरत है, जो बेहद एहतियात के साथ अपनी बातों को जनता के सामने रखे।



बिहार विधानसभा चुनाव के अलावा गुजरात और मध्य प्रदेश के उपचुनाव में कांग्रेस के निराशानजक प्रदर्शन पर सिब्बल ने कहा, 'जिन राज्यों में सत्तापक्ष का विकल्प है, वहां भी जनता ने कांग्रेस के प्रति उस स्तर का विश्वास नहीं जताया, जितना होना चाहिए था। हमें स्वीकार करना होगा कि हम कमजोर हुए हैं।'










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