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गृह मंत्रालय ने CAPFs के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को दी मंज़ूरी

  • by: news desk
  • 15 April, 2023
 गृह मंत्रालय ने CAPFs के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को दी मंज़ूरी

नई दिल्ली: गृह मंत्रालय ने आज शनिवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) के लिए हिंदी और अंग्रेजी के अलावा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) परीक्षा आयोजित करने को मंज़ूरी दे दी है।  हिन्दी और अंग्रेज़ी के अलावा प्रश्न पत्र निम्न 13 क्षेत्रीय भाषाओं में तैयार किया जाएगा—असमिया; बंगाली; गुजराती; मराठी; मलयालम; कन्नड़; तमिल; तेलुगु; ओडिया; उर्दू; पंजाबी; मणिपुरी; कोंकणी



इस निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अपनी मातृभाषा / क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा में भाग ले सकेंगे जिससे उनके चयन की संभावनाएं बढ़ेंगी|गृह मंत्रालय और कर्मचारी चयन आयोग कई भारतीय भाषाओं में परीक्षा के संचालन की सुविधा के लिए मौजूदा समझौता ज्ञापन से संबंधित एक परिशिष्ट पर हस्ताक्षर करेंगे।



हिन्दी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का आयोजन 01 जनवरी, 2024 से होगा 

कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी), कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित प्रमुख परीक्षाओं में से एक है, जिसमें देशभर से लाखों उम्मीदवार भाग लेते हैं। हिन्दी और अंग्रेज़ी के अतिरिक्त 13 क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा का आयोजन 01 जनवरी, 2024 से होगा।



इस निर्णय के बाद ये उम्मीद है कि राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारें स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने के इस अवसर का उपयोग करने और देश की सेवा में करियर बनाने के लिए बड़ी संख्या में आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक अभियान शुरू करेंगे। 



CM एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह मंत्री CRPF भर्ती घोषणा पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी

आपको बता दें कि, हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर CRPF भर्ती घोषणा पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी। एम.के. स्टालिन ने अपने पत्र में लिखा था कि,'' सीआरपीएफ ने घोषणा की है कि 9,212 रिक्तियों में से 579 रिक्तियां तमिलनाडु में भरी जाएंगी। लेकिन तमिलनाडु से जिसने भी इस परीक्षा के लिए आवेदन किया है वह अपनी मातृभाषा में यह परीक्षा नहीं लिख सकता है। कुल 100 अंकों में से 25 अंक बुनियादी हिंदी समझ के लिए आवंटित किए गए हैं जिससे केवल हिंदी भाषियों को लाभ होगा। यह पूरी तरह से तमिलनाडु के आवेदकों की सद्भावना के खिलाफ है। यह मनमानी और भेदभाव है|





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