नई दिल्ली: गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने PM मोदी और बीजेपी सरकार पर हमला बोला है| जिग्नेश मेवाणी ने असम पुलिस द्वारा की गई अपनी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताते हुए कहा कि असम पुलिस ने एक मौजूदा विधायक को गिरफ्तार करके न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ाई है बल्कि गिरफ्तारी की सूचना गुजरात विधानसभा के स्पीकर को नहीं देकर गुजरात के गौरव को भी खंडित किया है। जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि,''मेरे एक ट्वीट पर PMO में बैठे गोडसे के भक्तों ने इतने संगीन FIR मुझ पर कर दिए| मेरा यह आरोप है कि ये प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया के ऑफिस से डिजाइन किया हुआ षडयंत्र है|
सोमवार को प्रेस कांफ्रेस में जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि,'' सबसे पहले मेरा सवाल यह है कि गुजरात में पिछले आठ-दस सालों के दौरान 2-4 नहीं बल्कि 22 एग्जाम्स के पेपर लीक हुए हैं। उसकी कोई कोई जांच नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं की गई| गुजरात में मुंद्रा के पोर्ट पर ड्रग्स पाया गया, इंटरनेशनल मार्केट में जिसकी कीमत 1 लाख 75 हजार करोड़ है। यदि आपके घर में 10 ग्राम भी पाया जाता तो आपको नहीं छोड़ते, लेकिन गौतम अडानी साहब के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं, कोई FIR नहीं, कोई जांच नहीं और ना ही किसी पूछताछ के लिए बुलाया गया |
मेवाणी ने कहा कि,''गुजरात की एक दलित महिला कार्यकर्ता ने भाजपा के सिटिंग मंत्री के खिलाफ बलात्कार करने का इल्जाम लगाया, गुजरात की विधानसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन इस मामले में भी कोई जांच नहीं, कोई FIR नहीं| इस देश में धर्म संसद के नाम पर एक जीनोसाइड का कॉल दिया जाता है, कोई जांच नहीं होती।
उन्होंने कहा,'' कुछ लोग सार्वजनिक रूप से कहते हैं "गोली मारो सालों को" उस पर कोई जांच नहीं और मेरे एक ट्वीट पर PMO में बैठे गोडसे के भक्तों ने इतने संगीन FIR मुझ पर कर दिए
जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि,''गुजरात की सरकार, प्रधानमंत्री और देश की मोदी सरकार की मंशा क्या है, उनकी प्राथमिकता क्या है?...19 तारीख को मेरे खिलाफ FIR होता है, मैं सिटिंग MLA हूं। अचानक पुलिस रातों-रात 2500 किलोमीटर की दूरी तय करके असम से गुजरात आती है। इसका मतलब कि कहीं न कहीं FIR करने से पहले आपके फ्लाइट्स के टिकट बुक हो चुके थे |
गिरफ्तार करके मुझे ले गए। उन्हें मालूम है कि मैं वकील हूं, मुझे नहीं बता रहे हैं कि कौन सा मुकदमा है, FIR की कॉपी नहीं दे रहे हैं, कौनसी धारा लगी है, वह नहीं बताया जा रहा है। मेरे परिवार और मेरे लॉयर से बात करने नहीं दिया| कानून की धज्जियां उड़ाकर MLA का जो प्रोटोकोल और प्रिविलेज होता है, उसकी घोर अवहेलना करते हुए गुजरात विधानसभा के स्पीकर को भी नहीं बताया |
मैं मानता हूं कि असम की पुलिस ने गुजरात की अस्मिता और गौरव को खंडित किया है और यह गुजरात की सरकार के लिए शर्मिंदगी की बात होनी चाहिए। एक महिला को आगे करके दूसरी FIR करवा दी गई। मैं मानता हूं कि इससे बड़ी बुजदिली और कायरता कुछ नहीं हो सकती |
उन्होंने कहा,'''मैं कहना चाहूंगा कि यह है 56 इंच की कायरता, यह है 56 इंच की बुजदिली। आप एक महिला को आगे करके 2500 किलोमीटर दूर बैठे एक सिटिंग MLA के खिलाफ इतना फर्जी मुकदमा करते हैं |
असम पुलिस क्या कर रही है? किसके कहने पर कर रही है? ज्यूडिशरी ने उनको कहा कि आपकी कस्टडी में कोई आरोपी है और आपको "दूध का दूध और पानी का पानी" करना है तो अपने बदन पर सीसीटीवी कैमरा लगाइए। इससे ज्यादा शर्मिंदगी की बात और क्या हो सकती है |
सवाल यह है कि असम की सरकार को अचानक क्या हुआ कि 2500 किलोमीटर दूर बैठे गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवानी के खिलाफ FIR करे? ...मेरा यह आरोप है कि ये प्राइम मिनिस्टर ऑफ इंडिया के ऑफिस से डिजाइन किया हुआ षडयंत्र है| इतना फर्जीवाड़ा करने में प्रधानमंत्री को क्या रुचि है? - इतने मनगढ़ंत मामले करके 2500 किलोमीटर दूर एक व्यक्ति को जेल में डालकर इस देश के लोकतंत्र को, भाजपा को क्या हासिल होगा?
जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि,',''इन सारे मामलों में यह सरकार कुछ नहीं कर रही है और एक ट्वीट करने पर इतना हल्ला, आधी रात को गिरफ़्तारी, मानो किसी आतंकवादी को आप गिरफ्तार कर रहे हो। मैं मानता हूं कि यह माहौल देश और लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है |