नई दिल्ली: दिल्ली एम्स निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि,'''कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति में जनता में पैनिक है, लोगों ने घर में इंजेक्शन, सिलेंडर रखने शुरू कर दिए हैं जिससे इनकी कमी हो रही है। COVID19 आम संक्रमण है, 85-90% लोगों में ये आम बुखार, जुकाम होता है इसमें ऑक्सीजन, रेमडेसिविर की जरूरत नहीं पड़ती है| गुलेरिया ने कहा कि,''जो मरीज घर हैं और जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 94 से ज़्यादा है उन्हें रेमडेसिविर की कोई जरूरत नहीं है और अगर आम रेमडेसिविर लेते हैं तो उससे आपको नुकसान ज़्यादा हो सकता है, फायदा कम होगा|
मेदांता अस्पताल के चेयमैन डाॅ.नरेश त्रेहन ने कहा कि,'''हमारे स्टील प्लांट की ऑक्सीजन की बहुत क्षमता है लेकिन उनको ट्रांसपोर्ट करने के लिए क्रायो टैंक की जरूरत होती है जिसकी तादाद इतनी नहीं थी। लेकिन सरकार ने आयात कर लिए हैं, उम्मीद है कि आने-वाले 5-7 दिन में स्थिति काबू में आ जाएगी|
डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस डाॅ.सुनील कुमार ने कहा कि,''इस साल संक्रमण के फैलने के दो मुख्य कारण हैं, एक तो हम कोविड उपयुक्त व्यवहार को भूल गए और हमने वैक्सीन को अपनाया नहीं। वैक्सीन संक्रमण की चेन को तोड़ेगी|
एम्स के एचओडी ऑफ मेडिसिन डाॅ.नवनीत ने कहा कि,''दिल्ली में आज पाॅजिटिविटी रेट 30% है, मुंबई में एक दिन 26% था और मुंबई में कड़े प्रतिबंध लगाए गए तो पाॅजिटिविटी रेट 14% हो गया। हमें कड़े प्रतिबंध लगाने पड़ेंगे|
85% लोगों में कोविड-19 का संक्रमण बेहद हल्का होता है। 15% लोगों में इसके गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं। जिन मरीजों में ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 94 से ऊपर है, इन लोगों में रेमडेसिविर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए| रेमडेसिविर कोई रामबाण नहीं है। इसे सिर्फ उन मरीजों को दी जानी चाहिए जो अस्पताल में भर्ती हैं, रिपोर्ट के मुताबिक मरीज मध्यम से गंभीर स्थिति की ओर जा रहा हो, जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन 93 से कम हो रहा हो : डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स दिल्ली
यदि ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 94 या उस से अधिक है तो ऑक्सीजन की कोई जरुरत नहीं है। यदि मरीज को सांस की तकलीफ लगे, सीने में दवाब महसूस हो तो डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें, पेट के बल लेटें, इससे सेचुरेशन लेवल बढ़ सकता है| कोविड के अधिकांश मरीज घर पर आइसोलेट होकर ठीक हो सकते हैं, अस्पताल आने की जरुरत नहीं है। होम आइसोलेशन में डॉक्टर की सलाह से खुद को मॉनिटर करें और सभी सावधानियों का पालन करें। इससे अस्पतालों में भीड़ कम होगी और जरुरतमंदों को बेड मिल सकेगा: डॉ. रणदीप गुलेरिया, निदेशक, एम्स दिल्ली
RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव आने पर अपने लोकल डॉक्टर से सलाह लें। वे प्रोटोकॉल के हिसाब से आपका उपचार शुरू करेंगे। इससे 90% से अधिक लोग घर पर ही ठीक हो जाएंगें, यदि वे समय पर उचित दवाई ले लें| योग का अनुलोम-विलोम एक्सरसाइज फेफड़े को फैलाने में बहुत फायदेमंद है। इसमें लंबी सांस लेकर रुकने से शरीर को ऑक्सीजन भी सही तरीके से मिलती है। फेफड़े का ध्यान रखना इसमें बेहद जरूरी है: डॉ. नरेश त्रेहन, चेयरमैन, मेदान्ता