रामपुर/लखनऊ: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत गुरुवार को रामपुर (उत्तर प्रदेश) पहुंचे| यहां राकेश टिकैत ने कहा कि,'' हिस्ट्रीशीटर देश का गृह राज्यमंत्री नहीं बन सकता है| बीते 3 अक्टूबर को उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसक घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें चार किसान शामिल थे। किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे मोनू मिश्रा के ऊपर लगा। इसी मामले में किसान नेता राकेश टिकैत देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी और उनके बेटे की गिरफ़्तारी की मांग कर रहे हैं।
रामपुर (उत्तर प्रदेश) में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा पर हमला बोलते हुए कहा ,''हिस्ट्रीशीटर देश का गृह राज्य मंत्री नहीं बन सकता |
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के '''न तो मैं और न ही मेरा बेटा मौके पर मौजूद थे '''के बयान पर राकेश टिकैत ने कहा कि वो (अजय मिश्रा) तो अपने बचाव में कहेगा, चोर अदालत के अंतिम दरवाजे तक मना करता है और कातिल फांसी के अंतिम तख्ते तक मना करता है। कातिल हैं, हत्यारे हैं ....और हिस्ट्रीशीटर देश का गृह राज्य मंत्री नहीं बन सकता।
पीड़ित परिवारों और प्रशासन के बीच मध्यस्थता करने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि,''हम आंदोलन को संघर्ष से समाधान की ओर ले जाते हैं और सरकार (आंदोलन को समाधान से संघर्ष की ओर) इसे संघर्ष की ओर ले जाती है| बातचीत के बाद ही समाधान निकलेगा। 6 घंटे की बातचीत के बाद आम सहमति पर पहुंचे किसान, पीड़ित परिवार और प्रशासन| किसान नेता राकेश टिकैत ने यह भी कहा कि कानून को निष्पक्ष होकर काम करना चाहिए। जानबूझ कर लोगों के ऊपर गाड़ियां चढ़ाई गई। साथ ही उन्होंने लखीमपुर खीरी की हिंसा को लेकर कहा कि उस दौरान पुलिस वाले के ऊपर भी गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की गई। लेकिन वो लोग बच गए। किसान अपने घर की तरफ जा रहे थे और गाड़ी ने पीछे से उनके ऊपर चढ़ा दिया।
गौरतलब है कि अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हिंसक घटना में कुल 8 लोगों की मौत हो गई, जिनमें से चार को केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अजय कुमार मिश्रा के बेटे द्वारा कथित रूप से चलाए जा रहे वाहन से कुचल दिया गया। तिकुनिया पुलिस थाने में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 हत्या के लिए, 304-ए लापरवाही से वाहन चलाने के कारण हुई मौत के लिए, 120-बी आपराधिक साजिश के लिए और 147 दंगा करने के लिए, 279 तेज ड्राइविंग के लिए, 338 गंभीर चोट पहुंचाने, किसी व्यक्ति द्वारा जल्दबाज़ी या लापरवाही से कोई कार्य करके मानव जीवन को खतरे में डालने के साथ-साथ अन्य दंडात्मक प्रावधानों के साथ एफआईआर दर्ज की गई है।