नई दिल्ली: भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। \पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी का शुक्रवार रात निधन हो गया। पिछले कुछ दिनों से वो कोरोना वायरस संक्रमण से पीड़ित थे। करीब 70 सालों तक कानून के क्षेत्र से जुड़े रहे सोराबजी ने देश के अटार्नी जनरल का पद दो बार संभाला।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोराबजी के निधन पर शोक जताया| बता दें कि सोराबजी का नाम देश के बड़े मानवाधिकार वकीलों में शामिल था। उन्हें संयुक्त राष्ट्र की ओर से वर्ष 1997 में विशेष दूत के तौर पर नाइजीरिया भेजा गया था, ताकि वहां के मानवाधिकार के हालात के बारे में पता चले सके।
वर्ष 1989 से 1990 तक अटॉर्नी जनरल रहे सोराबजी ने दोबारा 1998 से 2004 तक यह जिम्मेदारी निभाई थी। सोली सोराबजी का पूरा नाम सोली जहांगीर सोराबजी था। उनका जन्म मुंबई में वर्ष 1930 में हुआ था। उन्होंने 1953 में बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू कर दिया था।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सोली सोराबजी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा कि:“श्री सोली सोराबजी एक उत्कृष्ट वकील और बुद्धिजीवी थे। क़ानून के माध्यम से वे गरीबों और कमजोर वर्गों के लोगों की सहायता करने के काम में सबसे आगे रहते थे। भारत के महान्यायवादी के रूप में उन्हें अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए स्मरण किया जाता रहेगा। उनके देहांत पर शोकाकुल हूँ। उनके परिजनों एवं प्रशंसकों के लिए मेरी संवेदनाएं।”