नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आज 12 ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है। प्रवर्तन निदेशालय नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली, मुंबई सहित 12 जगहों पर छापेमारी कर रहा है। कथित नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नेशनल हेराल्ड अखबार कार्यालयों सहित दिल्ली में कई जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) छापेमारी कर रही है।
नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पिछले महीने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से तीन दिनों तक पूछताछ की थी| उसके पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पांच दिनों तक ईडी ने पूछताछ की थी, जिसमें राहुल गांधी से करीब 150 सवाल पूछे गए थे|
पहली बार 21 जुलाई को ED ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 3 घंटे पूछताछ हुई थी| इसके बाद 26 जुलाई को 6 घंटे पूछताछ हुई| लगातार दूसरे दिन बुधवार (27 जुलाई) को ED ने सोनिया गांधी से 3 घंटे पूछताछ की थी। इस दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोनिया गांधी से 100 से अधिक प्रश्न पूछे थे|
ED के छापे पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोला है| वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘भारत के मुख्य विपक्षी दल INC India के खिलाफ जारी प्रहार के तहत बहादुर शाह जफर मार्ग स्थित हेराल्ड हाउस में रेड किया गया है। मोदी सरकार के विरुद्ध उठने वाली हर आवाज के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति की हम कड़ी भर्त्सना करते हैं। आप हमें चुप नहीं करा सकते! #ED शाही_बंद_करो
कांग्रेस ने ट्वीट किया,''नेशनल हेराल्ड अखबार आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था, तो अंग्रेज छापे मारते थे; आज कांग्रेस जनता की लड़ाई लड़ रही है, तो भाजपा का फ़्रंटल बन चुकी ED छापे मार रही है। हम ना डरेंगे, ना बेरोज़गारी और महंगाई के मुद्दों से मोदी सरकार को ध्यान भटकाने देंगे।
कांग्रेस ने कहा,'हेराल्ड हाउस' पर छापा भाजपाई प्रतिशोध की राजनीति का एक और उदाहरण है। चाहे वो लोग जितनी कोशिश कर लें, लेकिन कांग्रेस को जनता की आवाज उठाने से रोक नहीं सकते हैं। वो चाहते हैं कि सच की आवाज दबा दी जाए, न्याय के लिए उठने वाले 'हाथ' को झुका दिया जाए और यह सब करने के लिए वो हर अनुचित तरीके का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन, वो कभी सफल नहीं होंगे।
कांग्रेस ने कहा,'जनता के मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा सरकार लगातार प्रतिशोध की कार्रवाई कर रही है। ED जैसी सरकारी एजेंसियों का इस्तेमाल छद्म राजनीतिक हितों की पूर्ति के लिए किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा,''हेरल्ड हाउस पर ED के छापे देश के प्रमुख विपक्ष-भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के खिलाफ लगातार एजेन्सीयों के दुरुपयोग का एक और प्रमाण है मोदी सरकार के विरोध में बोलने वालों के खिलाफ यह बदले की राजनीति बेरोज़गारी और महंगाई से ध्यान नहीं भटका सकती
National Herald का पूरा मामला क्या है ?
1937 में कांग्रेस पार्टी के बड़े नेताओं ने AJL की एक बड़ी कम्पनी का गठन किया। इस कम्पनी ने उस समय अंग्रेजी में नेशनल हेरल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज तीन अखबार निकाले।
इन तीनों अखबारों का मकसद था, आजादी के लिए लड़ रहे स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज उठाना। इस कम्पनी के शेयरहोल्डर अलग अलग जिलों के बड़े कांग्रेसी परिवार थे। 1947 में आजादी के बाद अखबार चलता रहा और उस समय से AJL के जो भी देनदारियां थी, उसे कांग्रेस चुकाती रही।
धीरे धीरे एसोसिएट जनरल लिमिटेड पर कांग्रेस का करीब 90 करोड़ का कर्ज हो गया। यह कम्पनी रकम चुकाने में सक्षम नहीं थी। 2010 में कांग्रेस ने यंग इंडियन लिमिटेड नाम से एक नई कम्पनी का गठन कम्पनी एक्ट के सेक्शन 25 के तहत किया।
यह कम्पनियां सरकार के अधीन होती है और इनसे मुनाफा नहीं कमाया जा सकता है। कम्पनी के निदेशक तनख्वाह या वित्तीय लाभ के हकदार नहीं होते है। यंग इंडियन कम्पनी ने कांग्रेस से कहा AJL का लोन जो बकाया है वो इस नई कम्पनी को ट्रांसफर कर दे।
यंग इंडिया ने कांग्रेस को 50 लाख रुपए देकर 90 करोड़ का क़र्ज़ अपने नाम से ट्रांसफर करवा लिया। इसके बाद AJL के 90 फीसदी शेयर भी यंग इंडिया के नाम ट्रांसफर हो गए लेकिन एसोसिएट जनरल से जुड़ी सारी प्रोपर्टी AJL के पास ही रही।
इस बीच 2012 में सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कांग्रेस पर वित्तीय अनियमितताओं का एक केस दायर कर दिया | स्वामी का आरोप था कि कांग्रेस ने 90 करोड़ का लोन महज 50 लाख में माफ कर दिया। जबकि यह पैसा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं का था इसलिए पार्टी ने कार्यकर्ताओं के साथ धोखा किया है। जबकि कर्ज माफ करने का फ़ैसला कांग्रेस की कार्यसमिति ने लिया था। इस बीच में जीडी गोयन्का ने यंग इंडिया को चैक से कर्ज दिया। कांग्रेस ने कुछ समय बाद यह कर्ज को चैक से ही वापस कर दिया। इसी तरह के दो से तीन छोटे लोन यंग इंडिया ने चैक से लिए और चैक से ही वापस कर दिए।