● फर्जी नियुक्तियों के मामले में कई बड़े नेता कार्रवाई के दायरे में
● डीआईओएस राकेश कुमार ने प्रबंधकों को हटाने का भेजा प्रस्ताव
गोंडा: जिले में माध्यमिक विद्यालयों में फर्जी नियुक्तियों के मामले में कई बड़े नेता कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं। जिले प्रभावशाली सांसद व पूर्व मंत्री भी उन स्कूलों के प्रबंधक हैं जिनकी जांच ईओडब्लू कर रही है। अब शासन की सख्ती पर डीआईओएस राकेश कुमार ने जांच में फंसे नौ इंटर कॉलेजों के प्रबंधकों को हटाए जाने की संस्तुति की है। जिसमें डीएबी इंटर कॉलेज नवाबगंज के प्रबंधक कैसरगंज सांसद बृजभूषण शरण सिंह हैं और श्री गांधी इंटर कॉलेज नवाबगंज के प्रबंधक गोंडा सांसद कीर्तिवर्धन सिंह उर्फ राजा भैया हैं। इसके साथ ही मनकापुर के आरपी इंटर कॉलेज व एपी इंटर कॉलेज के प्रबंधक पूर्व सांसद कुवंर आनंद सिंह हैं। इन इंटर कॉलेजों की भी नियुक्तियां अनियमित बताई गई हैं और जांच हो रही है।
इसी तरह जनता इण्टर कालेज अमदही के प्रबंधक पूर्व विधायक अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू सिंह हैं। इनके साथ ही नौ प्रबंधकों को हटाने और प्रबंध समिति को भंग का प्रस्ताव भेजा गया है। पूरे मामले में दो पूर्व डीआईओएस की मुश्किलें भी बढ़ सकती है। जिले के सात सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में 40 शिक्षक और छह कर्मचारियों की नियुक्तियां नियमों के विपरीत मिलीं थीं। साल 2018 मे इस मामले में कार्रवाई भी हुई थी। मामले की जांच आयुक्त ने तीन सदस्यीय टीम से कराई थी, इसके बाद भी पूरी तरह से स्थिति साफ नही हो पाई थी। जिन कालेजों में नियुक्तियां हुईं थी वह जिले प्रभावशाली लोगों से जुड़े हुए थे।
माना जा रहा है कि नियुक्तियों से इंटर कॉलेजों में एक ओर जहां की गणना प्रभावित हुुई वहीं सरकार को राजस्व क्षति भी हुुई थी। ऐसे में मामले की जांच आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा को सौंपी गई है। इससे सरकार को हुए आर्थिक नुकसान की जांच भी सामने आएगी। वर्ष 2018 में राम खेलावन वर्मा के निलंबन के बाद तत्कालीन डीआईओएस हृदय नरायण त्रिपाठी ने विद्यालयों के शिक्षकों का वेतन रोक दिया। बताया गया कि इन विद्यालयों में 46 नियुक्तियां फर्जी पाई गई हैं। इनमें 40 शिक्षक के पद पर तथा छह चतुर्थ श्रेणी के पद पर तैनात किए गए हैं।
इन इंटर कॉलेजों में हुईं हैं गलत नियुक्तियां
जिले के एपी इंटर कॉलेज में 12 शिक्षक तथा तीन चतुर्थ श्रेणी कर्मी, आरपी इंटर कॉलेज में दो शिक्षक व दो चतुर्थ श्रेणी कर्मी, डीपी इंटर कॉलेज में दो, श्री गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज में दो शिक्षक व एक चतुर्थ श्रेणी कर्मी, एमडीबी सिंह इंटर कॉलेज तरबगंज में पांच शिक्षक, राजेंद्र नाथ लाहिड़ी इंटर कॉलेज तीन, डीएवी इंटर कॉलेज में चार, सुभाष इंटर कॉलेज में चारी तथा जनता इंटर कॉलेज अमदही में छह शिक्षकों की नियुक्ति प्रथम दृष्टया फर्जी पाई गई थीं। आर्थिक अपराध अनुसंधान ने जांच शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट-अतुल कुमार यादव