भोपाल: मध्य प्रदेश कैबिनेट ने धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश को मंजूरी दी। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार ने मंगलवार को धर्म स्वतंत्रता (धार्मिक स्वतंत्रता) अध्यादेश 2020 (लव जिहाद) को मंजूरी दे दी है।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा,'' धर्म छुपाकर अथवा झूठा अभिनय करके अधिनियम के विरुद्ध धर्म परिवर्तन किए जाने पर कड़ी सज़ा का प्रावधान किया गया है। एक ही समय में 2 या 2 से अधिक लोगों का सामूहिक धर्म परिवर्तन किए जाने पर 5 वर्ष-10 वर्ष का कारावास और न्यूनतम 1 लाख रु. के अर्थदंड की सज़ा होगी|
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा,'प्रस्तावित अधिनियम में दर्ज़ अपराध संज्ञेय और गैरजमानती होंगे। इसकी सुनवाई के लिए सत्र न्यायालय ही अधिकृत होंगे|
इस कानून के अनुसार किसी भी व्यक्ति द्वारा लालच देकर, धमकाकर, धर्म परितर्वन कराने को गैर कानूनी माना गया है।अध्यादेश के मुताबिक शादी या किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। कोरोना के कारण विधानसभा सत्र स्थगित होने के कारण सरकार अध्यादेश लेकर आई है। अब सरकार ने इसे अध्यादेश के रूप में मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेज दिया है।
'धर्म स्वतंत्रता विधेयक 2020' को कैबिनेट से ध्वनि मत से पारित किया गया था। नए कानून में कुल 19 प्रावधान हैं, जिसके तहत अगर धर्म परिवर्तन के मामले में पीड़ित पक्ष की तरफ से शिकायत की जाती है, तो पुलिस आरोपी पर कार्रवाई करेगी। अगर कोई व्यक्ति धन और संपत्ति के लालच में धर्म छिपाकर शादी करता है तो उसकी शादी को शून्य माना जाएगा। इसके अलावा धर्म परिवर्तन पर संबंधित संस्थान भी बराबर का जिम्मेदार माना जाएगा।