बस्ती: यूपी के बस्ती जिलें के हर्रैया थाना क्षेत्र के छपिया शुक्ल गांव निवासी एक न्यायिक अधिकारी ने नहर निर्माण कार्य को रोक दिया। बुधवार को अपनी जमीन से नहर न निकालने देने की जिद पर अड़े न्यायिक अधिकारी ने नहर का काम रोकने के लिए खुद जेसीबी के आगे लेट गए।बुधवार रातभर तहसीलदार, सीओ व अन्य अधिकारी उन्हें मनाते रहे। अपनी जमीन पर जबरन नहर खोदे जाने से नाराज मनोज शुक्ला का विरोध दूसरे दिन गुरूवार को भी जारी रहा। बुधवार रात भर चली मनुहार के बाद न्यायिक अधिकारी, गुरुवार दोपहर धरने से हटे। फिलहाल,इसी बीच नहर का कार्य पूरा कर दिया गया। अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे लेकर सरकार पर तंज कसा है।
अपनी जमीन बचाने के लिए खेत में जेसीबी के आगे ADJ के लेटे जाने के मामले में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, जब न्यायालय से जुड़े व्यक्तियों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम जनता के साथ क्या होगा?....यादव ने कहा,''ये बदहाल क़ानून-व्यवस्था का निकृष्टतम उदाहरण है। अखिलेश यादव ने कहा,,''जनता को जस्टिस चाहिए जेसीबी नहीं|
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा,''उप्र में हो रहे अन्याय के ख़िलाफ़ अपर ज़िला जज श्री मनोज कुमार शुक्ला के मामले का तुरंत न्यायिक संज्ञान लिया जाए। जब न्यायालय से जुड़े व्यक्तियों के साथ ऐसा हो रहा है तो आम जनता के साथ क्या होगा। ये बदहाल क़ानून-व्यवस्था का निकृष्टतम उदाहरण है। जनता को जस्टिस चाहिए जेसीबी नहीं!
बताते चलें कि,''जिले की हर्रैया तहसील के छपिया शुक्ल गांव से होकर गुजरने वाली जमुनीपुर रजवाहा सरयू नहर की खुदाई कार्य पिछले 2 साल से चल रहा है। रजवाहा के करीब 28 किमी से अधिक नहर का निर्माण हो चुका है। लेकिन छपिया शुक्ल गांव के करीब 2 सौ मीटर नहर का काम अधर में लटका हुआ है। जिस जमीन से होकर नहर गुजरना है वह सुल्तानपुर जिले में एडीजे के पद पर कार्यरत न्यायिक अधिकारी मनोज कुमार शुक्ला की है। नहर खुदाई कार्य के दौरान वे बुधवार की रात में जेसीबी के आगे लेट गए। कहा कि वे अपनी जमीन से होकर नहर नहीं निकलने देंगे। न्यायिक अधिकारी के जेसीबी के आगे लेटने की खबर से हडकंप मच गया।
न्यायिक अधिकारी का आरोप है कि प्रशासन जबरिया उनकी जमीन से नहर निकलवाना चाहता है। जबकि न तो उन्हें जमीन अधिग्रहित करने के लिए कोई नोटिस आज तक मिली और न ही मुआवजा। बृहस्पतिवार को उन्होंने ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को शिकायती पत्र देकर बताया कि उनकी जमीन का बिना बैनामा कराए ही खुदाई करा दी गई। उन्होंने संबंधित जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग किया। इसी बीच नहर का कार्य पूरा कर दिया गया।
प्रशासन ने खुदवा दी नहर
दूसरे दिन एडीएम अभय कुमार मिश्र ने गांव पहुंचकर उनसे वार्ता की, लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद प्रशासन ने न केवल नहर की खुदाई करवा दी। बल्कि उसमें पानी भी छोड़ दिया गया। नहर के निर्माण कार्य को बाधित करने के मामले में सरयू नहर खण्ड अयोध्या के जिलेदार विवेकानन्द भारती द्वारा मयंक पुत्र अज्ञात के विरूद्ध हर्रैया थाने में मुकदमा तक दर्ज कराया गया है। जिस मयंक के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है वह एडीजे के भतीजे बताए जाते हैं।
छपिया शुक्ल गांव में नहर खुदाई विवाद के समर्थन पर क्षेत्र से समाजसेवी चंद्रमणि पांडेय सुदामा भी किसानों के समर्थन में उतर आए हैं। जैसे ही नहर में पानी छोड़ा गया वह बीच में जाकर बैठ गए। पानी बढ़ता देख पुलिस ने उन्हें जबरिया बाहर निकाला। चंद्रमणि ने आरोप लगाया कि उन्हें बाहर निकालने के दौरान उप निरीक्षक कन्हैया पांडेय ने उनके साथ बदसलूकी की। जिससे उन्हें चोट लग गई और कपड़े फट गए। बदसलूकी के विरोध में वह वहीं धरने पर बैठ गए। उन्होंने बताया कि शुक्रवार से तहसील परिसर में धरना देंगे। जबकि उप निरीक्षक ने इसे बेबुनियाद बताया।
चंद्रमणि पांडेय को जबरिया बाहर निकलती पुलिस
फिलहाल अपनी पैतृक जमीन से नहर न निकालने के लिए विरोध कर रहे एडीजे का जेसीबी के आगे लेटना भी काम नहीं आया और नहर में पानी छोड़ दिया गया। इस मामले मे काश्तकार के साथ खड़े समाजसेवी चंद्रमणि पांडेय' सुदामा' को पुलिस ने पहले हिरासत मे लिया,फिर छोड़ा,जिसे लेकर वे नहर किनारे धरने पर बैठ गए।