कोकराझार (असम) : गुजरात के विधायक और कांग्रेस नेता जिग्नेश मेवाणी को आज असम की एक अदालत से ज़मानत मिल गई है| विधायक पर असम पुलिस की एक अधिकारी ने बदसलूकी करने का आरोप लगाया था। इस मामले में केस दर्ज कर उन्हें उस वक्त गिरफ्तार कर लिया गया था, जब अदालत ने पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट के मामले में उन्हें बेल दे दी थी।
25 अप्रैल, 2022 को बारपेटा पुलिस ने गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को विवादित ट्वीट से जुड़े मामले में ज़मानत मिलने के बाद पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में फिर से गिरफ़्तार किया था| आज, 29 अप्रैल, 2022 को पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में विधायक जिग्नेश मेवाणी को असम की बारपेटा जिला एवं सत्र न्यायाधीश न्यायालय ने जमानत दे दी है।
बारपेटा(असम) में पुलिसकर्मी पर कथित हमले के मामले में ज़मानत मिलने पर गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा,''मुझे न्यायतंत्र पर भरोसा था, है और रहेगा... मुझे पुलिस से दुर्व्यवहार करना होता तो गुजरात से मुझे उठाया तब करता। ये भाजपा सरकार का षड्यंत्र है, वे मेरा हौसला तोड़ना चाहते हैं|
बता दें कि,''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ 'कथित' विवादित ट्वीट करने मामले में गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी को पहली बार गुरुवार 21 अप्रैल, 2022 को गुजरात के पालनपुर से असम पुलिस की एक टीम ने गिरफ्तार किया था| मेवाणी पर सोशल मीडिया में पीएम मोदी के खिलाफ टिप्पणी करने का आरोप था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट करने को लेकर कोर्ट ने सोमवार को ही जिग्नेश मेवानी को जमानत दी थी| जिस दिन उन्हें ट्वीट मामले में जमानत मिली उस दिन मेवाणी ने संवाददाताओं से कहा था, 'यह भाजपा और आरएसएस की साजिश है। उन्होंने मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसा किया है। वे व्यवस्थित रूप से ऐसा कर रहे हैं।
जमानत के कुछ ही देर बाद जिग्नेश मेवानी पर दूसरे थाने में दर्ज महिला पुलिसकर्मी के साथ बदतमीजी करने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था| इस गिरफ्तारी के बाद जिग्नेश को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां उन्हें 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा गया था|