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400 रु प्रति क्विंटल घोषित करें गन्ने का रेट और तत्काल सारा गन्ने का बकाया हो भुगतान: चिट्ठी लिख वरुण गांधी ने की सीएम योगी से मांग, दिए 7 सुझाव

  • by: news desk
  • 12 September, 2021
 400 रु प्रति क्विंटल घोषित करें गन्ने का रेट और तत्काल सारा गन्ने का बकाया हो भुगतान: चिट्ठी लिख वरुण गांधी ने की सीएम योगी से मांग, दिए 7 सुझाव

लखनऊ:  उत्तर प्रदेश में किसानों को कई राहत देने की मांग करते हुए यूपी के पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा। इसमें उन्होंने गन्ने की कीमतों में वृद्धि करने, गेहूं और धान की सरकारी खरीद पर बोनस देने, प्रधानमंत्री किसान योजना की राशि दोगुनी करने और डीजल पर सब्सिडी देने की मांग की है। पीएम किसान सम्मान निधि के तहत सालाना छह हजार रुपये की सम्मान राशि को दोगुना कर 12 हजार रुपये सालाना करने की मांग की गई है| उन्होंने इसके लिए छह हजार रुपये की धनराशि राज्य सरकार की ओर से दिए जाने का सुझाव दिया गया है|



बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कहा,''किसानों की बुनियादी समस्याओं को इंगित करता मेरा पत्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के नाम, उम्मीद है कि भूमिपुत्रों की बात ज़रूर सुनी जाएगी|  वरुण गांधी ने पत्र लिख कर CM योगी आदित्यनाथ से कहा,'' पिछले चार सालों के कार्यकाल में आपने किसान हित में अनेकों कदम उठाए हैं जिनकी मैं सराहना करते हुए आपको इस पत्र के माध्यम से साधुवाद देता हूँ। पिछले दिनों मेरे लोकसभा क्षेत्र पीलीभीत से किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल मुझसे आकर मिला। प्रदेश के अन्य जिलों के किसान भी अपनी समस्याओं को लेकर मुझसे मिलते रहते हैं। किसानों ने अपनी समस्याओं को मेरे माध्यम से आपके संज्ञान में लाने और उनके निराकरण का अनुरोध किया है। 



CM योगी आदित्यनाथ से वरुण गांधी ने कहा,'''किसानों की समस्याओं को लेकर मेरे कुछ सुझाव आपके विचार हेतु प्रेषित हैं

1. मेरे क्षेत्र व उत्तर प्रदेश में गन्ना एक प्रमुख फसल है। गन्ना किसानों ने मुझे अवगत कराया कि गन्ने की लागत बहुत ज्यादा बढ़ गई है जबकि पिछले चार सत्रों में गन्ने के रेट में मात्र दस रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। दूसरा, आपने गन्ने का भुगतान पिछली सरकारों के सापेक्ष ज्यादा करवाया है जो सराहनीय है परंतु आज भी गन्ने का इस सत्र का कुछ भुगतान बकाया है। मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि गन्ना किसानों की आर्थिक समस्याओं, गन्ने की बढ़ती लागत और महंगाई दर को देखते हुए सरकार गन्ना किसानों की मांग के अनुसार आगामी गन्ना सत्र 2021-22 में गन्ने का रेट (एसएपी) बढ़ाकर कम से कम 400 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करे और तत्काल सारा बकाया गन्ना भुगतान करवाना सुनिश्चित करे।



- प्रदेश में बटाईदार किसान अपना गन्ना मिलों को आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं, जिस कारण उन्हें मजबूरी में काफी घाटे में कोल्ह पर अपना गन्ना बेचना पड़ता है। आपसे निवेदन है कि बटाईदार किसानों को भी मिलों में गन्ना आपूर्ति करने की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए। इसके अलावा गन्ना किसानों का निवेदन है कि उन्हें उचित मात्रा में सस्ता बीज, उर्वरक, कीटनाशक आदि भी सरल प्रक्रिया के माध्यम से उपलब्ध करवाने का कष्ट करें। गन्ने की फसल में लगे विभिन्न रोगों को रोकने हेतु भी गन्ना विभाग को निर्देशित कर त्वरित कार्यवाही करने का कष्ट करें |




2. उत्तर प्रदेश व मेरे क्षेत्र की दूसरी महत्वपूर्ण फसल धान के किसानों की मांग है कि उनकी धान की सारी फसल को एमएसपी पर खरीदने की सरकार व्यवस्था करे। आपने अपने कार्यकाल में फसलों की सरकारी खरीद में सराहनीय बढ़ोतरी की है परंतु अभी भी बहुत से किसान सरकारी खरीद की व्यवस्था से लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं। इस विषय में मेरा आपसे विनम्र निवेदन है कि सरकार आगामी धान व उसके बाद गेंहू खरीद सीज़न के दौरान पर्याप्त संख्या में खरीद केन्द्रों की व्यवस्था करवाकर सभी किसानों की सारी धान व गेहं खरीद सुनिश्चित करे। गेंहू और धान की सरकारी खरीद पर सरकार 200 रुपये प्रति क्विंटल का अलग से बोनस देने पर विचार करे।



3.किसानों ने यह निवेदन भी किया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में नलकूप और आवासीय दोनों तरह की बिजली के रेट बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं जिस कारण उन्हें बिल भुगतान में बहुत ज्यादा कठिनाई हो रही है। मेरा आपसे विनम्र आग्रह है कि किसानों की आर्थिक कठिनाइयों को देखते हए बिजली के रेटों में तत्काल कमी कर किसानों को राहत दी जाए।



4. ग्रामीण क्षेत्रों में आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है जो दिनरात फसलों को नकसान पहुंचा रहे हैं। मेरा आपसे विनम आयह है कि आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार तत्काल गौशालाओं के निर्माण व अन्य प्रभावकारी कदम उठाए।


5. पीएम किसान योजना के लिए किसानों ने आपका और केंद्र सरकार का विशेष आभार प्रकट करते हुए निवेदन किया है की इस योजना की राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये प्रति वर्ष प्रति किसान परिवार करने का कष्ट करें। इस विषय में मेरा आग्रह है कि राज्य सरकार अपनी ओर से 6000 रुपए अतिरिक्त देने पर विचार कर सकती है।



6. किसानों ने यह निवेदन भी किया है कि मनरेगा योजना के मजदूरों को कृषि कार्यों में भी लगाएं। इससे इस योजना में खर्च हो रहे धन का सदुपयोग होगा और किसानों की लागत घटेगी।


7. किसानों ने बढ़ती कृषि लागत को देखते हुए निवेदन किया है कि कृषि कार्यों हेतु प्रयोग होने वाले डीजल पर कम से कम 20 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी किसानों को दी जाए। मुझे आशा है कि किसान हित में इन सुझावों पर आप सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे।





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