प्रतापगढ़: कोरोना संक्रमण को लेकर ग्रामीणों में किस कदर अंधविश्वास फैला हुआ है कि प्रतापगढ़ जिले में कोरोना माता का मंदिर बना दिया गया है| यह मंदिर चर्चा का विषय बना हुआ है| लोग यहां पूजा कर रहे हैं और उनका मानना है कि कोरोना माता उन्हें इस महामारी से छुटकारा दिलाएंगी। प्रतापगढ़ जिले के एक गांव में नीम के पेड़ के नीचे ग्रामीणों ने मिलकर यह मंदिर बनाया है। एक रहवासी ने बताया, गांव वालों ने मिलकर इस मंदिर की स्थापना की है। सभी यहां पूजा करते हैं। माता की जो मूर्ति स्थापित की गई है, उसने मास्क पहना है।
प्रतापगढ़ जिले के सांगीपुर थाना के जूही शुक्लपुर गांव में नीम के पेड़ के नीचे बना कोरोना माता का मंदिर....... शुक्लपुर गांव में कोरोना को लेकर अंधविश्वास जोरों पर है| यहां कोरोना के खौफ में ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से चंदा जुटाकर कोरोना माता का मंदिर बनवा दिया है|रोज यहां ग्रामीण पूरे विधि-विधान से कोरोना माता की पूजा करते हैं|
एक ग्रामीण ने कहा, "ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से इस विश्वास के साथ मंदिर की स्थापना और स्थापना की कि देवता की पूजा करने से निश्चित रूप से लोगों को कोरोनावायरस से राहत मिलेगी।"
गांव के लोग महामारी को देवी का प्रकोप मान रहे हैं| उन्होंने पूरे विश्वास के साथ मंदिर में देवी की मूर्ति भी लगाई है| अब बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष इकट्ठा होकर कोरोना माता को पूज रहे हैं और उनसे प्रकोप न करने के लिए हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहे हैं| आश्चर्य की बात तो यह है अंधविश्वास में तैयार इस मंदिर में ग्रामीणों समेत दूर-दराज से लोग भी पहुंच रहे हैं|यहां लोग कोरोना माता की पूजा अर्चना करते हुए नजर आ रहे हैं... ग्रामीण अगरबत्ती जलाकर और प्रसाद चढ़ाकर कोरोना माता की पूजा करते हुए जल भी चढ़ाते हैं| कोरोना माता की प्रतिमा मास्क लगाए, हाथ धुलते हुए, कोरोना से दूर रहने का संदेश भी दे रही है|
मंदिर में लिखे गए ये निर्देश: ग्रामीणों का दावा है कि, यह विश्व का पहला कोरोना माता का मंदिर है। मंदिर की दीवारों पर कुछ संदेश भी लिखे गए हैं। जिनमें कृपया दर्शन से पूर्व मास्क लगाएं, हाथ धोएं, दूर से दर्शन करें वरना...। इतना ही नहीं एक तरफ लिखा गया है कि कृपया सेल्फी लेते समय मूर्ति को न छुएं तो दूसरी तरफ कृपया पीले रंग का ही फूल, फल, वस्त्र, मिठाई, घंटा आदि चढ़ाएं। अब इसे अंधविश्वास कहें या लोगों की आस्था लेकिन मंदिर में बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने भी पहुंच रहे हैं।