पटना : गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर परेड और हिंसा पर रिपोर्टिंग को लेकर छह वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों के खिलाफ देशद्रोह के आरोप दर्ज किये जाने की मीडिया संगठनों ने शनिवार को निंदा की थी | इस बीच किसानों के आंदोलन को कवर कर रहे स्वतंत्र पत्रकार मनदीप पुनिया को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर आज यानी रविवार दोपहर म्यूनिसिपल मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया| इसके बाद उन्हें तिहाड़ जेल भेज दिया गया|
इस पूरे मामले को लेकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है| तेजस्वी यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, ",आज़ाद विचार के कभी भी क़ैद नईखे करऽल जा सकऽअऽता। बोलऽअ की लब आज़ाद बा तोहार स्वतंत्र बोल आओर विचार केऽ कोनो जेल बंद नहि राखि सकैत अछि। बाजू कि अहाँक ठोर पर किनको पहरेदारी नही चलक चाही। स्वतंत्र विचारों को कभी बेड़ियों में नहीं जकड़ा जा सकता। बोल की लब आज़ाद हैं तेरे..! कौनो जेल के दीवाल इतना ऊंचा न होआ हे कि विचार कैद कर के रख सके। ई लेल खुल के बोलऽ,जोर से बोलऽ
बता दें कि,'' प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेन्स प्रेस कोर, दिल्ली पत्रकार संघ और भारतीय पत्रकार संघ समेत अनेक मीडिया संगठनों ने विरोध स्वरूप बैठक कर पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किये जाने की निंदा की थी| वरिष्ठ पत्रकार और प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आनंद सहाय ने आरोप लगाया था कि मौजूदा सरकार को लोकतंत्र की फिक्र नहीं है और आलोचना की छोटी सी भी आवाज पर लोगों को जेल में डाला जा सकता है। सहाय ने कहा था, ‘‘आपातकाल में भी पत्रकारों के खिलाफ नियम इतने कठोर नहीं थे। मुझे नहीं याद आता कि कोई देशद्रोह के आरोप में जेल गया हो।
उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की पुलिस ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय, जफर आगा, परेश नाथ, अनंत नाथ और विनोद के जोस के खिलाफ देशद्रोह के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी। उन पर 26 जनवरी को दिल्ली में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान रिपोर्टिंग के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। दिल्ली पत्रकार संघ के अध्यक्ष एस के पांडेय ने आरोप लगाया था कि हालात ‘अघोषित आपातकाल’ जैसे हैं।