पटना: केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने “रामचरित मानस” को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताने वाले बिहार शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को तुरंत बर्खास्त करने की मांग की है| उन्होंने कहा कि,ऐसा मंत्री को मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं है| उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए| मंत्री चंद्रशेखर के बयान पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि,' रामचरित मानस के बारे में जिसने कहा उन्हें ज्ञान सीखने की आवश्कता है। उन्होंने करोड़ों लोगों की श्रद्धा पर जो चोट पहुंचाया है ये सनातन धर्मावलंबी कभी बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हें देशवासियों से माफी मांगना चाहिए| ऐसा मंत्री को मंत्री पद पर रहने का अधिकार नहीं उन्हें तुरंत बर्खास्त करना चाहिए|
अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि,'श्री 'रामचरितमानस' भारतीय सनातन, भारत की सांस्कृतिक चेतना का अग्रदूत है। समस्त सनातन प्रेमियों के लिए यह ग्रंथ उच्च मानवीय मूल्यों व आदर्शों का पालन करने की प्रेरणा देता है। बिहार के मूढ़ शिक्षा मंत्री का श्री रामचरितमानस के संदर्भ में दिया गया बेतुका बयान समाज को बांटने वाला है।
दरअसल, बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा था कि,''मनुस्मृति को क्यों जलाया गया क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेको गालियां दी गई। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?. मनुस्मृति, रामचरितमानस, गुरु गोलवलकर के बंच ऑफ थॉट्स... यह ग्रंथ नफरत फैलाने वाले ग्रंथ हैं। नफरत देश को महान नहीं बनाएगा, देश को मोहब्बत महान बनाएगा|
शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर प्रसाद बुधवार (11 जनवरी) को बिहार की राजधानी पटना के बापू सभागार में आयोजित नालंदा खुला विश्वविद्यालय के 15वें दीक्षांत समारोह में शामिल हुए थे। इस दौरान चंद्रशेखर प्रसाद ने मंच से भाषण देते हुए कहा कि मनुस्मृति, राम चरित मानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने वाले ग्रंथ है।
अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए चंद्रशेखर प्रसाद ने पूछा कि आप भारत को ताकतवर नफरत से बनाएंगे या मोहब्बत से ? जब सभागार में बैठे बच्चों की ओर से आवाज आई ‘मोहब्बत से’, तो शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण को जारी रखते हुए कहा कि देश में कुछ विचार ऐसे चले हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं और यह विचार आज के नहीं हैं बल्कि तीन हजार साल पहले जब मनुस्मृति लिखी गयी यह विचार वहीं से आए हैं।
चंद्रशेखर प्रसाद ने राम चरित मानस की चौपाई सुनाते हुए कहा कि यह ग्रंथ शूद्रों का अपमान करता है। यह ऐसा ग्रंथ है जो नफरत बोता है। उन्होंने कहा,'' बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हवाला देते हुए कहा कि बाबा साहब ने मनुस्मृति को इसलिए जलाया था क्योंकि यह दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। चंद्रशेखर प्रसाद ने भाजपा-आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि आरएसएस और इससे जुड़े हुए लोग समाज में नफरत को बढ़ावा दे रहे हैं।