मुंबई: केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि आपको बालासाहेब की चिंता करने की जरुरत नहीं हैं।दरअसल, केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशान साधते हुए कहा था कि उनके दिवंगत पिता बाल ठाकरे की आत्मा को 'हनुमान चालीसा' का पाठ करने के लिए गिरफ्तारी पर चोट लगी होगी।
अश्विनी कुमार चौबे के बयान पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा,''उनको (अश्विनी कुमार चौबे) बालासाहेब जी की चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। हनुमान चालीसा के नाम पर आप राजनीति कर देश को बांटने और महाराष्ट्र को बदनाम करने का काम कर रहे हैं और हम आपसे लड़ रहे हैं यह देख कर बालासाहेब जरूर खुश होंगे|
UP के CM योगी आदित्यनाथ पर निशान साधते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा,''हनुमान दलित है उनकी पूजा करने की जरूरत नहीं ऐसा योगी जी का वक्तव्य था, तो आप कब से बजरंग बली के प्रेमी बन गए?|
उन्होंने कहा, हनुमान चालीसा के नाम पर आप राजनीति कर देश को बांटने और महाराष्ट्र को बदनाम करने का काम कर रहे हैं और हम आपसे लड़ रहे हैं यह देख कर बालासाहेब जरूर खुश होंगे।
दरअसल, अमरावती से सांसद नवनीत राणा और निर्दलयी विधायत रवि राणा की गिरफ्तारी को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा था कि हनुमान को चालीसा पढ़ने के लिए किसी को गिरफ्तार किया जा रहा है। अगर बालासाहेब ठाकरे आज जिंदा होते तो उनकी आंखों में आंसू आ जाते।
बता दें कि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने शनिवार 23 अप्रैल, 2022 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने राणा के आवास के आगे विरोध प्रदर्शन किया था|
इसके बाद मुंबई पुलिस ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं और नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को गिरफ्तार किया था| इसके बाद रविवार को मुंबई की एक अदालत ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था|
हाईकोर्ट ने राणा दंपती को फटकार भी लगाई
सोमवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने राणा दंपती की दूसरी FIR (IPC की धारा 353) रद्द करने की याचिका खारिज करते हुए जमकर फटकार लगाई थी। कोर्ट ने कहा था कि किसी के घर के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ना किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है। राणा दंपती की वजह से लॉ एंड ऑर्डर की समस्या पैदा हो गई थी। पुलिस की इस बात में तथ्य है। याचिकाकर्ता (राणा दंपती) एक जन प्रतिनिधि हैं, इसलिए उनकी जवाबदारी भी बड़ी है। बड़ा पद बड़ी जिम्मेदारी के साथ आता है। यह सबको पता है। इसलिए ऐसे लोगों को कुछ भी जिम्मेदारी की भावना से बोलना चाहिए। इसकी अपेक्षा की जाती है।